किसके साथ मनाएंगे ओबामा वैलेंटाइन्स डे?
ब्रजेश उपाध्याय
बीबीसी संवाददाता, वॉशिंगटन
शुक्रवार, 14 फ़रवरी, 2014 को 07:31 IST तक के समाचार
वैलेंटाइन्स डे का हफ़्ता फ़िलहाल
प्यार मोहब्बत वाला ही रहा है. वॉशिंगटन ने वैलेंटाइन्स डे की पूर्व
संध्या पर नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया और मोदी भी उन्हें लाल-पीले गुलाब
थमा बैठे.
वैसे भारत में अभी चुनावों की तारीख का एलान भी
नहीं हुआ है लेकिन अमरीकी थिंक टैंक मोदी को अगला प्रधानमंत्री घोषित कर
चुके हैं. भारतीय जनता ने एक भी वोट नहीं डाला लेकिन व्यापार जगत उनके
राज्याभिषेक की तैयारी कर रहा है.
भारत के साथ जटिल और तीखी आपसी बहस
में अभी से इशारा किया जा रहा है कि दो तीन महीने ठहर जाएं, “नई सरकार” सब
ठीक कर देगी. ऐसे में तो बस गले लगना ही बाकी था वो भी हो गया.
इसी हफ़्ते ओबामा साहब ने भी व्हाइट हाउस में फ़्रांस के राष्ट्रपति को गले लगाया और कहा कि रिश्ते अब पटरी पर आ गए हैं.
वैसे इश्क-मोहब्बत के इस मौसम में वॉशिंगटन को थोक के भाव में वैलेंटाइन्स डे कार्ड और लाल गुलाब का ऑर्डर दे देना चाहिए था.
इन्हें भी चाहिए फूल
ईरान के साथ अभी ताकझांक शुरू ही हुई है. अगर व्हाइट हाउस रूहानी साहब को भी लाल गुलाब भिजवा देता तो कहानी थोड़ी और तेज़ी से बढ़ती.
अफ़गानिस्तान में करज़ई मुंह फुलाए बैठे हैं. एक टोकरी गुलाब वहां भी जा सकते थे.
सोची ओलंपिक के लिए अमरीकी टीम रूस गई ही है.
पुतिन साहब के लिए भी थोड़े से फूल चले जाते तो शायद उनके चेहरे पर भी
मुस्कान आ जाती. बेचारे बरसों में कभी-कभार ही तो मुस्कराते हैं.
बराक ओबामा और फ्रांस के राष्ट्रपति की ह्वाइट हाउस में काफी गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई
ड्रोन के ज़रिए ज़वाहिरी को भी थोड़े गुलाब भिजवा देते एक कार्ड के साथ कि भाई कब तक पर्दे के अंदर रहेगा, अब तो झलक दिखला दे.
वैसे वैलेंटाइन्स डे भारत में अमरीका से गया लेकिन
मनाने का आनंद वहीं है. जब तक पुलिस वालों के डंडे और आस-पड़ोस के गुंडे
नहीं आते बेचारे प्रेमी-युगल कभी पेड़ तले तो कभी झील किनारे मिल मिला तो
लेते ही हैं.
सर्दी और इश्क
यहां एक तो कड़ाके की सर्दी, चारों तरफ़ बर्फ़ ही बर्फ़. परत दर परत कपड़ों, टोपी और दस्तानों के बीच मुहब्बत दब कर रह जाती है.
टीवी पर और अख़बारों में देखें तो लगेगा इससे बड़ा
कोई उत्सव नहीं. लाल गुलाब, लाल कार्ड, लाल ड्रेस, लाल लिपस्टिक के
इश्तिहार चौबीसों घंटे चल रहे हैं. बीवी के लिए ये खरीदो, गर्लफ्रेंड के
लिए वो खरीदो, पड़ोसी को भी प्यार करो यानी सबकुछ मीठा ही मीठा.
लेकिन आंख-नाक से जब पानी बह रहा हो तो इश्क का
इज़हार कैसे हो, उंगलियां अकड़ी हुईं हों तो कोई किसी का हाथ कैसे थामे,
चेहरा नज़र ही न आए तो हुस्न की तारीफ़ कैसे करे.
और मुश्किल को मौके में बदलना तो कोई इंटरनेट और
डीवीडी पर फ़िल्मों और टीवी सीरियल दिखाने वाली कंपनी नेटफ़्लिक्स से सीखे.
प्रेमी-प्रेमिका तो फिर भी एक दूसरे की आंखों में झांक कर शाम गुज़ार
लेंगे. पति-पत्नियों का वक़्त कैसे गुज़रेगा? बस वैलेंटाइन्स डे की शाम
उन्होंने सुपरहिट टीवी सीरियल “हाउस ऑफ़ कार्ड्स” के दूसरे सीज़न के तेरह
के तेरह एपिसोड रिलीज़ कर दिए.
जम कर टीवी देखिए फिर हैप्पी वैलेंटाइन्स डे कहकर आराम से सो जाइए.
वैसे इस बार बराक ओबामा अकेले ही वैलेंटाइन्स डे
मना रहे हैं. मिशेल ओबामा बच्चों के साथ छुट्टी पर होंगी, ओबामा
कैलिफ़ोर्निया में जॉर्डन के किंग के साथ डिनर करेंगे.
आप सबको वैलेंटाइन्स डे बहुत बहुत मुबारक.