10 जुलाई तक पेंशनधारकों को पेंशन बांट दी जाएगी
सिरसा, 8 जुलाई। जिला में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, बेसहारा पेंशन, विकलांग पेंशन, लाडली सुरक्षा पेंशन, एफएडीसी पेंशन, बौना, किन्नर व स्कूल न जाने वाले एमआर बच्चों की पेंशन आदि का वितरण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है तथा शेष बचे गांवों व शहरों में 10 जुलाई तक पेंशनधारकों को पेंशन बांट दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त डा. यद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, बेसहारा पेंशन, विकलांग पेंशन, लाडली सुरक्षा पेंशन, एफएडीसी पेंशन, बौना, किन्नर व स्कूल न जाने वाले एमआर बच्चों की पेंशन का कार्य एक्सिस बैंक के माध्यम से एमसी ऐलनाबाद, एमसी रानियां, एमसी सिरसा, बीडीपीओ नाथूसरी चौपटा, बीडीपीओ बड़ागुढ़ा तथा बीडीपीओ सिरसा के 70 से अधिक गांवों की पेंशन वितरित की जा चुकी है तथा सभी शेष गांवों व शहरों की पेंशन 10 जुलाई तक वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को सुविधाजनक पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए पेंशन वितरण का कार्य एक्सिस बैंक द्वारा फीनो कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है जिन पेंशन धारकों के खाते नहीं खोले गए हैं वो अपने खाते ब्लॉक अनुसार व नगरपरिषद कार्यकारी अधिकारी, नगरपालिका के अनुसार एजेंटों से संपर्क करके खुलवा सकते हैं। प्रार्थी अपना राशन कार्ड व पहचान पत्र साथ लेकर जाए।
डा. ख्यालिया ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पेंशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने, समय पर पेंशन वितरण सुनिश्चित करने, पेंशन गड़बड़ी रोकने के लिए पेंशन लाभ पात्रों के बैंक खाते में हर महीने की 10 तारीख को पेंशन जमा करवाने की योजना बनाई गई है। सभी लाभ पात्र अपने बैंक में खाता खुलवाकर शहर के वार्ड/गांव में ही पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, भत्तों व विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली नकद राशि अब पेंशनधारकों के बैंक खाते में सीधी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि बैंक में खाता खुलवाने व लाभार्थियों की सहायता के लिए भी उचित प्रबंध किए गए हैं। लाभार्थी को बैंक में जाने की जरूरत नहीं है। बैंक आपके द्वार खुद पहुंचेगा। हर ब्लॉक व नगरपालिका के कार्यालय में मौजूद रहेंगे बैंक के प्रतिनिधि जो खोलेंगे लाभार्थियों का खाता।
उन्होंने बताया कि किसी के बहकावे में न आए। पेंशन योग्य व्यक्तियों की बकाया महीनों की पेंशन खाता खुलवाने पर इक_ी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि पेंशन प्राप्त करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आपके गांव में ही आकर बैंक का प्रतिनिधि देगा आपकी पेंशन राशि जोकि आपके खाते में हर महीने की 10 तारीख को सरकार द्वारा जमा करवा दी जाएगी। लाभार्थी आवश्यकतानुसार बैंक से पेंशन की सारी या आंशिक राशि निकलवा सकते हैं। बची जमा पेंशन की राशि पर बैंक ब्याज भी देगा। उन्होंने बताया कि 700 पेंशनधारकों पर खोला है बैंक ने एक ग्राहक सेवा केंद्र, उस केंद्र पर हर दिन (अवकाश के दिनों को छोड़कर) उपलब्ध रहेगा। बैंक का प्रतिनिधि जो करेगा आपके खाते से लेन-देन एवं रखेगा पूरा हिसाब।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन गांवों में पेंशन धारकों की संख्या 700 से कम है वहां दो या दो से अधिक गांवों के लिए खोला जाएगा एक बैंक ग्राहक सेवा केंद्र। हर गांव के लिए बैंक का प्रतिनिधि नियत दिनों को रहेगा उपलब्ध। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को पेंशन व भत्तों के लिए किसी व्यक्ति या बैंक को कोई कमीशन नहीं देना होगा। बैंक में जमा पेंशन व ब्याज राशि पेंशनधारक की होगी। उन्होंने बताया कि अब नहीं होगी पेंशन मिलने में कोई देरी, बैंक में खाता खुलवाने से होगी खत्म हेराफेरी। यदि बैंक में खाता खुलवाने में कोई दिक्कत आती है तो संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी, खंड विकास अधिकारी या उपायुक्त कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी अश्विनी मदान ने बताया कि लाभार्थियों को खाते खुलवाने में किसी प्रकार की परेशानी या दिक्कत आती है तो वे संबंधित एजेंट जैसे सतबीर शर्मा के मोबाइल नं. 98121-94995 ब्लॉक एमसी सिरसा से संपर्क कर सकते हैं। इसी प्रकार ब्लॉक सिरसा अमरीक सिंह जिसके मोबाइल नं. 90689-09577, बड़ागुढ़ा रोहताश कुमार के नंबर 99920-24471, एमसी कालांवाली सुखविंद्र सिंह 93154-75160, ब्लॉक डबवाली कालूराम के मोबाइल नं. 97287-93584, एमसी डबवाली रामचंद्र के मोबाइल नं. 94665-94689, एमसी रानियां मुकेश के मोबाइल नं. 97287-68257, ब्लॉक रानियां जसवंत के मोबाइल नं. 98961-36661, एमसी ऐलनाबाद सुनील शर्मा के मोबाइल नं. 94679-11992, ब्लॉक ऐलनाबाद पितांबर के मोबाइल नं. 98138-62840, ब्लॉक नाथूसरी चौपटा संदीप के मोबाइल नं. 99927-19009, ब्लॉक ओढां जयवीर के मोबाइल नं. 90687-22087 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्री मदान ने बताया कि पेंशनधारकों को पेंशन संबंधी कोई समस्या है तो वे निजी कंपनी के ब्लॉक कॉर्डिनेटर पाले राम जिसका मोबाइल नं. 98127-13268, अमरजीत 94161-66545, सुनील कुमार 94163-81076 से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जिला समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं जिनके संपर्क नंबर ये हैं उषा रानी मोबाइल नं. 99924-84555, ओमप्रकाश 94169-22655, दलीप सिंह 94164-91236, अक्षय कुमार 92532-91317, विजय पाल 94161-92384 आदि।
23 व 24 जुलाई को पंजुआना में कानूनी जागरूकता शिविर तथा ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा
सिरसा, 8 जुलाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आगामी 23 व 24 जुलाई को जिले के गांव पंजुआना में कानूनी जागरूकता शिविर तथा ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेश कुमार सिंघल ने बताया कि इस कानूनी जागरुकता शिविर में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में जनता को विस्तार से जानकारी दी जाएगी और लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े मामलों का मौके पर निपटारा किया जाएगा। इसके साथ-साथ क्षेत्र के लोगों को मुफ्त कानूनी सेवा के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, जॉब कार्ड, बेरोजगारी भत्ता, जनता को रोजगार देने बारे आवश्यक कार्यों बारे, मस्टर रोल, कार्यस्थल पर दी जाने वाली सुविधाएं, वेतन, बैंक व डाकघर के बचत खाता आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि इसके उपरांत गांव पंजुआना में ही 24 जुलाई को ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा जिसमें क्षेत्र के लोगों के विभिन्न प्रकार के मुकद्दमे जो विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े है, को मौके पर ही निपटाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस ग्रामीण लोक अदालत में फौजदारी, सिविल, लड़ाई-झगड़े, मोटर वाहन दुर्घटना व हिंदू मैरिज एक्ट से संबंधित मुकदमों के अलावा अन्य प्रकार के मुकदमों का भी दोनों पक्षों की सहमति से निपटारा किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस ग्रामीण लोक अदालत का लाभ उठाए और अपने लंबित मामलों को अदालत में निपटवाएं। इस तरह के मामलों को लोक अदालतों में निपटवाने से कई प्रकार का लाभ मिलता है। लोक अदालतों के माध्यम से मामले निपटवाने से धन और समय की बचत होती है। लोक अदालत में निपटाए गए मामलों को आगे कहीं भी किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती यानी सदा-सदा के लिए मामलों का निपटारा हो जाता है।
इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत 1527 लाभपात्रों को 3 करोड़ 71 लाख 10 हजार 100 रुपए की राशि देकर लाभांवित किया गया
सिरसा, 8 जुलाई। जिला कल्याण विभाग द्वारा इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत अब तक 1527 लाभपात्रों को 3 करोड़ 71 लाख 10 हजार 100 रुपए की राशि देकर लाभांवित किया गया है।
यह जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में गत तीन मास में 687 परिवारों को एक करोड़ 78 लाख 95 हजार रुपए का लाभ दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में मानवीय मूल्यों को तर्जी देते हुए विकास कार्य किए है। प्रत्येक क्षेत्र के विकास के साथ-साथ सरकार ने सामाजिक दायित्व भी बेखूबी निभाते हुए अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हंै।
उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों व विधवा औरत की लड़की की शादी हेतु 31000 रुपए, अन्य जातियों की लड़की की शादी के लिए 11000 रुपए की राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रार्थी का नाम बीपीएल सूची में दर्ज होना चाहिए तथा लड़की की आयु 18 वर्ष तथा लड़के की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले समाज के अन्य लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से अनेक आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों को गति प्रदान की गई है। अनुसूचित जाति की विधवाएं, निराश्रित महिलाएं, लड़कियां व मेधावी छात्र-छात्राओं के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसी का परिणाम है कि आज इन वर्गों में सामाजिक एवं आर्थिक संपन्नता आई है और विकास की मुख्य कड़ी का हिस्सा बन गए है।
श्री ख्यालिया ने बताया कि सरकार ने इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों व सभी वर्गों की विधवाओं को उनकी लड़की की शादी के समय दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 31 हजार रुपए व 11000 रुपए के रूप में वितरित की जाती है। उन्होंने बताया कि तलाकशुदा महिला स्वयं के पुनर्विवाह हेतु आवेदन प्राप्त कर सकती है, पर वह इस योजना की अन्य शर्ते पूरी करती हो तथा पहले अनुदान प्राप्त न किया हो। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद परिवार आवेदन करने के लिए जिला तहसील कल्याण अधिकारी से ओवदन पत्र नि:शुल्क प्राप्त करके पूर्ण रूप से भरे तथा उसके साथ आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल सूची एवं सरपंच/पटवारी की रिपोर्ट व शादी कार्ड सहित उपरोक्त कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई गई सोशल नेटवर्किंग स्कीम के तहत विभिन्न क्षेत्रों, राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान के लिए वरिष्ठ नागरिकों की सेवाएं ली जाएंगी
सिरसा, 8 जुलाई। प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई गई सोशल नेटवर्किंग स्कीम के तहत विभिन्न क्षेत्रों, राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान के लिए वरिष्ठ नागरिकों की सेवाएं ली जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस स्कीम के तहत पूरे प्रदेश में 65 लाख 60 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी। सिरसा जिला में इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए 3 लाख 60 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी ताकि सुविधानुसार वरिष्ठ नागरिक अपनी बेहतर सेवाएं दे सके। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों की रिर्सोस पर्सन के रूप में सेवाएं ली जाएंगी।
उक्त जानकारी उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम में वरिष्ठ नागरिकों की बैठक में दी। इस स्टेडियम में वरिष्ठ नागरिकों को हॉलनुमा कमरे के रूप में स्थान भी प्रदान किया गया जहां बैठकर जिला के वरिष्ठ नागरिक प्रशासन के सहयोग और जनसमस्याओं को दूर करने के लिए गहराई से चिंतन कर परियोजनाएं तैयार करते हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा कंप्यूटर से संबंधित सभी प्रकार की सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि सोशल नेटवर्किंग योजना के तहत सिरसा जिला में वरिष्ठ नागरिक समिति ने सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर दिया है। हिसार के बाद सिरसा प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहां इस योजना के तहत सीनियर सिटीजन समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि योजनानुसार सभी सीनियर सिटीजनों में से उनकी रूचि एवं अनुभव अनुसार कमेटियां गठित की जाएंगी जिस प्रकार से जिन वरिष्ठ नागरिकों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है, शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में, शहरी विकास के क्षेत्र में, सड़क-भवन निर्माण या अन्य क्षेत्रों में लंबे कार्य का अनुभव रहा हो उनकी सेवाएं ली जाएंगी।
