इस लोकसभा चुनाव रहेगा कुंवारों का बोलबाला
राहुल, मायावती, जयलिलता, ममता सब कुंवारे
देश की 16वीं लोकसभा चुनाव के महासंग्राम में
कुंवारों के बीच जंग छिड़ गई है। दरअसल, प्रधानमंत्री की कुर्सी के लगभग
सभी दावेदार कुंवारे हैं। राहुल गांधी, मायावती, जयलिलता, ममता बनर्जी और
नवीन पटनायक जैसे धुरंधरों ने शादी नहीं की है।
नरेंद्र मोदी ने अपनी शादी को नकारा तो नहीं मगर यह भी हकीकत है कि वह दांपात्य जीवन में कभी नहीं रहे। यानी कि कुंवारों जैसा जीवन ही बिताया है।
नरेंद्र मोदी ने अपनी शादी को नकारा तो नहीं मगर यह भी हकीकत है कि वह दांपात्य जीवन में कभी नहीं रहे। यानी कि कुंवारों जैसा जीवन ही बिताया है।
कौन देगा नेतृत्व
एक साथ इतने कुंवारों के मैदान में उतरने से
शादीशुदा बनाम कुंवारों के बीच बहस छिड़ गई है कि देश को उम्दा नेतृत्व कौन
देगा। कुंवारा या फिर शादीशुदा।
अपने कुंवारेपन को लेकर राहुल गांधी कहते है कि उनके लिए शादी से देश और पार्टी की सेवा सर्वोपरि है तो मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके है कि जिनके आगे पीछे कोई नहीं है। तन, मन, धन देश को समर्पित है। उनके जैसा व्यक्ति ही देश के लिए लड़ाई लड़ सकता है।
अपने कुंवारेपन को लेकर राहुल गांधी कहते है कि उनके लिए शादी से देश और पार्टी की सेवा सर्वोपरि है तो मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके है कि जिनके आगे पीछे कोई नहीं है। तन, मन, धन देश को समर्पित है। उनके जैसा व्यक्ति ही देश के लिए लड़ाई लड़ सकता है।
अटल रह चुके हैं कुंवारे पीएम
अभी तक देश में सिर्फ एक ही कुंवारे अटल बिहारी
वाजपेयी प्रधानमंत्री रह चुके हैं। मगर इस बार जिस तरह इतने कुंवारे मैदान
में डटे हुए हैं और प्रधानमंत्री की कुर्सी के दावेदार हैं।
तो लग रहा है कि वाजपेयी के अलावा अब शायद कोई दूसरा कुंवारा भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकता है।
कुंवारे और शादीशुदा में कौन बेहतर का सवाल है तो राजनीतिज्ञों का अलग अलग विचार है। कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास इस तरह की तुलना को ठीक नहीं मानते है।
वह मानते है कि हर व्यक्ति की अलग क्षमता है। उसकी काबिलियत उसके कुंवारेपन या फिर शादीशुदा होने से प्रभावित नहीं होती।
तो लग रहा है कि वाजपेयी के अलावा अब शायद कोई दूसरा कुंवारा भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकता है।
कुंवारे और शादीशुदा में कौन बेहतर का सवाल है तो राजनीतिज्ञों का अलग अलग विचार है। कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास इस तरह की तुलना को ठीक नहीं मानते है।
वह मानते है कि हर व्यक्ति की अलग क्षमता है। उसकी काबिलियत उसके कुंवारेपन या फिर शादीशुदा होने से प्रभावित नहीं होती।
मोदी पर कटाक्ष करते मोदी
कांग्रेस नेता राजबब्बर भी कहते हैं कि इस तरह की
बहस का कोई मतलब नहीं है। ये सब निजी मुद्दे है। मगर कुंवारेपन को लेकर
कांग्रेस बाकायदा नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करती रही है। कांग्रेस नेता मोदी
पर आरोप लगाते है कि वह शादीशुदा है। मगर वह इसे छिपाते है।
उधर, मोदी इस मुद्दे पर सार्वजनिक सभाओं में कह चुके है कि वह भ्रष्टाचार किसके लिए करते। रूपए किसके लिए चाहिए। आगे पीछे कुछ नहीं। तन, मन और धन देश को समर्पित है। उनके जैसा व्यक्ति ही लड़ाई लड़ सकता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुंवारी हैं। उनके समर्थन में प्रचार कर रहे अन्ना हजारे भी कुंवारे है। जबकि नरेंद्र मोदी के समर्थन में योग गुरू बाबा रामदेव भी कुंवारे हैं।
उधर, मोदी इस मुद्दे पर सार्वजनिक सभाओं में कह चुके है कि वह भ्रष्टाचार किसके लिए करते। रूपए किसके लिए चाहिए। आगे पीछे कुछ नहीं। तन, मन और धन देश को समर्पित है। उनके जैसा व्यक्ति ही लड़ाई लड़ सकता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुंवारी हैं। उनके समर्थन में प्रचार कर रहे अन्ना हजारे भी कुंवारे है। जबकि नरेंद्र मोदी के समर्थन में योग गुरू बाबा रामदेव भी कुंवारे हैं।
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