8 करोड़ 15 लाख रुपए से भी अधिक राशि खर्च करके दो दर्जन से भी अधिक विकास कार्य करवाए गए
सिरसा, 28 जून : मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत अनुसूचित जाति की बस्तियों को साफ सुथरा रखने व गलियां-सड़कें पक्की करवाने तथा अन्य विकास कार्यों पर 8 करोड़ 15 लाख रुपए से भी अधिक राशि खर्च करके दो दर्जन से भी अधिक विकास कार्य करवाए गए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने विस्तार से बताया कि उक्त योजना के तहत ऐलनाबाद खण्ड के गांव नीमला में 50 लाख रुपए की लागत से, रानियां खण्ड के गांव नाईवाला में भी 50 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से कोटली गांव में 50 लाख रुपए की लागत से, खुईयां नेपालपुर व तिलोकेवाला में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की गलियां बनाई गई। सुखेराखेड़ा व लम्बी गांव में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से गलियां बनाई गई।
डा. ख्यालिया ने बताया कि पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा दौलतपुर खेड़ा गांव में 25 लाख रुपए की राशि खर्च करके गली का निर्माण करवाया गया। सहारणी गांव में 50 लाख रुपए की राशि से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से बुढीमेडी गांव में भी 24 लाख रुपए की राशि खर्च करके आईपीबी तकनीक के तहत ही गली बनाई गई।
उपायुक्त नेे बताया कि रानियां खण्ड के भड़ोलांवाली गांव में 40 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत सीमेंट-कंकरीट की गली बनवाई गई। इसी प्रकार से भड़ोलांवाली गांव में ही उक्त योजना के तहत पंचायतघर की मरम्मत का कार्य करवाया गया। खाजाखेड़ा गांव में 48 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की सड़क बनवाई गई। मंगालिया गांव में भी 41 लाख रुपए की लागत से पंचायतघर का निर्माण करवाया गया। सूचान गांव में 41 लाख रुपए की लागत से गली का निर्माण, मसीतां गांव में 47 लाख रुपए, खुइयांमलकाना व मोडी गांव में 47-47 लाख रुपए की लागत से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से डबवाली खण्ड के गांव दीवानखेड़ा में 24 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया।
राज्य सरकार द्वारा पशुधन व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु लागू योजनाओं सकारात्मक परिणाम सामने आए
सिरसा, 28 जून : राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था में पशु पालन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। विश्व में भारत को न केवल बहुमूल्य पशु-सम्पदा के स्वामित्व का गौरव प्राप्त है। अपितु दुग्ध उत्पादन में भारत का विश्व मेें प्रथम स्थान है। राज्य सरकार ने पशुधन व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की है जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
इस संबंध में उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि प्रदेश में उच्चकोटि की भैंसों की निकासी पर अंकुश लगाने तथा दूध के उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए पशुपालकों को पशुधन विकास बोर्ड द्वारा नकद प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की गई है जिसके तहत 5 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए की राशि पशुपालकों को ईनाम के रूप में दी जाती है।
उन्होंने बताया कि दूध की मात्रा 25 किलोग्राम से अधिक प्रतिदिन है तो उस पशुपालक को 25 हजार रुपए की राशि, 19 से 25 किलोग्राम दूध देने वाली भैंस के मालिक को 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि जबकि 16 से 19 किलोग्राम प्रतिदिन दूध देने वाली भैंस के मालिक को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रकार से 13 से 16 किलोग्राम प्रतिदिन दूध देने वाली भैंस के मालिक को 5 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं।
डा. ख्यालिया ने बताया कि प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाली भैंसों का बीमा भी करवाया जाता है जिसके प्रीमियम का 50 प्रतिशत भाग हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड द्वारा वहन किया जाता है। इसी प्रकार राज्य में 10 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाली अन्य सभी गायों एवं भैंसों का भी बीमा करवाया जाता है। इनकी बीमा राशि का 50 प्रतिशत बोर्ड द्वारा दिया जाता है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाली भैंसों में से 19 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाली भैंसों के कटड़ों को पालकर बड़ा किया जाता है तथा उनके वीर्य को कृत्रिम गर्भधारण के लिए प्रयोग में लाया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा भैंसों में गूंगा आमा की जटिल समस्या आदि को खत्म करने के लिए व कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है ताकि पशुपालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले।