डा. ख्यालिया ने बताया कि सरकार द्वारा 2007 में एक्ट बनाया गया जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रावधान किया गया। जब वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे तो उन्हें सम्मान मिलेगा और वे राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान में अपना योगदान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सभी वरिष्ठ नागरिकों, बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जांच के लिए रूप रेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी बुजुर्गों को भी चाहिए कि वे अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे। उन्होंने यह भी सलाह दी कि वे परिवार व समाज में अपना सम्माननीय स्थान बनाए रखने के लिए परिवार व आसपास के क्षेत्र के लोगों व समाज का भी ख्याल रखे और पूरी जागरूकता के साथ अच्छे कार्यों के लिए आगे आएं जिससे उन्हें समाज में और ज्यादा सम्मान मिलेगा और युवा पीढ़ी भी उनके अनुभवों का लाभ उठा पाएगी।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिला में वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर गतिविधियां जारी हैं। हुडा सैक्टर में डे-केयर सेंटर खोला हुआ है जहां सैंकड़ों बुजुर्ग आ रहे हैं और विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं। इसके साथ-साथ शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम में बुजुर्गों के लिए जगह उपलब्ध करवाई गई है जहां फर्नीचर आदि की भी व्यवस्था की गई है और काफी संख्या में बुजुर्ग यहां आ रहे हैं। स्टेडियम होने के कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेषज्ञ बुजुर्ग यहां स्टेडियम में आने वाले लोगों को योग, आयुर्वेदिक, प्राणायाम व व्यायाम के बारे में बता रहे हैं।
इस बैठक में हिसार से आए डा. मनबीर सिंह, श्री लालचंद गोदारा, श्री ज्ञान चंद, एसके मित्तल, जेके जैन, डा. सुरेंद्र सिंह व अन्य वरिष्ठ नागरिकों ने अपने-अपने विचार रखे और संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने की पेशकश की।
गांव अरनियांवाली के सरपंच साहब राम लांबा जहां जनहित कार्यों में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं
सिरसा। गांव अरनियांवाली के सरपंच साहब राम लांबा जहां जनहित कार्यों में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं, वहीं वह कोई भी परोपकारी कार्य करने से नहीं चूकते तथा गरीब व असहायों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। सरपंच साहब राम लांबा ने गांव अरनियांवाली निवासी बलवंत नायक की लड़की के विवाह हेतु 11 हजार रुपये की राशि अपने निजी कोष से उपलब्ध करवाकर कन्यादान के रूप में दी है। उन्होंने बताया कि वह गांव के किसी भी गरीब परिवार की कन्या के विवाह हेतु कन्यादान रूपी 11 हजार की नकद राशि उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया हुआ है। उन्होंने बताया कि वह इससे पूर्व भी अनेक गरीब परिवारों को कन्यादान राशि के रूप में जरूरतमंदों की सहायता कर चुके हैं। आज इस कन्यादान के अवसर पर उनके साथ बनवारी लांबा, हरदत डूडी, बनवारी खोथ, रामप्रताप लांबा, भीम डूडी, राजेन्द्र कड़वा, सुरजीत कस्वां, भगत राम बराला व अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
बाल भवन के प्रांगण में लीगल लिट्रेसी कैंप का आयोजन किया गया
सिरसा, 8 जुलाई। भारतीय ग्रामीण महिला समिति द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरसा के संयुक्त तत्वावधान में बाल भवन के प्रांगण में लीगल लिट्रेसी कैंप का आयोजन किया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विशु सिंगला एडवोकेट उपस्थित हुई।
उन्होंने उपस्थित महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों व घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कौन-कौन से पात्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नि:शुल्क सेवा प्राप्त कर सकते हैं। इस कैंप में परामर्शदात्री श्रीमती मुकुल गुप्ता एवं परामर्शदाता श्री रविंद्र मोंगा ने भी महिलाओं को परिवार परामर्श केंद्र द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सेवाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को पारिवारिक झगड़ों को पंचायती स्तर पर या परामर्श केंद्रों की सहायता से सुलझाने के प्रति जागरूक किया।
कैम्प में मुख्यातिथि के रूप में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती कमलेश चाहर ने भाग लिया। उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया। श्रीमती चाहर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही नि:शुल्क सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजन आयोजित होने रहने चाहिए ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके।
दूरवर्ती कोर्सों की वैधता के लिए डेक की मान्यता होना जरूरी : डा. भारतभूषण
गुणवत्तापरक अध्ययन सामग्री मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती
सिरसा। दूरवर्ती शिक्षा परिषद(डेक) के निदेशक डा. भारतभूषण ने कहा है कि किसी भी विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा में कोर्स संचालित करने के लिए परिषद से मान्यता हासिल करना एक वैधानिक आवश्यकता है। इसके बगैर उसके द्वारा दूरवर्ती शिक्षा प्रणाली से दी गई कोई भी उपाधि या प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। यह प्रावधान देश में दूरवर्ती शिक्षा को स्तरीय बनाए रखने के लिए किया गया है। डेक के निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार व कानून की निगाह में नियमित कोर्स करके हासिल की गई डिग्री और दूरवर्ती शिक्षा प्रणाली से प्राप्त डिग्री एक समान अहमियत रखती हैं। डा. भारत भूषण ने यह टिप्पणी रेडियो सिरसा के कार्यक्रम हैलो सिरसा में केंद्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ भेंटवार्ता में की। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूरस्थ शिक्षा परिषद(डेक) का गठन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्रू)अधिनियम के तहत किया गया है और यह परिषद देश में मुक्त व दूरवर्ती शिक्षा की दशा व दिशा को नियंत्रित करने के लिए अधिकृत है।
