नुहियांवाली की श्रीरामभक्त हनुमान गोशाला में श्रीरामकथा एवं दुर्लभ सत्संग
ओढ़ां
खंड के गांव नुहियांवाली में समस्त गांववासियों के सहयोग से आयोजित श्रीरामकथा भक्तिमय माहौल में सम्पन्न हो गई लेकिन गांववासियों के विशेष आग्रह पर स्वामी विजयानंद गिरी ने कहा कि दुर्लभ सत्संग का समापन अगले दिन होगा।
श्रीरामकथा के समापन पर हवन यज्ञ और भंडारे में नुहियांवाली और आसपास के गांवों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सरपंच बाबूराम गैदर ने सबके सामने मदिरा सेवन को हमेशा के लिए त्याग देने का प्रण लिया तो अन्य अनेक गांववासियों ने भी व्यस्नों को त्यागने की शपथ लेते हुए प्रतिदिन सुबह सबेरे गोशाला में गोसेवा करने का संकल्प लिया।
श्रीरामकथा के समापन पर कथावाचक स्वामी स्वरूप दास ने कहा कि भगवान श्रीराम ही नहीं बल्कि रामकथा के सभी पात्र अपने धर्म का पालन हुए मानवता के कल्याणार्थ आदर्श प्रस्तुत करते हैं। श्रीराम ऐसे आदर्श पुत्र हंै जिनके लिए पिता की आज्ञा सर्वोपरि है। पति के रूप में उन्होंने सदैव एकपत्नीव्रत का पालन किया तथा राजा के रूप में प्रजाहित को सर्वोपरि समझा। वे अत्यन्त तेजस्वी, विद्वान, धैर्यशील, पराक्रमी, दुष्टों का दमन करने वाले, युद्ध एवं नीति कुशल, धर्मात्मा, मर्यादा पुरुषोत्तम, प्रजा वत्सल, शरणागत को शरण देने वाले, सर्वशास्त्रों के ज्ञाता एवं प्रतिभा सम्पन्न हैं। वहीं दूसरी ओर महान पतिव्रता सीताजी वैभव और ऐश्ववर्य को त्याग पति संग वन को गई तथा भातृप्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर लक्ष्मण भी साथ गए। भरत ने स्वयं की बजाय बड़े भाई की पादुका सिहांसन पर प्रतिष्ठित कर सेवक के रूप में राज किया। कौशल्या ने कैकई पुत्र भरत पर राम समान स्नेह लुटाते हुए आदर्श माता की भूमिका निभाई और हनुमानजी आदर्श भक्त हैं तथा रावण का चरित्र बताता है कि अहंकार पतन का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि उक्त पात्रों से सीख लेकर नि:संदेह मानव जीवन सार्थक हो सकता है।
इस अवसर पर गोशाला प्रबंधक समिति के अध्यक्ष बलराम सहारण, महेंद्र नीमिवाल, रामेश्वर कूकना, महेंद्र गैदर, ओम सुमरा, बद्रीप्रसाद गैदर, उदयसिंह राजपूत, हंसराज निमीवाल, भागाराम नेहरा, मांगेराम कूकना, अमर सिंह, कृष्ण कूकना, असीर गैदर और दुलीचंद नेहरा आदि ने श्रीरामकथा के समापन पर हजारों श्रद्धालुओं तथा दोनों स्वामी जी को बधाई व धन्यवाद देते हुए श्रीरामभक्त हनुमान गोशाला की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जिस पर कथास्थल करतल ध्वनि से गूंज उठा। इस मौके पर श्रीरामभक्त हनुमान गोशाला के सेवादारों सहित अनगिनत महिला पुरूष श्रद्धालु मौजूद थे।