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01 April 2011

भारत की जनसंख्या

  • कुल आबादी 121 करोड़
  • कुल 62 करोड़ पुरुष और 58 करोड़ महिलाएं
  • गत दस वर्षों में भारत की जनसंख्या में 17.6 प्रतिशत बढ़ोतरी
  • पिछले दस वर्षों में लिंगानुपात 933 से बढ़कर 940 हो गया
  • लेकिन बच्चो का लिंगानुपात स्वतंत्र भारत के सबसे निचले स्तर पर
  • कुल जनसंख्या में बच्चो का प्रतिशत 3 फीसदी घटा
  • भारत में साक्षरता की दर साल 2001 के मुकाबले करीब 10 फीसदी बढ़ी
  • पिछले दस वर्षों में पुरुषों से 5 प्रतिशत ज़्यादा महिलाएं साक्षर हुई
  • जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य
    भारत की जनसंख्या बीते एक दशक में 18.1 करोड़ बढ़कर अब 1.21 अरब हो गयी है। जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पुरुषों की संख्या अब 62.37 करोड़ और महिलाओं की संख्या 58.64 करोड़ है। जनसंख्या नियंत्रण के लिये प्रयास कर रहे देश के लिये अच्छी खबर यह है कि आबादी की वृद्धि दर में कमी देखी गयी है। वर्ष 1991 की गणना में आबादी में 23.87 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी थी, 2001 में 21.54 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गयी, जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, बीते एक दशक में आबादी 17.64 फीसदी बढ़ी। इस तरह जनसंख्या वृद्धि दर में निरंतर गिरावट दर्ज की गयी है। बीते एक दशक में वृद्धि दर में 3.90 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। केंद्रीय गृह सचिव जी़ क़े पिल्लै और भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त सी़ चंद्रमौली द्वारा गुरुवार को यहां जारी जनगणना 2011 के अतिम आंकड़ों के अनुसार, अब भारत की 1.21 अरब की आबादी अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश की कुल आबादी से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। अगर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आंकड़ों को मिला दिया जाये तो दोनों राज्यों की कुल आबादी अमेरिका की जनसंख्या से अधिक होगी। अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, लिंगानुपात में सुधार हुआ है। पिछली जनगणना के मुताबिक देश में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 933 थी जो एक दशक में बढ़कर अब 940 हो गयी है। आबादी में पुरुषों की संख्या 51.54 फीसदी और महिलाओं की संख्या 48.46 फीसदी है। महापंजीयक कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, लिंगानुपात में सबसे अधिक फर्क संघ शासित प्रदेश दमन और दीव् में है, जहां प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 615 है। दादरा और नगर हवेली में लिंगानुपात 775 है। वहीं, केरल में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1,084 दर्ज की गयी है। पुडुचेरी में लिंगानुपात 1,038 है। बहरहाल, चिंताजनक तथ्य यह है कि छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों में लिंगानुपात में आजादी के बाद से सर्वाधिक गिरावट देखी गयी है। पिछली गणना में यह लिंगानुपात 927 था जो अब घटकर 914 हो गया है। साक्षरता की बात करें तो अब देश में 74 फीसदी आबादी पढ़ना—लिखना जानती है। साक्षर लोगों की संख्या में बीते एक दशक में 38.8 फीसदी और साक्षरता की दर में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। साक्षर पुरुषों की संख्या 44.42 करोड़ और साक्षर महिलाओं की संख्या 33.42 करोड़ है। दिलचस्प रूप से, बीते एक दशक में साक्षर पुरुषों की संख्या में 31 फीसदी, जबकि साक्षर महिलाओं की संख्या में 49 फीसदी का इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा 19.95 करोड़ है, जबकि लक्षद्वीप में आबादी सबसे कम यानी 64,429 है। सर्वाधिक आबादी वाले पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र 11.23 करोड़, बिहार 10.38 करोड़, पश्चिम बंगाल 9.13 करोड़ और आंध्र प्रदेश 8.46 करोड़ शामिल है।

    भारत की 15वीं जनगणना के पहले और दूसरे चरण के प्रारंभिक आंकड़े गुरुवार को दिल्ली में जारी किए गए. भारत के जनगणना आयुक्त सी चंद्रमौली ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि भारत की मौजूदा आबादी एक अरब 21 करोड़ है. इनमें 62 करोड़ पुरुष और 58 करोड़ महिलाएं हैं. दशक की बढ़ोतरी का आंकड़ा ब्राज़ील की आबादी से थोड़ा ही कम है. यानी दस साल में भारत की आबादी में एक ब्राज़ील जुड़ गया है. अब भारत की आबादी अमरीका, इंडोनेशिया, ब्राज़ील, पाकिस्तान, बांग्लादेश और जापान की कुल आबादी के बराबर है. गत दस वर्षों में भारत की जनसंख्या में 17.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान कुल जनसंख्या में 18 करोड़ का इज़ाफ़ा हुआ है. दुनिया के सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश चीन और भारत के बीच का फासला भी घटा है. 2001 में 23.8 करोड़ से 2011 में अब ये 13 करोड़ हो गया है. 15वीं जनसंख्या के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक़ पिछले दस वर्षों में भारत का कुल लिंगानुपात 933 से बढ़कर 940 हो गया है, जो वर्ष 1961 के बाद सर्वाधिक है. लेकिन बच्चों का लिंगानुपात 927 से घटकर 914 हो गया है. ये स्वतंत्र भारत का सबसे निचला स्तर है.पत्रकार वार्ता में मौजूद भारत के गृह सचिव जी के पिल्लई से जब पूछा गया कि इन आंकड़ों के सामने आने पर क्या लिंगानुपात से जुड़ी नीतियों पर विचार किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि, "हमें इन नीतियों को एक बार फिर देखना होगा और इनकी पूरी तरह से समीक्षा करनी होगी." आंकड़ों के मुताबिक साल 2001 में कुल जनसंख्या का करीब 16 फीसदी बच्चे थे, लेकिन साल 2011 में ये कम होकर करीब 13 फीसदी हैं. जनगणना आयुक्त सी चंद्रमौली ने कहा कि ये भारत में घटती उर्वरता का सूचक है. पंद्रहवी जनसंख्या के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में साक्षरता की दर साल 2001 के मुकाबले करीब 10 फीसदी बढ़ी है. भारत में अब 82.1 फीसदी पुरुष और 65.5 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं. जनगणना आयुक्त ने बताया कि पिछले दस वर्षों में ज़्यादा महिलाएं (5 फीसदी) साक्षर हुई हैं. अरुणाचल प्रदेश और बिहार में सबसे कम साक्षरता है. हालांकि मध्य प्रदेश के अलीराजपुर और छत्तीसगढ़ के बीजापुर, देश के सबसे कम साक्षर ज़िले हैं. केरल और लक्षद्वीप में सबसे ज़्यादा 93 और 92 प्रतिशत साक्षरता है. जनसंख्या के आधार पर भारत की राजधानी में प्रति वर्ग किलोमीटर सबसे ज़्यादा आबादी, 11,297 लोग रहते हैं. इसमें भी राजधानी के उत्तर-पूर्व ज़िले में सबसे ज़्यादा 37,346 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है. इसकी आबादी ब्राज़ील देश से भी ज़्यादा है.

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