डा. भारत भूषण ने स्वीकार किया कि भारत में कुछ नियोक्ता दूरवर्ती शिक्षा पद्धति से प्राप्त उपाधि को रेगुलर प्रणाली से की गई डिग्री की तुलना में दोयम दर्जे का मानते हैं। यह दृष्टिकोण सही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यूरोपीय देशों में दूरवर्ती शिक्षा से मिली डिग्री को अपेक्षाकृत बेहतर ामना जाता है और विश्वास जताया कि भारत में भी आने वाले समय में इस मामले में संबंधित पक्षों के नजरिए में सकारात्मक बदलाव आ जाएगा। एक सवाल के जवाब में डा. भारतभूषण ने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा में शिक्षक का स्थान अध्ययन सामग्री (सेल्फ लर्निग मेटीरियल) ले लेता है। इसलिए अध्ययन सामग्री की गुणवत्ता पर दूरवर्ती शिक्षा की गुणवत्ता निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आज भारत में दूरवर्ती शिक्षा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अच्छी व कारगर अध्ययन सामग्री विद्यार्थियों को मुहैया करवाना है। बकौल डा. भारतभूषण इस समय देश में वैज्ञानिक पद्धति से तैयार की गई अध्ययन सामग्री अपने विद्यार्थियों को मुहैया करवाने वाले विश्वविद्यालयों की की तादात बहुत अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि इग्रू की अध्ययन सामग्री नितांत वैज्ञानिक तरीके से राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाती। इसलिए गुणवत्ता के लिहाज से इसे बेहतरीन माना जाता है। इसका एक प्रमाण यह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों में यह अध्ययन सामग्री खासी लोकप्रिय है।
एक सवाल के जवाब में डा. भारत भूषण ने बताया कि दूरवर्ती शिक्षा परिषद दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के जरिए शिक्षा प्रदान कर रहे विश्वविद्यालयों को अध्ययन सामग्री तैयार करने में आर्थिक मदद के साथ साथ इसके अन्य पक्षों में मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा से संबंधित किसी पक्ष को यदि किसी संस्थान की कार्यप्रणाली से कोई शिकायत है तो वह सीधे परिषद के अध्यक्ष के साथ पत्रव्यवहार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में नवीनतम संचार प्रोद्योगिकी और खासकर इंटरनेट,रेडियो व वीडियोकॉंफ्रेंसिंग आदि ने दूरवर्ती शिक्षा को अधिक प्रभावी बना दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में दूरवर्ती शिक्षा में नई प्रोद्योगिकी का उपयोग फिलहाल पश्चिमी देशों की तुलना में कुछ कम हो रहा है मगर डेक इसके अधिकाधिक उपयोग के लिए शिक्षण संस्थानों को प्रेरित कर रही है। इसके अलावा परिषद के बजट में दूरवर्ती शिक्षा के विकास और उससे जुड़े अन्य पक्षों पर शोध के लिए भी धन का प्रावधान है।
डा. भारतभूषण ने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों ने जो अध्ययन केंद्र स्थापित कर रखें हैं उनके लिए भी परिषद ने कुछ नियम कायदे निर्धारित कर रखे हैं और इन नियमों की अवहेलना पर इन केंद्रों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डेक ऑनलाइन कोर्सों की गुणवत्ता व संचालन को भी निर्देशित व नियंत्रित करता और आने वाले दिनों में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के प्रति भी लोगों की अभिरूचि में इजाफा अवश्यंभावी है चूंकि देश में इंटरनेट का प्रसार बहुत तेज गति से हो रहा है। डेक के निदेशक ने कहा कि भारत में आने वाले समय में दूरवर्ती शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ेगा। उन्होंने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प00त्रकारिता विभाग के मीडिया सेंटर में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं का अवलोकन करने के बाद कहा कि विभाग में आधुनिक प्रोद्योगिकी का जिस पैमाने पर उपयोग हो रहा है, वह अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।
भुपिन्द्र विर्क बने प्रधान, सोभा सिंह कोषाध्यक्ष
रानियां, 8 जुलाई (विर्क): खंड के गांव चक्क रत्न सिंह वाला में स्र्पोटस युवा क्लब द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता क्लब के प्रधान भुपिन्द्र सिंह विर्क द्वारा की गई।
इस बैठक में क्लब द्वारा किए गए कार्यो का विवरण पेश किया गया और आगामी कार्यो को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति भुपिन्द्र सिंह विर्क को दौबारा प्रधान, मक्खन सिंह वडवाल को महासचिव व सोभा सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया। इस अवससर पर नवनियुक्त प्रधान ने कहा कि क्लब पिछले दो वर्षो से गांव में समाज सेवा अनेक काम कर चुका है। इसके साथ क्लब द्वारा युवाओं को नशों से बचाने व खेलों की और बढऩे के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्लब नशा, कन्या भ्रुण हत्या, दहेज जैसी अनेक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का भी काम करेगा। इस अवसर पर राम सिंह, गुरमख सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुरत सिंह, गुरमीत सिंह, राजविन्द्र विर्क, बलिहार सिंह, दया सिंह, जरनैल सिंह, गुरलाल सिंह सहित क्लब के सदस्य मौजूद थे।
ठग्गी व धोखाधड़ी के मामले में 9 वर्ष से फरार चल रहे उद्घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया
सिरसा। जिला की रानियां पुलिस ने ठग्गी व धोखाधड़ी के मामले में 9 वर्ष से फरार चल रहे एक उद्घोषित अपराधी को राजस्थान के संगरियां क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी को आज ऐलनाबाद अदालत में पेश कर पूछताछ हेतू दो दिन के पुलिस रिंमाड पर लिया है। मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए सहायक उपनिरीक्षक व जांच अधिकारी छाजू राम ने बताया कि आरोपी हरीकृष्ण पुत्र संतलाल निवासी रत्तेरा जिला भिवानी तथा कुलवन्त कौर पत्नि जसवन्त सिंह निवासी कोटली(पंजाब) के विरूद्ध 24 दिसम्बर 2002 में भादसं की धारा 420/34 के तहत रानियां थाना में ठग्गी व धोखाधड़ी का अभियोग दर्ज हुआ था। पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में शिकायत कर्ता गांव बणी निवासी नत्थू राम पुत्र लालचन्द ने आरोपियों के विरूद्ध फोज में भर्ती करवाने के नाम पर 28 हजार रूपए की ठग्गी व धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। जांच अधिकारी ने बताया कि इस घटना में कुलवन्त कौर पत्नि जसवन्त सिंह निवासी कोटली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने शमेशर सिंह पुत्र तेजा सिंह निवासी रोड़ी को 10 बोतल देशी शराब के साथ जबकि सदर सिरसा पुलिस ने रामचन्द्र पुत्र निगाया राम निवासी सलारपुर को 10 बोतल देशी शराब के साथ काबू किया है।