उपायुक्त ने बताया कि सामान्य अनुमानों के आधार पर पशुधन एवं पशु उत्पादों से राष्ट्र को प्रतिवर्ष 70 हजार रुपए की आय होती है। बेरोजगारों को स्वरोजगार चलाने के लिए डेयरी प्रशिक्षण दिया जाता है तथा ऋण भी उपलब्ध करवाया जाता है। ग्रामीण युवाओं को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने की योजना के तहत रिर्सोस पर्सन को 1 हजार रुपए बतौर प्रतिधारण राशि के रूप में दिए जाते हैं यदि वह दुध खरीद के वर्तमान स्तर को बनाए रखता है। दूध की अतिरिक्त मात्रा होने पर गर्मी के मौसम में 35 पैसे प्रति लीटर तथा सर्दी के मौसम में 20 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
4 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि खर्च करके अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया
सिरसा, 28 जून : सिरसा के राजकीय पॉलिटैक्निक में सरकार द्वारा संचालित बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के तहत 4 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि खर्च करके अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया है।
यह जानकारी देते हुए जिला के उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि इस छात्रावास में 168 छात्राओं के रहने की सुविधा है। छात्रावास में मैस, कॉमन रूम व अन्य प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बने छात्रावास में अनुसूचित जाति की छात्राओं को रहने की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नए सत्र से यह छात्रावास कार्य करना शुरू कर देगा और छात्राओं को रहने की सुविधा मिल पाएगी। इस छात्रावास में 56 कमरों का निर्माण किया गया है। तीन-तीन छात्राओं को एक-एक कमरा अलॉट किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की लड़कियों के लिए छात्रावास बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान मुहैया करवाया जाता है। इसलिए छात्रावास के निर्माण में खर्च होने वाली उक्त राशि केंद्र सरकार द्वारा मुहैया करवाई गई है। इसके साथ-साथ राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भी छात्रावास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार और 50 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। इसके साथ-साथ स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा लड़कियों के छात्रावास बढ़ौतरी हेतु केंद्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान की राशि मुहैया करवाई जाती है जबकि 10 प्रतिशत राशि स्वयं संस्थाओं द्वारा वहन की जाती है। इसी प्रकार से स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा लड़कों के छात्रावास की बढ़ौतरी हेतु 45 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार द्वारा, 45 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा तथा छात्रावास के निर्माण की 10 प्रतिशत राशि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा वहन की जाती है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रावास योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 50 अनुपात 50 के मैचिंग आधार पर खर्चा किया जाता है। अनुदान राशि लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित भूमि के मूल्य के आधार पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा 10 प्रतिशत राशि स्वयं वहन करनी होती है बाकी की राशि राज्य व केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जाती है।
