कपास फसल के अधिक उत्पादन व बिक्री से 32 करोड़ 10 लाख 17 हजार 696 रुपए की राशि राजस्व के रूप अर्जित की गई जो एक रिकॉर्ड है
सिरसा, 2 जुलाई : सिरसा जिला में गत वर्ष खरीफ फसलों में सबसे अधिक मार्केट फीस व एचआरडीएफ कपास फसल के अधिक उत्पादन व बिक्री से 32 करोड़ 10 लाख 17 हजार 696 रुपए की राशि राजस्व के रूप अर्जित की गई जो एक रिकॉर्ड है। यह राजस्व अर्जन कपास फसल में हरियाणा में सबसे अधिक है। जिला की विभिन्न मंडियों में 800 करोड़ से भी अधिक की कपास फसल की बिक्री हुई जिससे किसानों के चेहरों पर और रौनक तो आई ही है प्रदेश के राजस्व में बढ़ौतरी होने से राज्य के विकास को भी गति मिली है। कपास फसल के उत्पादन से जहां राज्य के राजस्व में रिकॉर्ड वृद्धि हुई वहीं जिला में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ी है।
कपास की अच्छी पैदावार व अच्छे मूल्य को देखते हुए इस बार सिरसा जिला में दो लाख 10 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई है। विभाग द्वारा रखे गए लक्ष्य से भी अधिक भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई। गत वर्ष जहां 1 लाख 89 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई थी इस बार कपास के क्षेत्र में इस बार 21 हजार हैक्टेयर भूमि पर अधिक कपास की बिजाई की गई है। पूरे राज्य में पांच लाख 98 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई जबकि अकेले सिरसा जिला में 35 प्रतिशत से अधिक कपास बिजाई का क्षेत्र कवर किया गया है। कपास के बिजाई क्षेत्र को देखते हुए फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है विभाग द्वारा इस बार 24 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जबकि गत वर्ष 19.5 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन हुआ था।
उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया के अनुसार इस बार जहां कपास के क्षेत्र में बढ़ौतरी हुई है वहीं ग्वार व अन्य फसलों का बिजाई क्षेत्र कम हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला में इस बार 50 लाख 40 हजार क्विंटल कपास उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष कपास का जिला में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। हालांकि किसानों ने अपना कपास उत्पादन सिरसा जिला के अलावा फतेहाबाद की मंडियों में बेचा है। यदि किसान अपनी फसल सिरसा जिले की मंडियों में बेचते तो जिला से और अधिक राजस्व की प्राप्ति होती।
उन्होंने बताया कि इस बार भी कपास फसल के अनुकूल मौसम चल रहा है और विभाग द्वारा अच्छे उत्पादन के लिए सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं। विभाग द्वारा आईसीडीपी व अन्य विभागीय योजनाओं के तहत फार्मर्स फील्ड स्कूलों का आयोजन किया जा रहा है। जिला में अब तक 400 फार्मर फील्ड स्कूल आयोजित किए गए हैं जिनमें 30-30 किसानों को विभागीय योजनाओं के तहत इन्पुट्स व कृषि उपकरण दिए जा रहे हैं।
उप-कृषि निदेशक श्री जगदीप बराड़ ने किसानों को सलाह दी है कि बीटी कॉटन की अच्छी पैदावार लेने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व कृषि विभाग के अधिकारियो की सलाह से फसल प्रबन्धन पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसानों को कपास की एक एकड़ फसल में एक थैला डीएपी, 40 किलोग्राम पोटाश, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट डालना चाहिए। जिनकी फसल एक से डेढ माह की हो गई है वे अपनी फसल में बारिश के साथ-साथ पहले सिंचाई के समय की बची हुई डीएपी की मात्रा को खाद बिजाई मशीन द्वारा खुड्डों को ड्रिल करें।
धान उत्पादकों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए धान की फसल के लिए अस्थाई मोगा नीति स्वीकृत की
सिरसा, 2 जुलाई। हरियाणा सरकार ने चालू खरीफ मौसम के दौरान प्रदेश के धान उत्पादकों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए धान की फसल के लिए अस्थाई मोगा नीति स्वीकृत की है जिसके तहत सिरसा जिला में अभी तक 350 से भी अधिक किसानों को धान फसल की सिंचाई के लिए अस्थाई मोगों की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है। घग्घर नदी में पानी की उपलब्धतता के आधार पर किसानों को मोगों की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। उन आवेदकों को अस्थाई मोगे स्वीकृत किए जाने पर अधिमान दिया जाएगा जिनके पास मोगों के चाक क्षेत्र में नलकूप नहीं हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार जिला में उत्तर घग्घर कनाल और दक्षिण घग्घर कनाल, ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी, किशनपुरा डिस्ट्रीब्यूटरी, सुरेरां डिस्ट्रीब्यूटरी, शेरांवाली डिस्ट्रीब्यूटरी, हिसार घग्घर डे्रन तथा कसाबा माइनर आदि माइनरों के माध्यम से धान उत्पादक किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि घग्घर नदी में ओटू वीयर तक इस समय 4 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है जिसमें से 1500 क्यूसिक तक पानी विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटरों के माध्यम से सिंचाई के लिए किसानों को दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सिरसा जिला में नॉर्थ घग्घर कनाल और साउथ घग्घर कनाल के अलावा विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटरियों के क्षेत्र में हजारों एकड़ धान की फसल में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है जिससे कई क्षेत्रों में तो किसानों को धान की फसल पकाने के लिए ट्यूबवैल तक चलाने की जरूरत नहीं पड़ती जिससे किसानों को आर्थिक फायदा होने के साथ-साथ नहरी पानी मिलता है जिससे जमीन की उर्वरकता तो बढ़ती ही है साथ ही फसल उत्पादन में भी बढ़ौतरी होती है।
