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06 January 2020

नागरिकता संशोधन बिल सीएए को लेकर चलाया जागरूकता अभियान

ननकाना साहिब गुरूद्वारा पर पत्थरबाजी निंदनीय : देवकुमार शर्मा
ओढां
नागरिकता संशोधन बिल सीएए की जागरूकता एवं सत्यता तथा प्रचार प्रसार को लेकर भाजपा की ओर से चलाए जा रहे जन जागरण अभियान के अंतर्गत आज ओढां के बीडीओ ब्लॉक के बाहर बस स्टेंड पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। जहां पर प्रमुख वक्ता के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवकुमार शर्मा व ओढां मंडल अध्यक्ष सतिंद्र गर्ग उपस्थित रहे। इस अवसर पर उनके साथ पिपली के सरपंच शामलाल शर्मा, टप्पी के धमेंद्रपाल, सुखदेव व जगदीश चोरमार, सूरजभान, लीलाधर, संतोष सिंह पाना, कृष्ण गर्ग, बजरंग गर्ग, बब्बू मिठडी, जगराज सिंह जंडवाला, अंग्रेज सिंह चोरमार और गुरलाल सिंह सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अपने संबोधन में भाजपा देवकुमार शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल लोगों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है ना की छीनने के लिए। बिल में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि भारत के लोगों की नागरिकता छीनी जाएगी, यह बिल पड़ोसी राष्ट्रों से आए नागरिकों के लिए है, इस बिल में उन नागरिकों को नागरिकता दी जाएगी जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीडऩ के कारण वहां से विस्थापित होकर 31 दिसंबर 2014 के निर्णय तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत में निवास करने वाले किसी भी भारतीय मुसलमान की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी किंतु मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए विरोधियों द्वारा अपने राजनीतिक लाभ को ध्यान रखते हुए एक विशेष समुदाय को भड़काया जा रहा है जिससे वह देश को अस्थिर कर सकें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरूद्वारा पर पत्थरबाजी किया जाना, सिख समुदाय के लोगों को बंधक बनाना और लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाकर मुस्लिम समुदाय में विवाह करवाना निंदनीय है। इस तरह की प्रताडऩा झेल रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का बिल ही नागरिक संशोधन बिल है। उन्होंने कहा कि छह वर्ष के मोदी कार्यकाल में कोई भी ऐसा भ्रष्टाचार नहीं हुआ है जिससे विरोधी बौखला गए हैं और यह देश में दंगा फसाद करवा कर देश को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए हम चाहेंगे कि भारत का कोई भी नागरिक अपनी नागरिकता को लेकर भयभीत ना हो किसी भी नागरिक की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी।

छायाचित्र: ओढां में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते भाजपा नेता देवकुमार शर्मा।

शीतकालीन राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का पांचवां दिन

ओढां
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओढां में एनएसएस की 50 वर्षगांठ पर आयोजित सात दिवसीय शीतकालीन राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के अंतर्गत पांचवें दिन नोडल अधिकारी डॉ संदीप शर्मा के कुशल नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने साफ सफाई के साथ साथ वृक्षों के तनों और रास्ते के दोनों ओर लगी ईंटों पर सफेदी पोती तथा क्यारियों को व्यवस्थित कर श्रमदान किया।
इस दौरान सुख सहायक बजीर सिंह की देखरेख में स्वयंसेवकों ने सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की। प्राचार्य विक्रमजीत सिंह ने स्वयंसेवकों को कैरियर बनाने के अनेक महत्वपूर्ण टिप्स दिए। शिविर के दौरान स्वयंसेवकों को श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के जीवन के बारे में जानकारी देते हुए पंजाबी प्रवक्ता जितेंद्र गर्ग ने गुरूओं की कुर्बानियों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर डीपीई बलविंद्र सिंह और राविंद्र सिंह सहित अन्य स्टाफ सदस्य व स्वयंसेवक उपस्थित रहे। वहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नुहियांवाली में आज रविवार को शीतकालीन सात दिवसीय विशेष राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के पांचवें दिन का शुभारंभ ईश्ववंदना के साथ किया गया। आज स्वयंसेवकों ने गौशाला की सफाई करते हुए वहां झाड़ू लगाई और गोबर इक_ा किया। इस मौके पर शिविर प्रभारी पवन कुमार, रोहताश, माडूराम आदि स्टॉफ सदस्य मौजूद थे।