पॉलिटैक्निक के प्राचार्य सुधीर गिल्होत्रा ने बताया कि स्थानीय पॉलिटैक्निक संस्थान द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन विभाग की योजना के तहत लड़के और लड़कियों में विभिन्न कार्यों में कौशल विकसित करने के उद्देश्य से सामुदायिक विकास बहुतकनीकी योजना के तहत छह-छह महीने का कोर्स करवाया जा रहा है। इस स्कीम के तहत इस समय 5 केंद्र कार्य कर रहे हैं जिनमें 159 लड़के-लड़कियों को स्वयं रोजगार स्थापित करने के लिए अल्पावधि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त योजना इस संस्थान में गत 2010 में शुरू की गई। इस योजना के तहत अभी तक 295 लड़के-लड़कियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि संस्थान में राज्य सरकार की योजना के तहत अनुसूचित के उम्मीदवारों के लिए रोजगार सृजित अवसर योजना के तहत भी विभिन्न कार्यांे का प्रशिक्षण दिया जा है। इस योजना के तहत गत एक वर्ष के दौरान 195 छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा है। इस समय 139 छात्रों को विभिन्न कार्यों मेंं कौशलता विकसित की जा रही है ताकि ये उम्मीदवार स्वयं रोजगार स्थापित कर अपनी रोजी-रोटी कमाकर आर्थिक रूप से सबल हो सके। राज्य सरकार की इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को स्टाइफंड भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा ने कार्यकताओं की बैठक ली
सिरसा । हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा ने आज हिसारिया बाजार स्थित शू कैंप कार्यालय में कार्यकताओं की बैठक ली तथा विभिन्न इलाकों से आए लोगों की समस्याएं भी सुनी। इस अवसर पर गोबिंद कांडा ने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व अन्य पिछडा वर्ग के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है ताकि इन वर्गों से जूड़े युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व मिल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा के शासनकाल में राज्य में सभी वर्गों व क्षेत्रों का एक समान विकास हो रहा है। जिसके अंतर्गत गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा के प्रयासों से सिरसा जिले को पिछडा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत 2418.42 लाख रूपए की विकास योजनाओं की स्वीकृति मिलने जा रही है, जिसमें से 500 लाख रूपए से शहरी क्षेत्रों में गलियों, स्ट्रीट लाइटों, सौंदर्यकरण इत्यादि पर खर्च किए जाएंगे, जिससे सिरसा जिला क्लीन और ग्रीन नजर आने लगेगा। इस अवसर पर गोबिंद कांडा ने विभिन्न वार्डांे व गांवों से आए पैंशन धारकों की समस्या सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि पैंशन धारकों को प्रत्येक माह की 10 तारीख को पैंशन मिल जाए व उनके बैंक खातों में जमा हो जाए, जिससे अनियमितताओं पर तो रोक लगेगी ही साथी ही पात्रों को इधर उधर भटकना भी नही पड़ेगा। इस अवसर पर गोबिंद कांडा के साथ सुरेंद्र मिंचनाबादी, पूर्व पार्षद सुशील सैनी, नरेश मलिक, जिला कांग्रेस महासचिव रानी रंधावा, भूपेश गोयल, भालचंद भाटीवाल एडवोकेट, पृथ्वीभाटिया, दलीप सैनी, नरेश सैनी, राजेंद्र सिंह बिट्टा, जसवंत कैरांवाली सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
इंटरनेट और मोबाईल के माध्यम से लॉटरी की सूचना देकर भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ठगने का प्रचलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है
सिरसा, 28 जून । इंटरनेट और मोबाईल के माध्यम से लॉटरी की सूचना देकर भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ठगने का प्रचलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। मोबाईल फोन से अकसर अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल के माध्यम से कहा जाता है कि आपको लाखों रुपये का ईनाम निकला है। ऐसी जानकारी मिलने पर अनेक भोले-भाले लोग कॉल करने वालों की बातों में आ जाते हैं और इसके बाद सिलसिला आरंभ होता है लंबे संपर्क का। मोबाईल पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं और लाखों रुपये इनाम की राशि पाने के सपने दिखाए जाते हैं। ऐसी ही अज्ञात कॉल के शिकार हुए हैं सिरसा के गुरतेग बहादुर नगर निवासी निशान सिंह पुत्र बलविन्द्र सिंह। उन्होंने बताया कि गत माह उनके मोबाईल नंबर 98969-96643 पर अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया और उन्होंने सूचना दी कि आपको दस लाख रुपये की लॉटरी निकली है। जब निशान सिंह ने लॉटरी के बारे मे ंविस्तार से जानकारी हासिल की तो अज्ञात व्यक्ति ने मोबाईल पर बताया कि सर्वप्रथम उन्हें दस लाख रुपये पाने के लिए 40 हजार रुपये की रकम खाता नंबर 31639662696 के नाम बैंक में जमा करवानी होगी। निशान सिंह ने अज्ञात व्यक्ति की बातों पर विश्वास करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एडीबी) की शाखा में 35 हजार 600 रुपये उक्त खाते में जमा करवा दिये। इसके बाद उन्हें फिर से 75 हजार रुपये की राशि जमा करवाने के लिए कहा गया, लेकिन तब तक निशान सिंह ठग की सारी कहानी समझ चुका था और उन्होंने