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री एसएस हुड्डा ने बताया कि घग्घर में सामान्य पानी बहने से किसानों को इन अस्थाई मोगों के माध्यम से 2.40 क्यूसिक प्रति हजार एकड़ पानी उपलब्ध करवाया जाता है। यदि घग्घर में सामान्य से अधिक पानी बहता है तो किसानों को 7.50 क्यूसिक प्रति हजार एकड़ पानी उपलब्ध करवाया जाता है जिससे किसानों को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती और किसानों की धान की फसल लगभग मुफ्त में पक जाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्थाई मोगे तभी स्वीकृत किए जाते हैं जब नहरों के अंतिम छोर तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो। इस मानदण्ड को कड़ाई से लागू किया जाएगा और इसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन चैनलों पर मोगे नहीं दिए जाएंगे जिनके अंतिम छोर पर दो वर्षों के दौरान उचित एवं प्राधिकृत सिंचाई जल उपलब्ध नहीं था। अन्य किसानों को नियमित मोगों से प्राधिकृत पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित होने पर ही अस्थाई मोगों में आपूर्ति की जाएगी। यदि किसानों द्वारा अस्थाई मोगों की स्वीकृति के लिए निर्धारित क्षेत्र के 50 प्रतिशत से कम क्षेत्र पर धान की बुआई करने पर उन्हें अगले वर्ष अस्थाई मोगों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 10 क्यूसिक तक की क्षमता वाले चैनलों पर मोगे नहीं दिए जाएंगे, बशर्ते खरीफ मौसम के दौरान चैनल की क्षमता में अतिरिक्त निकासी का प्रावधान किया गया हो। डिस्ट्रीब्यूटरी चैनल पर बनाए गए मोगों से जल की निकासी हैड के डिस्चार्ज से 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। जहां तक संभव हो अस्थाई मोगों के तहत आने वाला क्षेत्र हैड से लेकर अंतिम छोर तक फैला होना चाहिए ।
श्री हुड्डा ने बताया कि अस्थाई मोगों के तहत निर्धारित ब्लाक में चावल के अलावा अन्य फसलों की बुआई किये जाने के मामले में ऐसी फसलों पर चावल की खेती के लिए आबियाने की निर्धारित दरों के अतिरिक्त दरें लगाई जाएंगी। एक से अधिक आवेदकों द्वारा संयुक्त आवेदन दिए जाने के मामले में सभी आवेदकों के नाम पर मोगे स्वीकृत किए जाएंगे। निर्धारित संख्या से अधिक मोगों के लिए आवेदन प्राप्त होने पर उस द्वारा नियुक्त किए जाने वाले कम से कम तीन राजपत्रित अधिकारियों की अनुपस्थिति में ड्रा निकाल कर निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोगों को न्यायोचित रुप से चलाया जाएगा ताकि उनके संचालन से क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो। उन चैनलज़ पर मोगों की अनुमति नहीं दी जाएगी जिनमें पानी की कुल उपलब्धता प्रणाली की सामान्य आवश्यकता से कम है। इसके अतिरिक्त उन माईनरज़ एवं कैनालज़ पर भी मोगों की अनुमति नहीं होगी जहां अंतिम छोर तक पानी न पहुंचने की समस्या है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा उस नहरी सिंचाई क्षेत्र में पारम्परिक, अस्थाई या नए मोगों की अनुमति या सिफारिश नहीं की जाएगी, जहां किसानों द्वारा साठी धान की बुआई की गई है। ऐसे सभी मोगों को रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार द्वारा साठी धान की बुआई पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है।
जिला में एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार व रक्तदान के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाएगा
सिरसा, 2 जुलाई। जिला में एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार व रक्तदान के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाएगा जो विभागीय कर्मचारी आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व अन्य कर्मचारी इस अभियान में श्रेष्ठ कार्य करेंगे उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
यह बात जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने गत सायं अपने आवास पर आयोजित जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सोसायटी की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में सिरसा को आदर्श जिले के रूप में हर क्षेत्र विकसित करना है। इस कार्य के लिए सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हंै जिन पर करोड़ों रुपए की धन राशि खर्च की जा रही है।
डा. ख्यालिया ने कहा कि इन योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं ताकि वे लोग इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि गांव में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, सामाजिक संस्थाओं को विभाग समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करके जागरूक करें ताकि वे ग्रामीणों को लागू की गई योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी दे सकें। उन्होंने कहा कि जिलावासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपडेट रहें।
जिला उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार करने व रक्तदान करने के बारे में स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के साथ तालमेल करके स्कूलों में भी बच्चों को इस बारे में जागरूक करें क्योंकि बच्चे देश के भावी कर्णधार व राष्ट्र निर्माता है। इन को जागरूक करना बहुत जरूरी है। अगर बच्चे व युवा जागरूक होंगे तो समाज व राष्ट्र का नवनिर्माण होगा। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, सामाजिक कार्यकर्ता व अधिकारी जो बेहतरीन कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मातृ मृत्युदर को कम करने हेतु गर्भवती महिलाओं परिवहन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सेवा गर्भवती महिलाओं तथा बीपीएल कार्ड धारकों को नि:शुल्क प्रदान की जाती है। इस बारे में भी विभाग के अधिकारी आमजन को जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि नि:शुल्क सर्जीकल पैकेज योजना चलाई गई है। इस योजना से जन साधारण को लाभ होगा। बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा दी जा रही है। इस बारे में भी आमजन को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गांवों में महिलाओं को सुरक्षित व बेहतर प्रसव सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रसूति गृह स्थापित किए गए हैं।
जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है जिसके तहत बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जाएं तथा सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज नि:शुल्क किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में जननी सुरक्षा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थान में प्रसूति के समय 700 रुपए की नकद सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति की महिलाओं को 1500 रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि दी जाती है। वहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली अनुसूचित जाति की महिलाओं को घर में प्रसूति करवाने पर 500 रुपए की नकद सहायता राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ करने के फलस्वरूप जिला में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत गांवों में 1000 की आबादी पर एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता चुनी गई है, जिसे एकरिडेटिड सोशल हैल्थ एक्टिविस्ट (आशा) कहा जाता है।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सामान्य अस्पतालों को स्वस्थ व साफ-सुथरा रखें। भवनों के रखरखाव व मरम्मत का कार्य भी समय-समय पर करवाते रहे। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए व जिला को अग्रणी बनाने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर चिकित्सा स्वस्थ समाज का निर्माण है। इसलिए सभी डॉक्टर अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी व निष्ठा से करें और जनता को चिकित्सा सुविधा देने में कोई कोताही न बरतें।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