छायाचित्र:  क्यारियों के दोनों ओर लगी ईंटों पर सफेदी पोतते स्वयंसेवक।

दिव्यांगों को बाधा मुक्त परिवेश में सम्मान सहित जीने का अधिकार मिले

ओढां
ओढां में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में विकलांग जन कल्याणार्थ समर्पित संस्था विकलांग संघ उमंग के प्रदेशाध्यक्ष बंसी लाल झोरड़ ने दिव्यांग जन कल्याणार्थ विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तमाम प्रावधानों को धरातल पर सच्चे अर्थों में लागू करने की दिशा में सरकार कड़े कदम उठाए ताकि दिव्यांगजन को बाधा मुक्त परिवेश में सम्मानजनक जीवन जीने का संविधान प्रदत्त अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों व उद्योगों में भी दिव्यांगजन को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाते हुए रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जिला प्रशासन से भी मांग करते हैं कि तमाम विभागों में पात्र दिव्यांग उम्मीदवारों को डीसी रेट पर नियुक्ति प्रदान कर उन्हें जीवन यापन के बेहतर विकल्प उपलब्ध करवाएं। वही उन्होंने चिंता जताई कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 1995 के लागू होने से 25 साल बाद भी धरातल पर दिव्यांगजन को सार्वजनिक स्थानों पर बाधा मुक्त परिवेश उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस कड़ी में कड़े कदम उठाकर दिव्यांगजन को बाधा मुक्त परिवेश उपलब्ध करवाया जाए ताकि वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर स्वयं को समाज में सम्मानजनक रूप से स्थापित कर सके। श्री झोरड़ ने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि आयुक्त दिव्यांगजन हरियाणा को पूरा स्टाफ व उनके अधिकारों में वृद्धि की जाए ताकि दिव्यांगजन के प्रति अन्याय की स्थिति में कड़ी कार्रवाई करते हुए दिव्यांगजन को न्याय मिल सके व दिव्यांगजन कल्याणार्थ राज्य सलाहकार बोर्ड का गठन तुरंत करते हुए समय-समय पर उसकी मीटिंग बुलाई जाए ताकि दिव्यांगजन कल्याणार्थ विभिन्न मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन से संबंधित विभिन्न मामलों में अनावश्यक देरी करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो ताकि दिव्यांग अधिकारों का समय रहते संरक्षण सुनिश्चित हो पाए व उन्हें माननीय न्यायालय में अपने अधिकारों के संरक्षण हेतु याचिका दायर करने को विवश न होना पड़े।