इसकी शिकायत बैंक मैनेजर को बीती 23 जून को दी। इसके उपरांत 23 जुलाई को उन्होंने डीएसपी हैडक्वार्टर व थाना शहर प्रभारी को भी इसकी शिकायत लिखित रूप में दी, लेकिन अज्ञात व्यक्ति पर अभी तक न तो बैंक और न ही पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई की गई है। स्वयं को ठगा जान निशान सिंह अपने रुपये वापिस पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। पीडि़त निशान सिंह ने बताया कि उक्त खाता नंबर से अभी भी लाखों रुपये का आदान-प्रदान जारी है, लेकिन बिडम्बना यह है कि इस खाता धारक पर न तो बैंक अधिकारी और न ही पुलिस किसी तरह की कार्रवाई कर रही है। निशान सिंह ने अब न्याय के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र भेजा है। पुलिस अधीक्षक ने निशान सिंह की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आगामी कार्रवाई शीघ्र करने का आश्वासन दिया है।
पत्रकारों पर हमले असहनीय
सिरसा। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष अरुण भारद्वाज व महासचिव धीरज बजाज ने पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमलों पर चिंता जताई है। इसी बाबत आज ह्यूज की एक आवश्यक बैठक मीडिया सेंटर में हुई जिसमें अनेक पत्रकारों ने हिस्सा लिया।
बैठक में गत दिवस लखनऊ आईबीएन सेवन के संवाददाता शलभमणि तित्रापी व मनोज राजन त्रिपाठी पर हुई हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। बैठक में सभी पत्रकारों द्वारा एक स्वर में कहा गया कि पत्रकारों पर हो रहे ऐसे हमले लोकतंत्र के लिए घातक है। लोकतंत्र में चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया की आजादी पर ऐसे हमले असहनीय है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ह्यूज ने निर्णय लिया कि इस बाबत बुधवार को उपायुक्त से मिलकर देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें पत्रकारों पर हो रहे हमलों को रोकने व मीडिया की आजादी को बरकरार रखने की मांग की जाएगी। अपने संबोधन में अध्यक्ष अरुण भारद्वाज ने कहा कि लखनऊ में जिन पत्रकारों पर पुलिस अधिकारियों द्वारा मारपीट व गाली गलोच की गई है उन सभी के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो इस तरह की हिमाकत न करें। उन्होंने कहा कि पत्रकार सारा दिन समाज के लिए कार्य करता है और ऐसे में पत्रकार पर हमले का अर्थ सीधा सीधा समाज की आवाज दबाने का प्रयास है।
शायद घटना होने के बाद ही होगा सड़क का निर्माण
उदासीनता के चलते सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त
बिज्जूवाली, 28 जून ( हेमराज बिरट )। प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं कि विकास एवं समृद्धि का रास्ता परिवहन व्यवस्था यानी सड़कों से शुरू होता है, अधिकारियों के अनुसार आधारभूत ढांचे में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सड़कों का होता है। जिसके चलते गांव बिज्जूवाली के रामदेव मंदिर से लेकर मुन्नावाली की तरफ जाने वाली सड़क का नजरिया काफी चिंताजनक है। पिछलेे लंबे समय से इस सड़क का निर्माण कार्य बीच लटका पड़ा है। जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों व आस-पास में रहने वाले लोगों को हर रोज भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इनकी परेशानी का प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की सेहत पर कोई असर नहीं है। सड़क का पहले तो सही तरीके से निर्माण न होने और उसके बाद लंबे समय तक सड़क की मुरम्मत का कार्य पूरा न होने से सड़क बदहाल हो गर्ई है। बिज्जूूूवाली के ग्रामीण कालुराम, कृष्ण कुमार, हरबंस, पंकज, दलीप, वीरभान, संजय, रामकुमार, संदीप बिरट, राणा बिरट, शंटी कम्बोज, राकेश सहित अनेक ग्रामिणों का कहना है कि यह सड़क गांव कालुआना, अहमदपुर दारेवाला, गोदीकां, मुन्नावाली, गंगा जाने की मुख्य सड़क है। सड़क पिछले कई सालों से खस्ता हालत में थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस सड़क के निर्माण कार्य को शुरू करवाने के बाद बनने से पहले ही बंद करवाने से लोगों की समस्या को ओर ज्यादा बढ़ा दिया गया है। सड़क केे किनारे बने घरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि विभाग ने जो मिट्टी डाली है, उस मिट्टी के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों के टायरों से उडऩे वाली धुल उनके घरों मेें आ जाती है, जिस कारण वे अपने घरों की सही ढंग से सफाई नहीं कर पाते है तथा साथ ही उनको धुल-मिट्टी के कारण होने वाले रोग दमा, खांसी, जुकाम आदि रोगों