मधुमेह और हृदयरोग सरीखी बीमारियों का सीधा संबंध जीवनशैली व खान-पान के साथ है
सिरसा। जाने माने चिकित्सक डा. वीपी गोयल का कहना है कि आज भारत के समक्ष मुंह बाए खड़ी मधुमेह और हृदयरोग सरीखी बीमारियों का सीधा संबंध जीवनशैली व खान-पान के साथ है। यूरोप व अन्य विकसित देशों को अपने आगोश में लेने के बाद अब यह व्याधियां भारत सरीखे अग्रणी विकासशील देशों में अपने पांव पसार
रही हैं और यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बहुत जल्द ये महामारी का रूप ले सकती हैं। इन रोगों से बचना है या फिर इनका कारगर उपचार करना है जो जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना परमवावश्यक है। डा. गोयल चिकित्सक दिवस पर रेडियो सिरसा से केंद्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ श्रोताओं से रूबरू हुए। करीब साढ़े तीन दशक से चिकित्सा के पेशे से जुड़े डा.गोयल ने कहा कि खानपान में सुधार व संतुलन, नियमित सैर या व्यायाम और फिर सकारात्मक चिंतन स्वस्थ जीवन के मूलमंत्र हैं। इस अवसर पर जहां उन्होंने आमजन से अपनी सेहत के प्रति और अधिक सचेत व संजीदा होने का आवाहन किया वहीं नई पीढ़ी के चिकित्सकों को भी सलाह दी कि वे काम के दबाव और व्यस्तताओं के बावजूद स्वयं अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें। डा. गोयल ने बताया कि भारत में डाक्टर्स डे स्वाधीनता सेनानी व प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. बीसी राय की स्म़ृति में मनाया जाता है। करीब पंद्रह साल तक पश्चिम बंगाल के मु यमंत्री रहे डा.राय अपने आप में एक आदर्श चिकित्सक थे। उन्होंने चिकित्सकों का आवाहन किया कि वे चिकित्सक दिवस पर अपने जीवन में डा. राय के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लें। उन्होंने स्वीकार किया कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में चिकित्सकों को लाए जान के बाद निस्संदेह चिकित्सकों को उपचार की प्रक्रिया में फूंक फूं क कर कदम रखने पडते हैं। मगर सिद्धांतरूप में यह स्वागतयोग्य कदम है। उन्होंने कहा कि अधिकांश चिकित्सकों ने इसका स्वागत किया है। एक प्रश्र ने जवाब में डा. वीपी गोयल ने कहा कि अंग्रेज भारत को जिस हालत में छोडकर गए थे, स्वास्थ्य के मामले में वह बहुत दयनीय थी। पूरे देश में उस समय कुल पचास हजार प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित चिकित्सक थे। हैजे और प्लेग जैसी बीमारियां महामारी के रूप में आती थी और गांव के गांव इनके कारण खाली हो जाया कते थे।
मलेरिया, खसरा और पोलियो के अलावा काली खांसी सरीखी बीमारियों की मार से आमजन त्रस्त था। पंचवर्षीय योजनाओं में एक के बाद एक इन बीमारियों को निशाना करके सरकार के अभियान चलाए। सरकारी अभियानों की कामयाबी का प्रमाण यह है कि इनमें से कई बीमारियां लुप्त हो चुकी हैं और अन्यों पर कमोबेश नियंत्रण पा लिया गया है। मगर आज की चुनौतियां सन सैंतालिस या साठ के दशक की चुनौतियों से कहीं भिन्न हैं। निस्संदेह सरकार की योजनाएं प्रभावी हैं मगर उनको लागू करने की प्रक्रिया में होने वाली ढि़लाई चिंताजनक है। बहुत बार आमजन भी सक्रियता व जि मेदारी की भावना से इन योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ लेने के लिए आगे नहीं आते। पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान यह बात खासतौर पर देखने को मिली। एक प्रश्र के उत्तर में डा. गोयल ने कहा कि मोटापा अपने आप में कई दूसरी बीमारियों की जननी है। मोटापे से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव से कारगर कोई उपाय नहीं है। डा. गोयल ने दावा किया चिकित्सकों व मरीजों के मध्य संबंध साल दर साल सुधर रहें चूंकि आम नागरिक का स्वास्थ्य के प्रति रवैया और जागरूकता का स्तर काफी बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के पेशे में मरीजों के साथ ठगी करने के चंद लोग तीस साल पहले थे और आज भी हैं मगर अधिकांश चिकित्सक मानवीय व नैतिक मूल्यों के दायरे में रहते हुए कार्य करते हैं।
नेत्र जांच व ऑप्रेशन शिविर का आयोजन अस्पताल परिसर में किया गया
सिरसा, 2 जुलाई । समाज सेवा को समर्पित श्री बाबा तारा चेरिटेबल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में प्रत्येक शनिवार को लगाए जाने वाले नेत्र जांच व ऑप्रेशन शिविर का आयोजन अस्पताल परिसर में किया गया। इस शिविर में अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. महिप बांसल व उनकी सहयोगी टीम ने नेत्र रोगियों की जांच की। यह जानकारी देते हुए अस्पताल के प्रवक्ता गुरराज करन सिंह ने बताया कि इस शिविर में 240 नेत्र रोगियों की जांच की गई, जिनमें से 45 रोगी मोतियाबिंद रोग से पीडि़त पाए गए। उन्होंने बताया कि मोतियाबिंद रोग से पीडि़त सभी मरीजों का ऑप्रेशन अस्पताल में नि:शुल्क किया जाएगा व दवाईयां, चश्मे व ठहरने की व्यवस्था भी श्री तारा बाबा चेरिटेबल अस्पताल द्वारा की गई है।
प्राचीन शनिदेव मंदिर में बैठक का आयोजन किया गया
सिरसा। नौहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में आज एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 30 जुलाई शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर मंदिर प्रांगण में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारियों बारे विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सावन मास की शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर भगवान श्री शनिदेव जी का जन्मोत्सव समारोह धूमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी महेश कुमार ने बताया कि शनैश्चरी अमावस्या भगवान श्री शनिदेव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम अवसर है। इस बार शनैश्चरी अमावस्या सावन मास में होने के कारण इसका प्रभाव और अधिक हो गया है। उन्होंनें बताया कि 30 जुलाई को मंदिर प्रांगण में भगवान शनिदेव जी का अखंड तेल स्नान, भंडारा व रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा, इसके साथ ही शनिदेव जी की पूजा अर्चना, हवण यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
