ओढां
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओढां में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत चल रहे पांच दिवसीय जीवन कौशल विकास शिविर के चौथे दिन खंड शिक्षा अधिकारी ओढां हरमेल सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन कौशल सकारात्मक व्यवहार की वह योग्यता है जो विद्यार्थी को दैनिक जीवन की मांग और चुनौती से निपटने में सक्षम बनाती है।
इस प्रकार के जीवन कौशल सीखे जा सकते हैं तथा उनमें सुधार भी किया जा सकता है। आग्रहिता, समय प्रबंधन, सविवेक चिंतन, संबंधों में सुथार और स्वयं की देखभाल के साथ साथ ऐसी असहायक आदतों जैसे पूर्णतावादी होना, विलंबन या टालना आदि से मुक्ति पाना कुछ ऐसे जीवन कौशल है जिनसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी। प्राचार्य विक्रमजीत सिंह ने बताया कि आर्थिक, बोद्धिक अथवा भावनात्मक रूप से स्वयं में सुधार करना सेल्फ इंप्रूवमैंट या स्वाबलंबन ही सेल्फ हेल्प कहलाता है। उन्होंने कहा कि जीवन कौशल हमें किसी भी काम को प्रभावी ढंग से करने में सहायक होता है क्योंकि कौशल व क्षमताएं आपस में जुड़े ही नहीं रहते बल्कि एक दूसरे पर निर्भर भी रहते हैं। यही कारण है कि एक कुशल व्यक्ति किसी काम के लिए कम समय, ऊर्जा और संसाधनों का उपयोग करता है तथा परिणाम उच्च गुणवत्ता के देता है। उन्होंने कहा कि एक ही प्रकार का हस्तक्षेप अलग अलग व्यक्तियों द्वारा अलग अलग ढंग से दिया जाता है। इस अवसर पर लैक्चरार जितेंद्र गर्ग पंजाबी और डॉ. संदीप शर्मा व विद्यार्थी उपस्थित थे।
छायाचित्र: शिविर में विद्यार्थियों को संबोधित करते प्राचार्य।
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