सिरसा, 28 जून : मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत अनुसूचित जाति की बस्तियों को साफ सुथरा रखने व गलियां-सड़कें पक्की करवाने तथा अन्य विकास कार्यों पर 8 करोड़ 15 लाख रुपए से भी अधिक राशि खर्च करके दो दर्जन से भी अधिक विकास कार्य करवाए गए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने विस्तार से बताया कि उक्त योजना के तहत ऐलनाबाद खण्ड के गांव नीमला में 50 लाख रुपए की लागत से, रानियां खण्ड के गांव नाईवाला में भी 50 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से कोटली गांव में 50 लाख रुपए की लागत से, खुईयां नेपालपुर व तिलोकेवाला में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की गलियां बनाई गई। सुखेराखेड़ा व लम्बी गांव में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से गलियां बनाई गई।
डा. ख्यालिया ने बताया कि पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा दौलतपुर खेड़ा गांव में 25 लाख रुपए की राशि खर्च करके गली का निर्माण करवाया गया। सहारणी गांव में 50 लाख रुपए की राशि से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से बुढीमेडी गांव में भी 24 लाख रुपए की राशि खर्च करके आईपीबी तकनीक के तहत ही गली बनाई गई।
उपायुक्त नेे बताया कि रानियां खण्ड के भड़ोलांवाली गांव में 40 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत सीमेंट-कंकरीट की गली बनवाई गई। इसी प्रकार से भड़ोलांवाली गांव में ही उक्त योजना के तहत पंचायतघर की मरम्मत का कार्य करवाया गया। खाजाखेड़ा गांव में 48 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की सड़क बनवाई गई। मंगालिया गांव में भी 41 लाख रुपए की लागत से पंचायतघर का निर्माण करवाया गया। सूचान गांव में 41 लाख रुपए की लागत से गली का निर्माण, मसीतां गांव में 47 लाख रुपए, खुइयांमलकाना व मोडी गांव में 47-47 लाख रुपए की लागत से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से डबवाली खण्ड के गांव दीवानखेड़ा में 24 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया।
राज्य सरकार द्वारा पशुधन व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु लागू योजनाओं सकारात्मक परिणाम सामने आए
सिरसा, 28 जून : राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था में पशु पालन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। विश्व में भारत को न केवल बहुमूल्य पशु-सम्पदा के स्वामित्व का गौरव प्राप्त है। अपितु दुग्ध उत्पादन में भारत का विश्व मेें प्रथम स्थान है। राज्य सरकार ने पशुधन व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की है जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
इस संबंध में उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि प्रदेश में उच्चकोटि की भैंसों की निकासी पर अंकुश लगाने तथा दूध के उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए पशुपालकों को पशुधन विकास बोर्ड द्वारा नकद प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की गई है जिसके तहत 5 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए की राशि पशुपालकों को ईनाम के रूप में दी जाती है।
उन्होंने बताया कि दूध की मात्रा 25 किलोग्राम से अधिक प्रतिदिन है तो उस पशुपालक को 25 हजार रुपए की राशि, 19 से 25 किलोग्राम दूध देने वाली भैंस के मालिक को 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि जबकि 16 से 19 किलोग्राम प्रतिदिन दूध देने वाली भैंस के मालिक को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रकार से 13 से 16 किलोग्राम प्रतिदिन दूध देने वाली भैंस के मालिक को 5 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं।
डा. ख्यालिया ने बताया कि प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाली भैंसों का बीमा भी करवाया जाता है जिसके प्रीमियम का 50 प्रतिशत भाग हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड द्वारा वहन किया जाता है। इसी प्रकार राज्य में 10 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाली अन्य सभी गायों एवं भैंसों का भी बीमा करवाया जाता है। इनकी बीमा राशि का 50 प्रतिशत बोर्ड द्वारा दिया जाता है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाली भैंसों में से 19 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाली भैंसों के कटड़ों को पालकर बड़ा किया जाता है तथा उनके वीर्य को कृत्रिम गर्भधारण के लिए प्रयोग में लाया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा भैंसों में गूंगा आमा की जटिल समस्या आदि को खत्म करने के लिए व कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है ताकि पशुपालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले।