मुकाबले के लिए तैयार हो गया शाह सतनाम जी खेल स्टेडियम
सभी तैयारियां मुकमल, कल होगी जोर आजमाईश, संगत में भारी उत्साह
ओढां। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स विंग के गर्व दिवस को लेकर श्री जलाल आणा साहिब में 4 जूलाई को आयोजित होने वाली दो दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर सभी तैयारियां मुकमल हो चुकी है।खेलों को लेकर जहां जिला की साध-संगत में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं खेलों में भाग लेने वाले शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहन एक-दूसरे से खेल मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे है। शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम(शाह सतनाम जी ऐजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित) श्री जलालआणा साहिब में खेलों की तैयारियों को लेकर ब्लाक दारेवाला, चक्कां, डबवाली, श्री जलालआणा साहिब, चामल, आदि ब्लाकों के सैंकड़ों की सख्यां में सेवादार स्टेडियम में सेवा कार्य में जूटे हुए है। जिला खेल समिति के सदस्य सतदेव इन्सां व विजय इन्सां ने सयुक्त रूप से बताया कि स्टेडियम में सभी तैयारियां मुकमल हो चुकी है। सेवादारों में खेल प्रबन्धों को लेकर अलग-अलग ड्यूटियां लगाई गई है। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता में जिलाभर से सैंकड़ों की तादाद में खिलाड़ी भाग लेकर अपने जौहर दिखाऐगें। उन्होंने बताया कि इन खेलों में सिर्फ शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स के महिला व पुरूष सेवादार ही भाग ले सकते है। समिति के सदस्य औमप्रकाश पटवारी ने बताया कि शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम खेल मुकाबलों को लेकर पूरी तरह से तैयार है और सभी प्रबन्ध व तैयारियां बेहतर ढंग से मुकमल की जा चुकी है, ताकि किसी भी तरह की खिलाडिय़ों व दर्शकों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि इन दो दिवसीय खेलों में रस्साकस्सी, लम्बी दौड़, शाटपुट, कबड्डी, उच्ची कूद, किके्रट, गोला फैंक, लम्बी कूद आदि अनेक रोंमाचक मुकाबले होगें। इन खेलों का उद्घाटन डीएसपी पूर्ण चन्द पंवार करेगें जबकि समापन अवसर पर एसडीएम रोशनलाल विजेता खिलाडिय़ों को समानित करेगें। वहीं आज खेल समिति के सदस्यों ने स्टेडियम की तैयारियों का जायजा लिया और उन्होंने बेहतर ढंग से की गई तैयारियों की प्रसंशा की। खेल आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि कल तीन जूलाई को 12 बजें तक सभी खिलाड़ी अपने-अपने फार्म जिम्मेवारों को साथ लेकर शाह सतनाम जी स्टेडियम श्री जलालआणा साहिब में खेल आयोजकों के पास जमा करवाए। उन्होंने बताया कि रविवार को 12 बजे के बाद कोई भी फार्म जमा नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को 12 बजे तक फार्म आने वाले खिलाडिय़ों को ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने दिया जाएगा। उन्होंने सभी खिलाडिय़ों से आह्वान किया कि वे 4 जूलाई को सुबह 6 बजे तक स्टेडियम में पहुंचे। यहां यह उल्लेखनीय है कि शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम( श्री जलालआणा साहिब) मात्र 22 दिनों की अल्प समय में तैयार होकर हर किसी के लिए आश्चर्य जनक है। इस स्टेडियम में करीब 60 हजार दर्शक बैठकर मैच का आनन्द ले सकते है।
पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला 5 अप्रैल को जिला पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करेंगे
सिरसा, 2 जुलाई। इनेलो सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला आगामी 5 अप्रैल को इनेलो कार्यालय चौधरी देवीलाल सदन में प्रात: 11 बजे जिला पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करेंगे। यह जानकारी देते हुए पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रधान प्रदेश महासचिव अशोक वर्मा व जिला प्रधान साहब राम चकजालू ने बताया कि बैठक में श्री चौटाला पार्टी की रणनीति एवं कार्यक्रमों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। इस बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के उपाय बताए जाएंगे और कार्यकर्ताओं के विचार सुनेंगे। उन्होंने जिलाभर के पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस बैठक में अधिक से अधिक संख्या में शिरकत करके अपने जनप्रिय नेता के विचारों को सुने और पार्टी को मजबूत करें।
जिला पुलिस द्वारा पीआरओ नियुक्त करने के लिए 3 जुलाई तक आवेदन मांगे गए
सिरसा। जिला पुलिस द्वारा पीआरओ नियुक्त करने के लिए 3 जुलाई तक आवेदन मांगे गए है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सतेंद्र गुप्ता ने बताया कि मीडिया के माध्यम से पुलिस की उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए तथा पुलिस व आमजन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार जनसंपर्क अधिकारी की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए निर्धारित योग्यता व शर्तें पूरी करने वाले उम्मीदवार कल 3 जुलाई तक अपने आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भेज सकते है। निर्धारित तिथि के पश्चात मिलने वाले आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे।
आरोपी को चोरीशुदा मोटरसाइकिल सहित काबू कर लिया
सिरसा। शहर डबवाली पुलिस ने मोटरसाइकिल चोरी की गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपी को चोरीशुदा मोटरसाइकिल सहित काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान कुलविंद्र पुत्र बलजिंद्र निवासी जोधपुर रमाणा जिला बठिंडा पंजाब के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार मनोज पुत्र नेतराम निवासी वार्ड 6 मंडी डबवाली किसी कार्य के लिए डबवाली अदालत परिसर में गया था, कुछ समय बाद जब वह वापिस लौटा तो उसका मोटरसाइकिल नदारद था। इस संबंध में थाना शहर डबवाली पुलिस ने बीती 21 जून को मामला दर्ज कर जांच शुरू की। कल सायं शहर डबवाली की पुलिस टीम बठिंडा चौक पर नाकेबंदी कर आने जाने वाले वाहनों की चैकिंग कर रही थी। इसी दौरान मोटरसाइकिल सवार एक युवक आया, उक्त युवक से जब मोटरसाइकिल के संबंध में कागजात मांगे तो वह मलकीयती पेश नही कर सका। पुलिस ने जब उससे गहनता से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि वो मोटरसाइकिल उसने डबवाली अदालत परिसर से चुराया था। आरोपी को आज डबवाली अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा, ताकि उससे पूछताछ की जा सके।
सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज पांच मामलों में वांछित एक उदघोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रगट सिंह पुत्र जसपाल सिंह निवासी अमृतसरकलां जिला सिरसा के रूप में हुई है। आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश करके रिमांड मांगा जाएगा। आरोपी के विरूद्ध 24 अगस्त 2010 को थाना ऐलनाबाद में भादंसं की धारा 302 व 34 के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी मौके से ही फरार चल रहा था। इस मामले में ऐलनाबाद अदालत द्वारा 17 जनवरी 2011 को उदघोषित अपराधी करार दिया था। पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपी को मुसाहिबवाला क्षेत्र से काबू किया है। मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए सीआईए प्रभारी निरीक्षक किशोरी लाल ने बताया कि आरोपी प्रगट सिंह को महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए स्टाफ के उपनिरीक्षक अमरनाथ ने काबू किया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के विरूद्ध भादंसं की धारा 174 ए के तहत भी अभियोग दर्ज किया जाएगा। सीआईए प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ इससे पहले भी ऐलनाबाद थाना में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत सन 2003 , 2008 व 2009 में मामले दर्ज हुए थे तथा उनमें आरोपी जमानत मिलने के बाद फरार चल रहा था। इसके अलावा 2008 में आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत पंजाब के फाजिल्का थाना में भी मामला दर्ज है।
सिरसा। एक रोडवेज इंस्पैक्टर के साथ बस चैकिंग के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने, हाथापाई करने तथा जान से मारने की धमकी देने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान नानक पुत्र बलवीर निवासी सुकेराखेडा, पूर्ण चंद पुत्र हनुमान व बलराम पुत्र सतनाम निवासी अबूबशहर सिरसा के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार उपरोक्त आरोपियों ने गांव अबूबशहर में रोडवेज इंस्पैक्टर की चैकिंग के दौरान उससे हाथापाई की। इस संबंध में बीती 14 मई को आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 332, 353, 186, 506 व 34 के तहत थाना सदर डबवाली में अभियोग दर्ज हुआ था।
सिरसा :पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि पुलिस आमजन के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करे तथा थानों में आई शिकायतों का शीघ्र निपटान करे। वे आज अपने कार्यालय में जिला के विभिन्न थानों के प्रभारियों , सैल प्रभारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण मेहता, उपपुलिस अधीक्षक ऐलनाबाद रविन्द्र कुमार, उपपुलिस अधीक्षक डबवाली बाबू लाल सहित अन्य विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि थाना प्रभारी सम्पत्ति विरुद्ध अपराधों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाएं। इसके साथ ही लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाली फर्जी कम्पनियों पर पैनी निगाह रखें। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा 1 जुलाई से 31 जुलाई तक उद्घोषित अपराधियों, बेलजम्परों व पैरोल जम्परों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा तथा उन्हें काबू कर संबंधित अदालतों को सौंपा जाएगा। उन्होंने थाना प्रभारियों से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्रों में आपराधिक व अनैतिक तत्वों के खिलाफ अभियान में तेजी लाएं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि थाना प्रभारी अपने इलाकों में जमीनी विवाद व पुरानी रंजिश के मामलों पर पैनी निगाह रखें, ताकि कोई अप्रिय घटना होने से पहले ही उससे निपटा जा सके। इस अवसर पर उन्होंने थाना प्रभारियों से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिये।
सिरसा:ऑनर किलिंग की घटनाओं को रोकने व प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला पुलिस द्वारा स्थापित किये गये प्रोटेक्शन हाउस में अब तक 24 प्रेमी जोड़े शरण ले चुके हैं। पुराने तहसील कार्यालय रोड पर स्थित कामकाजी महिला आवास कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर स्थापित प्रोटक्शन हाउस सितम्बर 2010 में स्थापित किया गया था। यहां शरण लेने वाले प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए हर समय पुलिस गार्द तैनात रहती है। 2 नंवबर 2010 को पहली बार प्रेमी जोड़े ने प्रोटक्शन हाउस में शरण ली थी। वर्तमान समय में प्रोटक्शन हाउस में पांच प्रेमी जोड़े रह रहे हैं।
पशु चिकित्सा कैंप में की गई खानापूर्ति
ओढ़ां- गांव बनवाला के पशुधन केंद्र में पशुओं के लिए चैकअप कैंप का आयोजन किया गया जिसमें वेटनरी सर्जनों के न पहुंचने के कारण मात्र कागजी खानापूर्ति ही की गई और इसमें 60 पशुओं का चैकअप दिखाया गया। कैप में चिकित्सकों के न आने के कारण पशुपालक अपने पशुओं को शिविर में नहीं लाए और कैंप में उपस्थित वीएलडीए आदित्य कुमार और भाल सिंह ने पशुपालकों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दवाई दी। पशुपालकों भूप सिंह, जगदीश, सुरजीत सिंह, पिरथी राम आदि ने बताया कि शिविर में पशु चिकित्सकों के न पहुंचने से उन्हें भारी परेशानी हुई और वे अपने पशुओं का चैकअप नहीं करवा सके। मौके पर मौजूद वीएलडीए भाल सिंह व आदित्य कुमार ने रजिस्टरों में खाना पूर्ति करते हुए बताया कि शिविर में 60 पशुओं का चैकअप किया गया जिसमें 25 बांझपन, 6 रीपीटर और 29 अन्य पशुओं का चैकअप शामिल है जबकि वास्तव में कुछ पशुपालकों के अलावा वहां कोई पशु नहीं था। सरपंच भरत सिंह डुडी ने बताया कि उन्हें भी इस शिविर के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई और पशुपालकों को जो परेशानी हुई उसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। इस विषय में गोरीवाला के राजकीय पशु चिकित्सालय में बात किए जाने पर चिकित्सक ज्ञान प्रकाश कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने वालों की खैर नहीं