ब्रह्मविद्या विहंगम योग आश्रम रोहिडांवाली में सत्संग आयोजित

ओढां
ब्रह्मविद्या विहंगम योग आश्रम रोहिडांवाली में आयोजित रविवारीय सत्संत के दौरान प्रवचन पढ़ते हुए साधक राजाराम गोदारा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि बुद्धि चित्त अहंकार जो पंचभूत का काज, सारा पिंड ब्रह्मांड है जड़ माया का साज। अर्थात कार्य को निश्चय करने वाली वस्तु, समस्त प्राकृतिक विषयों को संचित करने वाला अंत:करण कर्तापन का भाव, जिसके द्वारा जगत के कार्यों को करने की प्रवृत्ति दृढ़ होती है। चारों अंत: करण अलग-अलग है कोई किसी का कार्य या रूपांतर रूप नहीं। मन बुद्धि चित्त एवं अहंकार इन के अलग-अलग कार्य और शरीर में स्थान है। इनके अलग-अलग लक्षण और प्रयोजन है इसलिए एक ही कारण के अवस्था भेद से चार अंत:करण नहीं होते हैं। आत्मा के ब्राह्य प्रवाह के प्रवाहित होने के लिए जड़ जगत के चार अंत:करणों की उत्पत्ति होती है। बिना अंतरण की प्रेरणा से बाह्य करण अर्थात पांच ज्ञानेंद्रियां और पांच कर्मेंद्रियां कार्य नहीं कर सकती। अतएव इन चतुर्दश करणों द्वारा ही आत्मा प्राकृतिक कर्मों का कर्ता और उपभोक्ता होती है। बुद्धि, चित्त और अहंकार ये तीनों करण पंच तत्वों से बनते हैं। समस्त शरीर की रचना पंचतत्व से होती है। स्थूल शरीर पार्थिव है परंतु इसमें सभी तत्वों के अलग-अलग कार्य दिखाई पड़ते हैं। बिना पंचतत्व के कोई एक तत्व से इस विशाल जगत का निर्माण नहीं कर सकता। अनंत ब्रह्मांड सृष्टि पंचभूत द्वारा ही निर्मित होती है। समस्त जड़ अनित्य जगत इस परिणामिनी माया के द्वारा ही बना हुआ है। जगत का उपादान कारण प्रकृति है एवं प्रकृति का कार्य यह पंचभूत जड़ अनित्य जगत है। चित्त, अहंकार और बुद्धि यह पंचभूत से बनते हैं। इसलिए इनका कारण पंचतत्व है।

श्री गुरू गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर निकाला भव्य नगर कीर्तन

ओढां
गांव ओढां के गुरुद्वारा सिंह सभा की प्रबंधक कमेटी व ग्राम वासियों के सहयोग से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी खालसा पंथ के सिरजनहार प्रथम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा सिंह सभा में तीन दिन पूर्व रखे गए श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत पांच प्यारों की अगुवाई में विशाल नगर कीर्तन निकाला गया।
जिसमें समस्त ग्राम वासियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारे कर रहे थे, उनके पीछे श्रीगुरु ग्रंथ साहब की पालकी चल रही थी। उनके पीछे रागी जत्था भाई जीत सिंह रघुआना वाले श्री गुरु गोविंद सिंह जी के इतिहास को सुनाते हुए संगतो को निहाल करते हुए साथ साथ चल रहे थे। उनके पीछे पंजाब का प्रसिद्ध कवीश्री जत्था अवतार सिंह शेखपुरा वाले कविश्री द्वारा गुरुजी का इतिहास सुना रहे थे। गली मोहल्लों में खुली जगहों पर बाबा बंदा सिंह बहादुर गतका अखाड़ा, जिसमें दस से बारह वर्ष के बच्चे और बच्चियां शामिल थे उन्होने अपने गतका के जौहर दिखाकर लोगों को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। नगर कीर्तन का अनेक गली मोहल्लों में फूल मालाओं व रंग बिरंगी झंडियां लगाकर स्वागत किया गया। कई मोहल्लों में चाय, समोसे, दूध, ब्रेड और पकोड़े आदि के लंगर लगाकर लोगों ने अपनी सेवा भावना व्यक्त की। नगर कीर्तन में चल रही लगभग 10-12 ट्रालियों में बैठे हुए बच्चों महिलाओं ने भी वाहेगुरु वाहेगुरु जपते हुए साथ पैदल चल रही अन्य संतों का भी उत्साह बढ़ाया। यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहब से चलकर मराजका मोहल्ला, गोगामेडी मोहल्ला, मलकाना मोहल्ला, कुंडरों वाली गली, भोला सिंह आरे वाली गली, ग्रीन मार्केट व पुरानी अनाज मंडी की अनेकों गलियों से होते हुए वापिस गुरुद्वारा साहब पहुंचा।

छायाचित्र: ओढां में नगर कीर्तन की अगवानी करते पांच प्यारे।