ओढां
गांव ओढां के गुरुद्वारा सिंह सभा की प्रबंधक कमेटी व ग्राम वासियों के सहयोग से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी खालसा पंथ के सिरजनहार प्रथम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा सिंह सभा में तीन दिन पूर्व रखे गए श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत पांच प्यारों की अगुवाई में विशाल नगर कीर्तन निकाला गया।
जिसमें समस्त ग्राम वासियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारे कर रहे थे, उनके पीछे श्रीगुरु ग्रंथ साहब की पालकी चल रही थी। उनके पीछे रागी जत्था भाई जीत सिंह रघुआना वाले श्री गुरु गोविंद सिंह जी के इतिहास को सुनाते हुए संगतो को निहाल करते हुए साथ साथ चल रहे थे। उनके पीछे पंजाब का प्रसिद्ध कवीश्री जत्था अवतार सिंह शेखपुरा वाले कविश्री द्वारा गुरुजी का इतिहास सुना रहे थे। गली मोहल्लों में खुली जगहों पर बाबा बंदा सिंह बहादुर गतका अखाड़ा, जिसमें दस से बारह वर्ष के बच्चे और बच्चियां शामिल थे उन्होने अपने गतका के जौहर दिखाकर लोगों को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। नगर कीर्तन का अनेक गली मोहल्लों में फूल मालाओं व रंग बिरंगी झंडियां लगाकर स्वागत किया गया। कई मोहल्लों में चाय, समोसे, दूध, ब्रेड और पकोड़े आदि के लंगर लगाकर लोगों ने अपनी सेवा भावना व्यक्त की। नगर कीर्तन में चल रही लगभग 10-12 ट्रालियों में बैठे हुए बच्चों महिलाओं ने भी वाहेगुरु वाहेगुरु जपते हुए साथ पैदल चल रही अन्य संतों का भी उत्साह बढ़ाया। यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहब से चलकर मराजका मोहल्ला, गोगामेडी मोहल्ला, मलकाना मोहल्ला, कुंडरों वाली गली, भोला सिंह आरे वाली गली, ग्रीन मार्केट व पुरानी अनाज मंडी की अनेकों गलियों से होते हुए वापिस गुरुद्वारा साहब पहुंचा।
छायाचित्र: ओढां में नगर कीर्तन की अगवानी करते पांच प्यारे।
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