ओढ़ां-गांव बनवाला में ग्राम पंचायत की मीटिंग के दौरान पंचायत के समक्ष एक शिकायत रखी गई। शिकायतकर्ता एएनएम विनय कुमारी ने बताया कि शरारती तत्व जन स्वास्थ्य केंद्र व अन्य सरकारी भवनों में नशीली गोलियों के पते और शराब की बोतलें डाल देते हैं तथा देर रात तक वहां बैठे रहते हैं जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत ने मौके पर निर्णय लिया कि सरकारी स्कूल, पटवारघर, जन स्वास्थ्य केंद्र, पशुधन केंद्र, बस स्टेंड और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर रात नौ बजे के बाद यदि कोई भी बैठा पाया गया तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी और इसके जिम्मेदार इन स्थानों पर पाए जाने वाले लोग स्वयं होंगे। इस अवसर पर साहिब राम नंबरदार, जीताराम, नानकराम जाखड़, बनवारी लाल, श्रवण गोदारा, गिरधारी लाल पूर्व सरपंच, लूनाराम जाखड़, प्रभुराम, पंच राम सिंह, ख्याली राम व विनोद कुमार सहित अनेक गांववासी उपस्थित थे। इस विषय में गांव के सरपंच भरत सिंह डुडी ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नहर पर नलकूप लगाकर शामलात भूमि को सिंचित किया जाएगा
ओढ़ां-बीआरजीएफ के अंतर्गत करवाए कार्यों का लेखा जोखा लेने और आगामी बजट बारे विचार विमर्श करने के उद्देश्य से गांव चकेरियां में शनिवार को ग्राम सभा की बैठक का आयोजन सरपंच कुलविंद्र कौर की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में जलघर में वाटर टैंक का निर्माण करने, प्राइमरी स्कूल के भवन को गांव में बनाने और उसे अपग्रेड करने, स्टेडियम, आंगनबाड़ी केंद्र और सामान्य चौपाल की चारदीवारी बनाने, नहर पर नलकूप लगाकर शामलात भूमि को सिंचित करने, गांव में पशुधन केंद्र व उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाने और कर्मचारियों की नियुक्ति करने आदि कार्यों से संबंधित प्रस्ताव डाले गए। इस बैठक में ग्राम सचिव प्रेम कंबोज, एबीपीओ सुनील कुमार, जगदीप सिंह और नछतर सिंह सहित अनेक गांववासी उपस्थित थे।
जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 4 व 5 जुलाई को
ओढ़ां-आगामी 4 व 5 जुलाई को शाह सतनाम स्टेडियम जलालआना में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जिसका उद्घाटन सिरसा के डीएसपी पूर्णचंद पंवार करेंगे और समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में सिरसा के एसडीएम रोशन लाल उपस्थित होंगे। यह जानकारी देते हुए जिला खेलकूद टीम के प्रधान सतदेव चक्कां ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 100 व 200 मीटर दौड़, ऊंची कूद, गोला फैंक, ओपन कबड्डी, कोस्को क्रिकेट, रस्साकशी के अलावा अनेक रोमांचक खेलों का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में शाह सतनाम ग्रीन एस वैल्फेयर संस्था के सदस्य ही भाग ले सकेंगे।
सिरसा, 2 जुलाई : सिरसा जिला में गत वर्ष खरीफ फसलों में सबसे अधिक मार्केट फीस व एचआरडीएफ कपास फसल के अधिक उत्पादन व बिक्री से 32 करोड़ 10 लाख 17 हजार 696 रुपए की राशि राजस्व के रूप अर्जित की गई जो एक रिकॉर्ड है। यह राजस्व अर्जन कपास फसल में हरियाणा में सबसे अधिक है। जिला की विभिन्न मंडियों में 800 करोड़ से भी अधिक की कपास फसल की बिक्री हुई जिससे किसानों के चेहरों पर और रौनक तो आई ही है प्रदेश के राजस्व में बढ़ौतरी होने से राज्य के विकास को भी गति मिली है। कपास फसल के उत्पादन से जहां राज्य के राजस्व में रिकॉर्ड वृद्धि हुई वहीं जिला में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ी है।
कपास की अच्छी पैदावार व अच्छे मूल्य को देखते हुए इस बार सिरसा जिला में दो लाख 10 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई है। विभाग द्वारा रखे गए लक्ष्य से भी अधिक भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई। गत वर्ष जहां 1 लाख 89 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई थी इस बार कपास के क्षेत्र में इस बार 21 हजार हैक्टेयर भूमि पर अधिक कपास की बिजाई की गई है। पूरे राज्य में पांच लाख 98 हजार हैक्टेयर भूमि पर कपास फसल की बिजाई की गई जबकि अकेले सिरसा जिला में 35 प्रतिशत से अधिक कपास बिजाई का क्षेत्र कवर किया गया है। कपास के बिजाई क्षेत्र को देखते हुए फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है विभाग द्वारा इस बार 24 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जबकि गत वर्ष 19.5 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन हुआ था।
उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया के अनुसार इस बार जहां कपास के क्षेत्र में बढ़ौतरी हुई है वहीं ग्वार व अन्य फसलों का बिजाई क्षेत्र कम हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला में इस बार 50 लाख 40 हजार क्विंटल कपास उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष कपास का जिला में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। हालांकि किसानों ने अपना कपास उत्पादन सिरसा जिला के अलावा फतेहाबाद की मंडियों में बेचा है। यदि किसान अपनी फसल सिरसा जिले की मंडियों में बेचते तो जिला से और अधिक राजस्व की प्राप्ति होती।
उन्होंने बताया कि इस बार भी कपास फसल के अनुकूल मौसम चल रहा है और विभाग द्वारा अच्छे उत्पादन के लिए सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं। विभाग द्वारा आईसीडीपी व अन्य विभागीय योजनाओं के तहत फार्मर्स फील्ड स्कूलों का आयोजन किया जा रहा है। जिला में अब तक 400 फार्मर फील्ड स्कूल आयोजित किए गए हैं जिनमें 30-30 किसानों को विभागीय योजनाओं के तहत इन्पुट्स व कृषि उपकरण दिए जा रहे हैं।
उप-कृषि निदेशक श्री जगदीप बराड़ ने किसानों को सलाह दी है कि बीटी कॉटन की अच्छी पैदावार लेने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व कृषि विभाग के अधिकारियो की सलाह से फसल प्रबन्धन पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसानों को कपास की एक एकड़ फसल में एक थैला डीएपी, 40 किलोग्राम पोटाश, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट डालना चाहिए। जिनकी फसल एक से डेढ माह की हो गई है वे अपनी फसल में बारिश के साथ-साथ पहले सिंचाई के समय की बची हुई डीएपी की मात्रा को खाद बिजाई मशीन द्वारा खुड्डों को ड्रिल करें।
धान उत्पादकों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए धान की फसल के लिए अस्थाई मोगा नीति स्वीकृत की