उपायुक्त ने बताया कि सामान्य अनुमानों के आधार पर पशुधन एवं पशु उत्पादों से राष्ट्र को प्रतिवर्ष 70 हजार रुपए की आय होती है। बेरोजगारों को स्वरोजगार चलाने के लिए डेयरी प्रशिक्षण दिया जाता है तथा ऋण भी उपलब्ध करवाया जाता है। ग्रामीण युवाओं को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने की योजना के तहत रिर्सोस पर्सन को 1 हजार रुपए बतौर प्रतिधारण राशि के रूप में दिए जाते हैं यदि वह दुध खरीद के वर्तमान स्तर को बनाए रखता है। दूध की अतिरिक्त मात्रा होने पर गर्मी के मौसम में 35 पैसे प्रति लीटर तथा सर्दी के मौसम में 20 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
4 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि खर्च करके अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया
सिरसा, 28 जून : सिरसा के राजकीय पॉलिटैक्निक में सरकार द्वारा संचालित बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के तहत 4 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि खर्च करके अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया है।
यह जानकारी देते हुए जिला के उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि इस छात्रावास में 168 छात्राओं के रहने की सुविधा है। छात्रावास में मैस, कॉमन रूम व अन्य प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बने छात्रावास में अनुसूचित जाति की छात्राओं को रहने की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नए सत्र से यह छात्रावास कार्य करना शुरू कर देगा और छात्राओं को रहने की सुविधा मिल पाएगी। इस छात्रावास में 56 कमरों का निर्माण किया गया है। तीन-तीन छात्राओं को एक-एक कमरा अलॉट किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की लड़कियों के लिए छात्रावास बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान मुहैया करवाया जाता है। इसलिए छात्रावास के निर्माण में खर्च होने वाली उक्त राशि केंद्र सरकार द्वारा मुहैया करवाई गई है। इसके साथ-साथ राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भी छात्रावास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार और 50 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। इसके साथ-साथ स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा लड़कियों के छात्रावास बढ़ौतरी हेतु केंद्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान की राशि मुहैया करवाई जाती है जबकि 10 प्रतिशत राशि स्वयं संस्थाओं द्वारा वहन की जाती है। इसी प्रकार से स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा लड़कों के छात्रावास की बढ़ौतरी हेतु 45 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार द्वारा, 45 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा तथा छात्रावास के निर्माण की 10 प्रतिशत राशि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा वहन की जाती है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रावास योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 50 अनुपात 50 के मैचिंग आधार पर खर्चा किया जाता है। अनुदान राशि लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित भूमि के मूल्य के आधार पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा 10 प्रतिशत राशि स्वयं वहन करनी होती है बाकी की राशि राज्य व केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जाती है।