सिरसा, 8 जुलाई। जिला में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, बेसहारा पेंशन, विकलांग पेंशन, लाडली सुरक्षा पेंशन, एफएडीसी पेंशन, बौना, किन्नर व स्कूल न जाने वाले एमआर बच्चों की पेंशन आदि का वितरण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है तथा शेष बचे गांवों व शहरों में 10 जुलाई तक पेंशनधारकों को पेंशन बांट दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त डा. यद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, बेसहारा पेंशन, विकलांग पेंशन, लाडली सुरक्षा पेंशन, एफएडीसी पेंशन, बौना, किन्नर व स्कूल न जाने वाले एमआर बच्चों की पेंशन का कार्य एक्सिस बैंक के माध्यम से एमसी ऐलनाबाद, एमसी रानियां, एमसी सिरसा, बीडीपीओ नाथूसरी चौपटा, बीडीपीओ बड़ागुढ़ा तथा बीडीपीओ सिरसा के 70 से अधिक गांवों की पेंशन वितरित की जा चुकी है तथा सभी शेष गांवों व शहरों की पेंशन 10 जुलाई तक वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को सुविधाजनक पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए पेंशन वितरण का कार्य एक्सिस बैंक द्वारा फीनो कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है जिन पेंशन धारकों के खाते नहीं खोले गए हैं वो अपने खाते ब्लॉक अनुसार व नगरपरिषद कार्यकारी अधिकारी, नगरपालिका के अनुसार एजेंटों से संपर्क करके खुलवा सकते हैं। प्रार्थी अपना राशन कार्ड व पहचान पत्र साथ लेकर जाए।
डा. ख्यालिया ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पेंशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने, समय पर पेंशन वितरण सुनिश्चित करने, पेंशन गड़बड़ी रोकने के लिए पेंशन लाभ पात्रों के बैंक खाते में हर महीने की 10 तारीख को पेंशन जमा करवाने की योजना बनाई गई है। सभी लाभ पात्र अपने बैंक में खाता खुलवाकर शहर के वार्ड/गांव में ही पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, भत्तों व विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली नकद राशि अब पेंशनधारकों के बैंक खाते में सीधी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि बैंक में खाता खुलवाने व लाभार्थियों की सहायता के लिए भी उचित प्रबंध किए गए हैं। लाभार्थी को बैंक में जाने की जरूरत नहीं है। बैंक आपके द्वार खुद पहुंचेगा। हर ब्लॉक व नगरपालिका के कार्यालय में मौजूद रहेंगे बैंक के प्रतिनिधि जो खोलेंगे लाभार्थियों का खाता।
उन्होंने बताया कि किसी के बहकावे में न आए। पेंशन योग्य व्यक्तियों की बकाया महीनों की पेंशन खाता खुलवाने पर इक_ी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि पेंशन प्राप्त करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आपके गांव में ही आकर बैंक का प्रतिनिधि देगा आपकी पेंशन राशि जोकि आपके खाते में हर महीने की 10 तारीख को सरकार द्वारा जमा करवा दी जाएगी। लाभार्थी आवश्यकतानुसार बैंक से पेंशन की सारी या आंशिक राशि निकलवा सकते हैं। बची जमा पेंशन की राशि पर बैंक ब्याज भी देगा। उन्होंने बताया कि 700 पेंशनधारकों पर खोला है बैंक ने एक ग्राहक सेवा केंद्र, उस केंद्र पर हर दिन (अवकाश के दिनों को छोड़कर) उपलब्ध रहेगा। बैंक का प्रतिनिधि जो करेगा आपके खाते से लेन-देन एवं रखेगा पूरा हिसाब।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन गांवों में पेंशन धारकों की संख्या 700 से कम है वहां दो या दो से अधिक गांवों के लिए खोला जाएगा एक बैंक ग्राहक सेवा केंद्र। हर गांव के लिए बैंक का प्रतिनिधि नियत दिनों को रहेगा उपलब्ध। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को पेंशन व भत्तों के लिए किसी व्यक्ति या बैंक को कोई कमीशन नहीं देना होगा। बैंक में जमा पेंशन व ब्याज राशि पेंशनधारक की होगी। उन्होंने बताया कि अब नहीं होगी पेंशन मिलने में कोई देरी, बैंक में खाता खुलवाने से होगी खत्म हेराफेरी। यदि बैंक में खाता खुलवाने में कोई दिक्कत आती है तो संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी, खंड विकास अधिकारी या उपायुक्त कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी अश्विनी मदान ने बताया कि लाभार्थियों को खाते खुलवाने में किसी प्रकार की परेशानी या दिक्कत आती है तो वे संबंधित एजेंट जैसे सतबीर शर्मा के मोबाइल नं. 98121-94995 ब्लॉक एमसी सिरसा से संपर्क कर सकते हैं। इसी प्रकार ब्लॉक सिरसा अमरीक सिंह जिसके मोबाइल नं. 90689-09577, बड़ागुढ़ा रोहताश कुमार के नंबर 99920-24471, एमसी कालांवाली सुखविंद्र सिंह 93154-75160, ब्लॉक डबवाली कालूराम के मोबाइल नं. 97287-93584, एमसी डबवाली रामचंद्र के मोबाइल नं. 94665-94689, एमसी रानियां मुकेश के मोबाइल नं. 97287-68257, ब्लॉक रानियां जसवंत के मोबाइल नं. 98961-36661, एमसी ऐलनाबाद सुनील शर्मा के मोबाइल नं. 94679-11992, ब्लॉक ऐलनाबाद पितांबर के मोबाइल नं. 98138-62840, ब्लॉक नाथूसरी चौपटा संदीप के मोबाइल नं. 99927-19009, ब्लॉक ओढां जयवीर के मोबाइल नं. 90687-22087 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्री मदान ने बताया कि पेंशनधारकों को पेंशन संबंधी कोई समस्या है तो वे निजी कंपनी के ब्लॉक कॉर्डिनेटर पाले राम जिसका मोबाइल नं. 98127-13268, अमरजीत 94161-66545, सुनील कुमार 94163-81076 से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जिला समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं जिनके संपर्क नंबर ये हैं उषा रानी मोबाइल नं. 99924-84555, ओमप्रकाश 94169-22655, दलीप सिंह 94164-91236, अक्षय कुमार 92532-91317, विजय पाल 94161-92384 आदि।
23 व 24 जुलाई को पंजुआना में कानूनी जागरूकता शिविर तथा ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा
