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03 January 2011

मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है—डॉ. कमलेश

कथा वाचते डॉ. कमलेश दास

ओढ़ां न्यूज़
    खंड के गांव पन्नीवाला मोटा बस स्टेंड पर निर्माणाधीन श्रीशिव-हनुमान मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत् सप्ताह ज्ञान गंगा की त्रिवेणी के शुभारंभ में कथा वाचक श्री चित्रकूट धाम वाले डॉ. कमलेश दास ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को पूर्व जन्म के कर्मो का फल इस जन्म में भोगना पड़ता है।
उपस्थित श्रद्धालु 
    उन्होंने कहा कि भीष्म पितामह जिन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था वे अपनी देह के त्याग से पूर्व छह महीने तक वाणों की शैय्या पर लेटे रहे। इसी दौरान एक दिन उन्होंने श्रीकृष्ण जी से पूछा कि उनकी स्मृति में उन्होंने इस प्रकार का कोई कार्य नहीं किया जिसकी उन्हें इस प्रकार की सजा मिले तब ऐसा क्यों? इस पर श्रीकृष्ण जी ने उन्हें दिव्य दृष्टि प्रदान करते हुए कहा कि उनके बताने और उनके सुनने में अंतर रह सकता है अत: दिव्य दृष्टि द्वारा वे स्वयं ही जान लें कि उन्होंने ऐसा क्या किया था जिसकी उन्हें ऐसी सजा मिली।
    भीष्म पितामह ने देखा कि पिछले जन्म में वे सेनापति के रूप में कही से गुजर रहे थे तो रास्ते में एक सांप का बच्चा आ गया जिसे उन्होंने तलवार से उठाकर एक ओर फैंक दिया और उसका हश्र देखे बिना आगे चल दिए। सांप का वो बच्चा एक कांटे दार झाड़ी में जा गिरा और उसका पूरा शरीर कांटों से बिंध गया। बच्चे ने कांटों से निकलने का काफी प्रयास किया लेकिन वो स्वयं को कांटों से मुक्त न कर सका। उस बच्चे की माता ने जब उसे निकालने का प्रयास किया तो सफल न हो सकी तथा उस बच्चे ने तड़प तड़प कर जान दे दी। उस समय उस बच्चे की माता ने सेनापति को श्राप दिया कि उसे भी एक दिन ऐसी ही मृत्यु मिले।
    कथा के मध्य दूरदर्शन कलाकार श्रीमती पूनम शास्त्री ने भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं सहित पन्नीवाला मोटा के सरपंच प्रतिनिधि दाताराम, पूर्व सरपंच श्रवण डुडी, पुलिस बैरियर के इंचार्ज एएसआई बाबू लाल, छतरियां वाली के सरपंच विनोद कुमार, रघुआना के सरपंच जगतार सिंह, आनंदगढ़ के सरपंच बलवंत गोदारा, रोहिडांवाली के सरपंच मास्टर बनवारी लाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।


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