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10 March 2017

..जिन्हां दीयां गड्डियां ते लाल बत्तियां.. ओह वी पीरा पहुंचे है दीदार तेरे नूं ...

ओढ़ां पीरखाना में धूमधाम व उत्साह से आयोजित किया वार्षिक दीवान

ओढ़ां
ओढ़ां में जलघर के निकट स्थित पीरखाना में वार्षिक दीवान बड़ी धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया गया। सर्दी की परवाह ना करते हुये हजारों श्रद्धालुओं ने रातभर बाबा जी के दरबार में जयकारे लगाकर अपनी हाजरियां लगाई।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पटाखों व आतिशबाजियों से पूरी रात जहां दीवाली सा दृश्य प्रस्तुत किया वहीं दीवान के समापन पर श्रद्धालुओं ने फूलों की होली खेली और फिर गुलाल उडऩे लगा तो सभी श्रद्धालु बाबा जी के हरे, लाल, नीले और गुलाबी सहित विभिन्न रंगों में रंगे नजर आये। इस अवसर पर बाबा जी का भोजन, चाय, दूध, कॉफी, फलों व मिठाईयों का अटूट लंगर रात्रि भर चलता रहा।
इस अवसर पर गद्दीनशीन बाबा सोहन लाल गर्ग की अध्यक्षता में जगा पंजाब से बाबा प्रेम कुमार ने धुनीके पंजाब से बाबा पप्पू राम, पटियाला से प्रदीप कुमार, लुधियाना से राजकुमार, पंचकूला से प्रवीण कुमार, बठिंडा से राकेश कुमार, ओढ़ां से बाबा सतीश गर्ग, पिरथी चंद गर्ग, कृष्ण लाल, लभुराम, रघुनाथ और मनोहर गर्ग सहित क्षेत्र भर के पीरखाना प्रमुखों की उपस्थिति में विधिवत पूजा अर्चना के साथ पीर बाबा लखदाता साहिब सखी सुल्तान (निगाहे वाले) व पीर बाबा हदर शेख मीरां साहिब जी मलेर कोटले वालों के वार्षिक दीवान का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर ओढ़ां से लभु एंड पार्टी, आदनिया पंजाब तरसेम एंड पार्टी, सफरी रमदासिया एंड पार्टी, मांगेआना से गुरदीप एंड पार्टी, कालांवाली से सलीम खान एंड पार्टी सहित अन्य भजन गायक मंडलियों ने भाग लिया। इस अवसर पर भजन गायकों ने ..जिन्हां दीयां गड्डियां ते लाल बत्तियां ओह वी पीरा पहुंचे है दीदार तेरे नूं, लौने पैनगे पीरां दे दर गेड़े ते पुत्त भावें दो लै लीं, तूं मेरा बुलाया बोल बाबा बोलदा क्यों नी, उठ तड़के जाईये दर पीर करू मुरादां पूरियां, दर बचड़े उडीकदे तेरे सानू देजा दर्शन आणके, गद्दी बालेया बुर्जुर्गा दे नाल अज्ज मैनू नच लैण दे, डोर तेरे ते दातेया छड्डी संगता दी भरके ल्यावां गड्डी तथा खड़ा हथ जोड़ मेरी सुणलै पुकार सहित अनेक भजनों से श्रद्धालुओं को पूरी रात बांधे रखा। इसके अतिरिक्त महादेव आर्ट ग्रुप सिरसा की ओर से मास्टर रामू राजस्थानी मलंग व भोला राम आदि ने मस्त बणा देणगे बाबे तथा टिकटां दो लै लईं.. आदि अनेक भजनों पर नृत्य कर ऐसा समां बांधा कि बाबा सोहन लाल सहित बच्चों बुजुर्गों सभी ने नाचते हुये फूल बरसाये। इस दीवान में ओढ़ां सहित बठिंडा, डबवाली, संगत, मानसा, हनुमानगढ़, तपा मंडी, भुच्चों, सिरसा, संगरिया, पंचकूला, दिल्ली, लुधियाना, रतिया, कोटकपुरा, मोगा, जगरावां व मलोट आदि अनेक स्थानों से बाबा जी के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। 

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