सिरसा, 8 जुलाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आगामी 23 व 24 जुलाई को जिले के गांव पंजुआना में कानूनी जागरूकता शिविर तथा ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेश कुमार सिंघल ने बताया कि इस कानूनी जागरुकता शिविर में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में जनता को विस्तार से जानकारी दी जाएगी और लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े मामलों का मौके पर निपटारा किया जाएगा। इसके साथ-साथ क्षेत्र के लोगों को मुफ्त कानूनी सेवा के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, जॉब कार्ड, बेरोजगारी भत्ता, जनता को रोजगार देने बारे आवश्यक कार्यों बारे, मस्टर रोल, कार्यस्थल पर दी जाने वाली सुविधाएं, वेतन, बैंक व डाकघर के बचत खाता आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि इसके उपरांत गांव पंजुआना में ही 24 जुलाई को ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा जिसमें क्षेत्र के लोगों के विभिन्न प्रकार के मुकद्दमे जो विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े है, को मौके पर ही निपटाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस ग्रामीण लोक अदालत में फौजदारी, सिविल, लड़ाई-झगड़े, मोटर वाहन दुर्घटना व हिंदू मैरिज एक्ट से संबंधित मुकदमों के अलावा अन्य प्रकार के मुकदमों का भी दोनों पक्षों की सहमति से निपटारा किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस ग्रामीण लोक अदालत का लाभ उठाए और अपने लंबित मामलों को अदालत में निपटवाएं। इस तरह के मामलों को लोक अदालतों में निपटवाने से कई प्रकार का लाभ मिलता है। लोक अदालतों के माध्यम से मामले निपटवाने से धन और समय की बचत होती है। लोक अदालत में निपटाए गए मामलों को आगे कहीं भी किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती यानी सदा-सदा के लिए मामलों का निपटारा हो जाता है।
इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत 1527 लाभपात्रों को 3 करोड़ 71 लाख 10 हजार 100 रुपए की राशि देकर लाभांवित किया गया
सिरसा, 8 जुलाई। जिला कल्याण विभाग द्वारा इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत अब तक 1527 लाभपात्रों को 3 करोड़ 71 लाख 10 हजार 100 रुपए की राशि देकर लाभांवित किया गया है।
यह जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में गत तीन मास में 687 परिवारों को एक करोड़ 78 लाख 95 हजार रुपए का लाभ दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में मानवीय मूल्यों को तर्जी देते हुए विकास कार्य किए है। प्रत्येक क्षेत्र के विकास के साथ-साथ सरकार ने सामाजिक दायित्व भी बेखूबी निभाते हुए अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हंै।
उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों व विधवा औरत की लड़की की शादी हेतु 31000 रुपए, अन्य जातियों की लड़की की शादी के लिए 11000 रुपए की राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रार्थी का नाम बीपीएल सूची में दर्ज होना चाहिए तथा लड़की की आयु 18 वर्ष तथा लड़के की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले समाज के अन्य लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से अनेक आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों को गति प्रदान की गई है। अनुसूचित जाति की विधवाएं, निराश्रित महिलाएं, लड़कियां व मेधावी छात्र-छात्राओं के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसी का परिणाम है कि आज इन वर्गों में सामाजिक एवं आर्थिक संपन्नता आई है और विकास की मुख्य कड़ी का हिस्सा बन गए है।
श्री ख्यालिया ने बताया कि सरकार ने इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों व सभी वर्गों की विधवाओं को उनकी लड़की की शादी के समय दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 31 हजार रुपए व 11000 रुपए के रूप में वितरित की जाती है। उन्होंने बताया कि तलाकशुदा महिला स्वयं के पुनर्विवाह हेतु आवेदन प्राप्त कर सकती है, पर वह इस योजना की अन्य शर्ते पूरी करती हो तथा पहले अनुदान प्राप्त न किया हो। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद परिवार आवेदन करने के लिए जिला तहसील कल्याण अधिकारी से ओवदन पत्र नि:शुल्क प्राप्त करके पूर्ण रूप से भरे तथा उसके साथ आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल सूची एवं सरपंच/पटवारी की रिपोर्ट व शादी कार्ड सहित उपरोक्त कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई गई सोशल नेटवर्किंग स्कीम के तहत विभिन्न क्षेत्रों, राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान के लिए वरिष्ठ नागरिकों की सेवाएं ली जाएंगी
सिरसा, 8 जुलाई। प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई गई सोशल नेटवर्किंग स्कीम के तहत विभिन्न क्षेत्रों, राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान के लिए वरिष्ठ नागरिकों की सेवाएं ली जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस स्कीम के तहत पूरे प्रदेश में 65 लाख 60 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी। सिरसा जिला में इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए 3 लाख 60 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी ताकि सुविधानुसार वरिष्ठ नागरिक अपनी बेहतर सेवाएं दे सके। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों की रिर्सोस पर्सन के रूप में सेवाएं ली जाएंगी।
उक्त जानकारी उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम में वरिष्ठ नागरिकों की बैठक में दी। इस स्टेडियम में वरिष्ठ नागरिकों को हॉलनुमा कमरे के रूप में स्थान भी प्रदान किया गया जहां बैठकर जिला के वरिष्ठ नागरिक प्रशासन के सहयोग और जनसमस्याओं को दूर करने के लिए गहराई से चिंतन कर परियोजनाएं तैयार करते हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा कंप्यूटर से संबंधित सभी प्रकार की सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि सोशल नेटवर्किंग योजना के तहत सिरसा जिला में वरिष्ठ नागरिक समिति ने सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर दिया है। हिसार के बाद सिरसा प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहां इस योजना के तहत सीनियर सिटीजन समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि योजनानुसार सभी सीनियर सिटीजनों में से उनकी रूचि एवं अनुभव अनुसार कमेटियां गठित की जाएंगी जिस प्रकार से जिन वरिष्ठ नागरिकों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है, शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में, शहरी विकास के क्षेत्र में, सड़क-भवन निर्माण या अन्य क्षेत्रों में लंबे कार्य का अनुभव रहा हो उनकी सेवाएं ली जाएंगी।