सिरसा, 2 जुलाई। हरियाणा सरकार ने चालू खरीफ मौसम के दौरान प्रदेश के धान उत्पादकों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए धान की फसल के लिए अस्थाई मोगा नीति स्वीकृत की है जिसके तहत सिरसा जिला में अभी तक 350 से भी अधिक किसानों को धान फसल की सिंचाई के लिए अस्थाई मोगों की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है। घग्घर नदी में पानी की उपलब्धतता के आधार पर किसानों को मोगों की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। उन आवेदकों को अस्थाई मोगे स्वीकृत किए जाने पर अधिमान दिया जाएगा जिनके पास मोगों के चाक क्षेत्र में नलकूप नहीं हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार जिला में उत्तर घग्घर कनाल और दक्षिण घग्घर कनाल, ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी, किशनपुरा डिस्ट्रीब्यूटरी, सुरेरां डिस्ट्रीब्यूटरी, शेरांवाली डिस्ट्रीब्यूटरी, हिसार घग्घर डे्रन तथा कसाबा माइनर आदि माइनरों के माध्यम से धान उत्पादक किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि घग्घर नदी में ओटू वीयर तक इस समय 4 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है जिसमें से 1500 क्यूसिक तक पानी विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटरों के माध्यम से सिंचाई के लिए किसानों को दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सिरसा जिला में नॉर्थ घग्घर कनाल और साउथ घग्घर कनाल के अलावा विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटरियों के क्षेत्र में हजारों एकड़ धान की फसल में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है जिससे कई क्षेत्रों में तो किसानों को धान की फसल पकाने के लिए ट्यूबवैल तक चलाने की जरूरत नहीं पड़ती जिससे किसानों को आर्थिक फायदा होने के साथ-साथ नहरी पानी मिलता है जिससे जमीन की उर्वरकता तो बढ़ती ही है साथ ही फसल उत्पादन में भी बढ़ौतरी होती है।
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री एसएस हुड्डा ने बताया कि घग्घर में सामान्य पानी बहने से किसानों को इन अस्थाई मोगों के माध्यम से 2.40 क्यूसिक प्रति हजार एकड़ पानी उपलब्ध करवाया जाता है। यदि घग्घर में सामान्य से अधिक पानी बहता है तो किसानों को 7.50 क्यूसिक प्रति हजार एकड़ पानी उपलब्ध करवाया जाता है जिससे किसानों को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती और किसानों की धान की फसल लगभग मुफ्त में पक जाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्थाई मोगे तभी स्वीकृत किए जाते हैं जब नहरों के अंतिम छोर तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो। इस मानदण्ड को कड़ाई से लागू किया जाएगा और इसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन चैनलों पर मोगे नहीं दिए जाएंगे जिनके अंतिम छोर पर दो वर्षों के दौरान उचित एवं प्राधिकृत सिंचाई जल उपलब्ध नहीं था। अन्य किसानों को नियमित मोगों से प्राधिकृत पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित होने पर ही अस्थाई मोगों में आपूर्ति की जाएगी। यदि किसानों द्वारा अस्थाई मोगों की स्वीकृति के लिए निर्धारित क्षेत्र के 50 प्रतिशत से कम क्षेत्र पर धान की बुआई करने पर उन्हें अगले वर्ष अस्थाई मोगों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 10 क्यूसिक तक की क्षमता वाले चैनलों पर मोगे नहीं दिए जाएंगे, बशर्ते खरीफ मौसम के दौरान चैनल की क्षमता में अतिरिक्त निकासी का प्रावधान किया गया हो। डिस्ट्रीब्यूटरी चैनल पर बनाए गए मोगों से जल की निकासी हैड के डिस्चार्ज से 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। जहां तक संभव हो अस्थाई मोगों के तहत आने वाला क्षेत्र हैड से लेकर अंतिम छोर तक फैला होना चाहिए ।
श्री हुड्डा ने बताया कि अस्थाई मोगों के तहत निर्धारित ब्लाक में चावल के अलावा अन्य फसलों की बुआई किये जाने के मामले में ऐसी फसलों पर चावल की खेती के लिए आबियाने की निर्धारित दरों के अतिरिक्त दरें लगाई जाएंगी। एक से अधिक आवेदकों द्वारा संयुक्त आवेदन दिए जाने के मामले में सभी आवेदकों के नाम पर मोगे स्वीकृत किए जाएंगे। निर्धारित संख्या से अधिक मोगों के लिए आवेदन प्राप्त होने पर उस द्वारा नियुक्त किए जाने वाले कम से कम तीन राजपत्रित अधिकारियों की अनुपस्थिति में ड्रा निकाल कर निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोगों को न्यायोचित रुप से चलाया जाएगा ताकि उनके संचालन से क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो। उन चैनलज़ पर मोगों की अनुमति नहीं दी जाएगी जिनमें पानी की कुल उपलब्धता प्रणाली की सामान्य आवश्यकता से कम है। इसके अतिरिक्त उन माईनरज़ एवं कैनालज़ पर भी मोगों की अनुमति नहीं होगी जहां अंतिम छोर तक पानी न पहुंचने की समस्या है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा उस नहरी सिंचाई क्षेत्र में पारम्परिक, अस्थाई या नए मोगों की अनुमति या सिफारिश नहीं की जाएगी, जहां किसानों द्वारा साठी धान की बुआई की गई है। ऐसे सभी मोगों को रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार द्वारा साठी धान की बुआई पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है।
जिला में एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार व रक्तदान के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाएगा
सिरसा, 2 जुलाई। जिला में एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार व रक्तदान के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाएगा जो विभागीय कर्मचारी आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व अन्य कर्मचारी इस अभियान में श्रेष्ठ कार्य करेंगे उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
यह बात जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने गत सायं अपने आवास पर आयोजित जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सोसायटी की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में सिरसा को आदर्श जिले के रूप में हर क्षेत्र विकसित करना है। इस कार्य के लिए सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हंै जिन पर करोड़ों रुपए की धन राशि खर्च की जा रही है।