पॉलिटैक्निक के प्राचार्य सुधीर गिल्होत्रा ने बताया कि स्थानीय पॉलिटैक्निक संस्थान द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन विभाग की योजना के तहत लड़के और लड़कियों में विभिन्न कार्यों में कौशल विकसित करने के उद्देश्य से सामुदायिक विकास बहुतकनीकी योजना के तहत छह-छह महीने का कोर्स करवाया जा रहा है। इस स्कीम के तहत इस समय 5 केंद्र कार्य कर रहे हैं जिनमें 159 लड़के-लड़कियों को स्वयं रोजगार स्थापित करने के लिए अल्पावधि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त योजना इस संस्थान में गत 2010 में शुरू की गई। इस योजना के तहत अभी तक 295 लड़के-लड़कियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि संस्थान में राज्य सरकार की योजना के तहत अनुसूचित के उम्मीदवारों के लिए रोजगार सृजित अवसर योजना के तहत भी विभिन्न कार्यांे का प्रशिक्षण दिया जा है। इस योजना के तहत गत एक वर्ष के दौरान 195 छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा है। इस समय 139 छात्रों को विभिन्न कार्यों मेंं कौशलता विकसित की जा रही है ताकि ये उम्मीदवार स्वयं रोजगार स्थापित कर अपनी रोजी-रोटी कमाकर आर्थिक रूप से सबल हो सके। राज्य सरकार की इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को स्टाइफंड भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा ने कार्यकताओं की बैठक ली
सिरसा । हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा ने आज हिसारिया बाजार स्थित शू कैंप कार्यालय में कार्यकताओं की बैठक ली तथा विभिन्न इलाकों से आए लोगों की समस्याएं भी सुनी। इस अवसर पर गोबिंद कांडा ने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व अन्य पिछडा वर्ग के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है ताकि इन वर्गों से जूड़े युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व मिल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा के शासनकाल में राज्य में सभी वर्गों व क्षेत्रों का एक समान विकास हो रहा है। जिसके अंतर्गत गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा के प्रयासों से सिरसा जिले को पिछडा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत 2418.42 लाख रूपए की विकास योजनाओं की स्वीकृति मिलने जा रही है, जिसमें से 500 लाख रूपए से शहरी क्षेत्रों में गलियों, स्ट्रीट लाइटों, सौंदर्यकरण इत्यादि पर खर्च किए जाएंगे, जिससे सिरसा जिला क्लीन और ग्रीन नजर आने लगेगा। इस अवसर पर गोबिंद कांडा ने विभिन्न वार्डांे व गांवों से आए पैंशन धारकों की समस्या सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि पैंशन धारकों को प्रत्येक माह की 10 तारीख को पैंशन मिल जाए व उनके बैंक खातों में जमा हो जाए, जिससे अनियमितताओं पर तो रोक लगेगी ही साथी ही पात्रों को इधर उधर भटकना भी नही पड़ेगा। इस अवसर पर गोबिंद कांडा के साथ सुरेंद्र मिंचनाबादी, पूर्व पार्षद सुशील सैनी, नरेश मलिक, जिला कांग्रेस महासचिव रानी रंधावा, भूपेश गोयल, भालचंद भाटीवाल एडवोकेट, पृथ्वीभाटिया, दलीप सैनी, नरेश सैनी, राजेंद्र सिंह बिट्टा, जसवंत कैरांवाली सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
इंटरनेट और मोबाईल के माध्यम से लॉटरी की सूचना देकर भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ठगने का प्रचलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है
सिरसा, 28 जून । इंटरनेट और मोबाईल के माध्यम से लॉटरी की सूचना देकर भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ठगने का प्रचलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। मोबाईल फोन से अकसर अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल के माध्यम से कहा जाता है कि आपको लाखों रुपये का ईनाम निकला है। ऐसी जानकारी मिलने पर अनेक भोले-भाले लोग कॉल करने वालों की बातों में आ जाते हैं और इसके बाद सिलसिला आरंभ होता है लंबे संपर्क का। मोबाईल पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं और लाखों रुपये इनाम की राशि पाने के सपने दिखाए जाते हैं। ऐसी ही अज्ञात कॉल के शिकार हुए हैं सिरसा के गुरतेग बहादुर नगर निवासी निशान सिंह पुत्र बलविन्द्र सिंह। उन्होंने बताया कि गत माह उनके मोबाईल नंबर 98969-96643 पर अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया और उन्होंने सूचना दी कि आपको दस लाख रुपये की लॉटरी निकली है। जब निशान सिंह ने लॉटरी के बारे मे ंविस्तार से जानकारी हासिल की तो अज्ञात व्यक्ति ने मोबाईल पर बताया कि सर्वप्रथम उन्हें दस लाख रुपये पाने के लिए 40 हजार रुपये की रकम खाता नंबर 31639662696 के नाम बैंक में जमा करवानी होगी। निशान सिंह ने अज्ञात व्यक्ति की बातों पर विश्वास करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एडीबी) की शाखा में 35 हजार 600 रुपये उक्त खाते में जमा करवा दिये। इसके बाद उन्हें फिर से 75 हजार रुपये की राशि जमा करवाने के लिए कहा गया, लेकिन तब तक निशान सिंह ठग की सारी कहानी समझ चुका था और उन्होंने इसकी शिकायत बैंक मैनेजर को बीती 23 जून को दी। इसके उपरांत 23 जुलाई को