डा. ख्यालिया ने बताया कि सरकार द्वारा 2007 में एक्ट बनाया गया जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रावधान किया गया। जब वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे तो उन्हें सम्मान मिलेगा और वे राष्ट्र निर्माण व समाज उत्थान में अपना योगदान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सभी वरिष्ठ नागरिकों, बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जांच के लिए रूप रेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी बुजुर्गों को भी चाहिए कि वे अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे। उन्होंने यह भी सलाह दी कि वे परिवार व समाज में अपना सम्माननीय स्थान बनाए रखने के लिए परिवार व आसपास के क्षेत्र के लोगों व समाज का भी ख्याल रखे और पूरी जागरूकता के साथ अच्छे कार्यों के लिए आगे आएं जिससे उन्हें समाज में और ज्यादा सम्मान मिलेगा और युवा पीढ़ी भी उनके अनुभवों का लाभ उठा पाएगी।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिला में वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर गतिविधियां जारी हैं। हुडा सैक्टर में डे-केयर सेंटर खोला हुआ है जहां सैंकड़ों बुजुर्ग आ रहे हैं और विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं। इसके साथ-साथ शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम में बुजुर्गों के लिए जगह उपलब्ध करवाई गई है जहां फर्नीचर आदि की भी व्यवस्था की गई है और काफी संख्या में बुजुर्ग यहां आ रहे हैं। स्टेडियम होने के कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेषज्ञ बुजुर्ग यहां स्टेडियम में आने वाले लोगों को योग, आयुर्वेदिक, प्राणायाम व व्यायाम के बारे में बता रहे हैं।
इस बैठक में हिसार से आए डा. मनबीर सिंह, श्री लालचंद गोदारा, श्री ज्ञान चंद, एसके मित्तल, जेके जैन, डा. सुरेंद्र सिंह व अन्य वरिष्ठ नागरिकों ने अपने-अपने विचार रखे और संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने की पेशकश की।
गांव अरनियांवाली के सरपंच साहब राम लांबा जहां जनहित कार्यों में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं
सिरसा। गांव अरनियांवाली के सरपंच साहब राम लांबा जहां जनहित कार्यों में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं, वहीं वह कोई भी परोपकारी कार्य करने से नहीं चूकते तथा गरीब व असहायों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। सरपंच साहब राम लांबा ने गांव अरनियांवाली निवासी बलवंत नायक की लड़की के विवाह हेतु 11 हजार रुपये की राशि अपने निजी कोष से उपलब्ध करवाकर कन्यादान के रूप में दी है। उन्होंने बताया कि वह गांव के किसी भी गरीब परिवार की कन्या के विवाह हेतु कन्यादान रूपी 11 हजार की नकद राशि उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया हुआ है। उन्होंने बताया कि वह इससे पूर्व भी अनेक गरीब परिवारों को कन्यादान राशि के रूप में जरूरतमंदों की सहायता कर चुके हैं। आज इस कन्यादान के अवसर पर उनके साथ बनवारी लांबा, हरदत डूडी, बनवारी खोथ, रामप्रताप लांबा, भीम डूडी, राजेन्द्र कड़वा, सुरजीत कस्वां, भगत राम बराला व अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
बाल भवन के प्रांगण में लीगल लिट्रेसी कैंप का आयोजन किया गया
सिरसा, 8 जुलाई। भारतीय ग्रामीण महिला समिति द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरसा के संयुक्त तत्वावधान में बाल भवन के प्रांगण में लीगल लिट्रेसी कैंप का आयोजन किया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विशु सिंगला एडवोकेट उपस्थित हुई।
उन्होंने उपस्थित महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों व घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कौन-कौन से पात्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नि:शुल्क सेवा प्राप्त कर सकते हैं। इस कैंप में परामर्शदात्री श्रीमती मुकुल गुप्ता एवं परामर्शदाता श्री रविंद्र मोंगा ने भी महिलाओं को परिवार परामर्श केंद्र द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सेवाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को पारिवारिक झगड़ों को पंचायती स्तर पर या परामर्श केंद्रों की सहायता से सुलझाने के प्रति जागरूक किया।
कैम्प में मुख्यातिथि के रूप में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती कमलेश चाहर ने भाग लिया। उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया। श्रीमती चाहर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही नि:शुल्क सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजन आयोजित होने रहने चाहिए ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके।
दूरवर्ती कोर्सों की वैधता के लिए डेक की मान्यता होना जरूरी : डा. भारतभूषण
गुणवत्तापरक अध्ययन सामग्री मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती
सिरसा। दूरवर्ती शिक्षा परिषद(डेक) के निदेशक डा. भारतभूषण ने कहा है कि किसी भी विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा में कोर्स संचालित करने के लिए परिषद से मान्यता हासिल करना एक वैधानिक आवश्यकता है। इसके बगैर उसके द्वारा दूरवर्ती शिक्षा प्रणाली से दी गई कोई भी उपाधि या प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। यह प्रावधान देश में दूरवर्ती शिक्षा को स्तरीय बनाए रखने के लिए किया गया है। डेक के निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार व कानून की निगाह में नियमित कोर्स करके हासिल की गई डिग्री और दूरवर्ती शिक्षा प्रणाली से प्राप्त डिग्री एक समान अहमियत रखती हैं। डा. भारत भूषण ने यह टिप्पणी रेडियो सिरसा के कार्यक्रम हैलो सिरसा में केंद्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ भेंटवार्ता में की। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूरस्थ शिक्षा परिषद(डेक) का गठन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्रू)अधिनियम के तहत किया गया है और यह परिषद देश में मुक्त व दूरवर्ती शिक्षा की दशा व दिशा को नियंत्रित करने के लिए अधिकृत है।
डा. भारत भूषण ने स्वीकार किया कि भारत में कुछ नियोक्ता दूरवर्ती शिक्षा पद्धति से प्राप्त उपाधि को रेगुलर प्रणाली से की गई डिग्री की तुलना में दोयम दर्जे का मानते हैं। यह दृष्टिकोण सही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यूरोपीय देशों में दूरवर्ती शिक्षा से मिली डिग्री को अपेक्षाकृत बेहतर ामना जाता है और विश्वास जताया कि भारत में भी आने वाले समय में इस मामले में संबंधित पक्षों के नजरिए में सकारात्मक बदलाव आ जाएगा। एक सवाल के जवाब में डा. भारतभूषण ने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा में शिक्षक का स्थान अध्ययन सामग्री (सेल्फ लर्निग मेटीरियल) ले लेता है। इसलिए अध्ययन सामग्री की गुणवत्ता पर दूरवर्ती शिक्षा की गुणवत्ता निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आज भारत में दूरवर्ती शिक्षा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अच्छी व कारगर अध्ययन सामग्री विद्यार्थियों को मुहैया करवाना है। बकौल डा. भारतभूषण इस समय देश में वैज्ञानिक पद्धति से तैयार की गई अध्ययन सामग्री अपने विद्यार्थियों को मुहैया करवाने वाले विश्वविद्यालयों की की तादात बहुत अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि इग्रू की अध्ययन सामग्री नितांत वैज्ञानिक तरीके से राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाती। इसलिए गुणवत्ता के लिहाज से इसे बेहतरीन माना जाता है। इसका एक प्रमाण यह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों में यह अध्ययन सामग्री खासी लोकप्रिय है।
एक सवाल के जवाब में डा. भारत भूषण ने बताया कि दूरवर्ती शिक्षा परिषद दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के जरिए शिक्षा प्रदान कर रहे विश्वविद्यालयों को अध्ययन सामग्री तैयार करने में आर्थिक मदद के साथ साथ इसके अन्य पक्षों में मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा से संबंधित किसी पक्ष को यदि किसी संस्थान की कार्यप्रणाली से कोई शिकायत है तो वह सीधे परिषद के अध्यक्ष के साथ पत्रव्यवहार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में नवीनतम संचार प्रोद्योगिकी और खासकर इंटरनेट,रेडियो व वीडियोकॉंफ्रेंसिंग आदि ने दूरवर्ती शिक्षा को अधिक प्रभावी बना दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में दूरवर्ती शिक्षा में नई प्रोद्योगिकी का उपयोग फिलहाल पश्चिमी देशों की तुलना में कुछ कम हो रहा है मगर डेक इसके अधिकाधिक उपयोग के लिए शिक्षण संस्थानों को प्रेरित कर रही है। इसके अलावा परिषद के बजट में दूरवर्ती शिक्षा के विकास और उससे जुड़े अन्य पक्षों पर शोध के लिए भी धन का प्रावधान है।
डा. भारतभूषण ने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों ने जो अध्ययन केंद्र स्थापित कर रखें हैं उनके लिए भी परिषद ने कुछ नियम कायदे निर्धारित कर रखे हैं और इन नियमों की अवहेलना पर इन केंद्रों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डेक ऑनलाइन कोर्सों की गुणवत्ता व संचालन को भी निर्देशित व नियंत्रित करता और आने वाले दिनों में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के प्रति भी लोगों की अभिरूचि में इजाफा अवश्यंभावी है चूंकि देश में इंटरनेट का प्रसार बहुत तेज गति से हो रहा है। डेक के निदेशक ने कहा कि भारत में आने वाले समय में दूरवर्ती शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ेगा। उन्होंने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प00त्रकारिता विभाग के मीडिया सेंटर में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं का अवलोकन करने के बाद कहा कि विभाग में आधुनिक प्रोद्योगिकी का जिस पैमाने पर उपयोग हो रहा है, वह अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।
भुपिन्द्र विर्क बने प्रधान, सोभा सिंह कोषाध्यक्ष
रानियां, 8 जुलाई (विर्क): खंड के गांव चक्क रत्न सिंह वाला में स्र्पोटस युवा क्लब द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता क्लब के प्रधान भुपिन्द्र सिंह विर्क द्वारा की गई।
इस बैठक में क्लब द्वारा किए गए कार्यो का विवरण पेश किया गया और आगामी कार्यो को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति भुपिन्द्र सिंह विर्क को दौबारा प्रधान, मक्खन सिंह वडवाल को महासचिव व सोभा सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया। इस अवससर पर नवनियुक्त प्रधान ने कहा कि क्लब पिछले दो वर्षो से गांव में समाज सेवा अनेक काम कर चुका है। इसके साथ क्लब द्वारा युवाओं को नशों से बचाने व खेलों की और बढऩे के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्लब नशा, कन्या भ्रुण हत्या, दहेज जैसी अनेक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का भी काम करेगा। इस अवसर पर राम सिंह, गुरमख सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुरत सिंह, गुरमीत सिंह, राजविन्द्र विर्क, बलिहार सिंह, दया सिंह, जरनैल सिंह, गुरलाल सिंह सहित क्लब के सदस्य मौजूद थे।
ठग्गी व धोखाधड़ी के मामले में 9 वर्ष से फरार चल रहे उद्घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया
सिरसा। जिला की रानियां पुलिस ने ठग्गी व धोखाधड़ी के मामले में 9 वर्ष से फरार चल रहे एक उद्घोषित अपराधी को राजस्थान के संगरियां क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी को आज ऐलनाबाद अदालत में पेश कर पूछताछ हेतू दो दिन के पुलिस रिंमाड पर लिया है। मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए सहायक उपनिरीक्षक व जांच अधिकारी छाजू राम ने बताया कि आरोपी हरीकृष्ण पुत्र संतलाल निवासी रत्तेरा जिला भिवानी तथा कुलवन्त कौर पत्नि जसवन्त सिंह निवासी कोटली(पंजाब) के विरूद्ध 24 दिसम्बर 2002 में भादसं की धारा 420/34 के तहत रानियां थाना में ठग्गी व धोखाधड़ी का अभियोग दर्ज हुआ था। पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में शिकायत कर्ता गांव बणी निवासी नत्थू राम पुत्र लालचन्द ने आरोपियों के विरूद्ध फोज में भर्ती करवाने के नाम पर 28 हजार रूपए की ठग्गी व धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। जांच अधिकारी ने बताया कि इस घटना में कुलवन्त कौर पत्नि जसवन्त सिंह निवासी कोटली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने शमेशर सिंह पुत्र तेजा सिंह निवासी रोड़ी को 10 बोतल देशी शराब के साथ जबकि सदर सिरसा पुलिस ने रामचन्द्र पुत्र निगाया राम निवासी सलारपुर को 10 बोतल देशी शराब के साथ काबू किया है।
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