उन्होंने डीएसपी हैडक्वार्टर व थाना शहर प्रभारी को भी इसकी शिकायत लिखित रूप में दी, लेकिन अज्ञात व्यक्ति पर अभी तक न तो बैंक और न ही पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई की गई है। स्वयं को ठगा जान निशान सिंह अपने रुपये वापिस पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। पीडि़त निशान सिंह ने बताया कि उक्त खाता नंबर से अभी भी लाखों रुपये का आदान-प्रदान जारी है, लेकिन बिडम्बना यह है कि इस खाता धारक पर न तो बैंक अधिकारी और न ही पुलिस किसी तरह की कार्रवाई कर रही है। निशान सिंह ने अब न्याय के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र भेजा है। पुलिस अधीक्षक ने निशान सिंह की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आगामी कार्रवाई शीघ्र करने का आश्वासन दिया है।
पत्रकारों पर हमले असहनीय
सिरसा। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष अरुण भारद्वाज व महासचिव धीरज बजाज ने पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमलों पर चिंता जताई है। इसी बाबत आज ह्यूज की एक आवश्यक बैठक मीडिया सेंटर में हुई जिसमें अनेक पत्रकारों ने हिस्सा लिया।
बैठक में गत दिवस लखनऊ आईबीएन सेवन के संवाददाता शलभमणि तित्रापी व मनोज राजन त्रिपाठी पर हुई हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। बैठक में सभी पत्रकारों द्वारा एक स्वर में कहा गया कि पत्रकारों पर हो रहे ऐसे हमले लोकतंत्र के लिए घातक है। लोकतंत्र में चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया की आजादी पर ऐसे हमले असहनीय है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ह्यूज ने निर्णय लिया कि इस बाबत बुधवार को उपायुक्त से मिलकर देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें पत्रकारों पर हो रहे हमलों को रोकने व मीडिया की आजादी को बरकरार रखने की मांग की जाएगी। अपने संबोधन में अध्यक्ष अरुण भारद्वाज ने कहा कि लखनऊ में जिन पत्रकारों पर पुलिस अधिकारियों द्वारा मारपीट व गाली गलोच की गई है उन सभी के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो इस तरह की हिमाकत न करें। उन्होंने कहा कि पत्रकार सारा दिन समाज के लिए कार्य करता है और ऐसे में पत्रकार पर हमले का अर्थ सीधा सीधा समाज की आवाज दबाने का प्रयास है।
शायद घटना होने के बाद ही होगा सड़क का निर्माण
उदासीनता के चलते सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त
बिज्जूवाली, 28 जून ( हेमराज बिरट )। प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं कि विकास एवं समृद्धि का रास्ता परिवहन व्यवस्था यानी सड़कों से शुरू होता है, अधिकारियों के अनुसार आधारभूत ढांचे में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सड़कों का होता है। जिसके चलते गांव बिज्जूवाली के रामदेव मंदिर से लेकर मुन्नावाली की तरफ जाने वाली सड़क का नजरिया काफी चिंताजनक है। पिछलेे लंबे समय से इस सड़क का निर्माण कार्य बीच लटका पड़ा है। जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों व आस-पास में रहने वाले लोगों को हर रोज भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इनकी परेशानी का प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की सेहत पर कोई असर नहीं है। सड़क का पहले तो सही तरीके से निर्माण न होने और उसके बाद लंबे समय तक सड़क की मुरम्मत का कार्य पूरा न होने से सड़क बदहाल हो गर्ई है। बिज्जूूूवाली के ग्रामीण कालुराम, कृष्ण कुमार, हरबंस, पंकज, दलीप, वीरभान, संजय, रामकुमार, संदीप बिरट, राणा बिरट, शंटी कम्बोज, राकेश सहित अनेक ग्रामिणों का कहना है कि यह सड़क गांव कालुआना, अहमदपुर दारेवाला, गोदीकां, मुन्नावाली, गंगा जाने की मुख्य सड़क है। सड़क पिछले कई सालों से खस्ता हालत में थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस सड़क के निर्माण कार्य को शुरू करवाने के बाद बनने से पहले ही बंद करवाने से लोगों की समस्या को ओर ज्यादा बढ़ा दिया गया है। सड़क केे किनारे बने घरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि विभाग ने जो मिट्टी डाली है, उस मिट्टी के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों के टायरों से उडऩे वाली धुल उनके घरों मेें आ जाती है, जिस कारण वे अपने घरों की सही ढंग से सफाई नहीं कर पाते है तथा साथ ही उनको धुल-मिट्टी के कारण होने वाले रोग दमा, खांसी, जुकाम आदि रोगों
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