डा. ख्यालिया ने कहा कि इन योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं ताकि वे लोग इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि गांव में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, सामाजिक संस्थाओं को विभाग समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करके जागरूक करें ताकि वे ग्रामीणों को लागू की गई योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी दे सकें। उन्होंने कहा कि जिलावासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपडेट रहें।
जिला उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया, एड्स, लिंगानुपात में सुधार करने व रक्तदान करने के बारे में स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के साथ तालमेल करके स्कूलों में भी बच्चों को इस बारे में जागरूक करें क्योंकि बच्चे देश के भावी कर्णधार व राष्ट्र निर्माता है। इन को जागरूक करना बहुत जरूरी है। अगर बच्चे व युवा जागरूक होंगे तो समाज व राष्ट्र का नवनिर्माण होगा। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, सामाजिक कार्यकर्ता व अधिकारी जो बेहतरीन कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मातृ मृत्युदर को कम करने हेतु गर्भवती महिलाओं परिवहन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सेवा गर्भवती महिलाओं तथा बीपीएल कार्ड धारकों को नि:शुल्क प्रदान की जाती है। इस बारे में भी विभाग के अधिकारी आमजन को जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि नि:शुल्क सर्जीकल पैकेज योजना चलाई गई है। इस योजना से जन साधारण को लाभ होगा। बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा दी जा रही है। इस बारे में भी आमजन को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गांवों में महिलाओं को सुरक्षित व बेहतर प्रसव सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रसूति गृह स्थापित किए गए हैं।
जिला उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है जिसके तहत बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जाएं तथा सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज नि:शुल्क किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में जननी सुरक्षा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थान में प्रसूति के समय 700 रुपए की नकद सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति की महिलाओं को 1500 रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि दी जाती है। वहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली अनुसूचित जाति की महिलाओं को घर में प्रसूति करवाने पर 500 रुपए की नकद सहायता राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ करने के फलस्वरूप जिला में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत गांवों में 1000 की आबादी पर एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता चुनी गई है, जिसे एकरिडेटिड सोशल हैल्थ एक्टिविस्ट (आशा) कहा जाता है।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सामान्य अस्पतालों को स्वस्थ व साफ-सुथरा रखें। भवनों के रखरखाव व मरम्मत का कार्य भी समय-समय पर करवाते रहे। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए व जिला को अग्रणी बनाने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर चिकित्सा स्वस्थ समाज का निर्माण है। इसलिए सभी डॉक्टर अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी व निष्ठा से करें और जनता को चिकित्सा सुविधा देने में कोई कोताही न बरतें।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
मधुमेह और हृदयरोग सरीखी बीमारियों का सीधा संबंध जीवनशैली व खान-पान के साथ है
सिरसा। जाने माने चिकित्सक डा. वीपी गोयल का कहना है कि आज भारत के समक्ष मुंह बाए खड़ी मधुमेह और हृदयरोग सरीखी बीमारियों का सीधा संबंध जीवनशैली व खान-पान के साथ है। यूरोप व अन्य विकसित देशों को अपने आगोश में लेने के बाद अब यह व्याधियां भारत सरीखे अग्रणी विकासशील देशों में अपने पांव पसार
रही हैं और यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बहुत जल्द ये महामारी का रूप ले सकती हैं। इन रोगों से बचना है या फिर इनका कारगर उपचार करना है जो जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना परमवावश्यक है। डा. गोयल चिकित्सक दिवस पर रेडियो सिरसा से केंद्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ श्रोताओं से रूबरू हुए। करीब साढ़े तीन दशक से चिकित्सा के पेशे से जुड़े डा.गोयल ने कहा कि खानपान में सुधार व संतुलन, नियमित सैर या व्यायाम और फिर सकारात्मक चिंतन स्वस्थ जीवन के मूलमंत्र हैं। इस अवसर पर जहां उन्होंने आमजन से अपनी सेहत के प्रति और अधिक सचेत व संजीदा होने का आवाहन किया वहीं नई पीढ़ी के चिकित्सकों को भी सलाह दी कि वे काम के दबाव और व्यस्तताओं के बावजूद स्वयं अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें। डा. गोयल ने बताया कि भारत में डाक्टर्स डे स्वाधीनता सेनानी व प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. बीसी राय की स्म़ृति में मनाया जाता है। करीब पंद्रह साल तक पश्चिम बंगाल के मु यमंत्री रहे डा.राय अपने आप में एक आदर्श चिकित्सक थे। उन्होंने चिकित्सकों का आवाहन किया कि वे चिकित्सक दिवस पर अपने जीवन में डा. राय के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लें। उन्होंने स्वीकार किया कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में चिकित्सकों को लाए जान के बाद निस्संदेह चिकित्सकों को उपचार की प्रक्रिया में फूंक फूं क कर कदम रखने पडते हैं। मगर सिद्धांतरूप में यह स्वागतयोग्य कदम है। उन्होंने कहा कि अधिकांश चिकित्सकों ने इसका स्वागत किया है। एक प्रश्र ने जवाब में डा. वीपी गोयल ने कहा कि अंग्रेज भारत को जिस हालत में छोडकर गए थे, स्वास्थ्य के मामले में वह बहुत दयनीय थी। पूरे देश में उस समय कुल पचास हजार प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित चिकित्सक थे। हैजे और प्लेग जैसी बीमारियां महामारी के रूप में आती थी और गांव के गांव इनके कारण खाली हो जाया कते थे।
मलेरिया, खसरा और पोलियो के अलावा काली खांसी सरीखी बीमारियों की मार से आमजन त्रस्त था। पंचवर्षीय योजनाओं में एक के बाद एक इन बीमारियों को निशाना करके सरकार के अभियान चलाए। सरकारी अभियानों की कामयाबी का प्रमाण यह है कि इनमें से कई बीमारियां लुप्त हो चुकी हैं और अन्यों पर कमोबेश नियंत्रण पा लिया गया है। मगर आज की चुनौतियां सन सैंतालिस या साठ के दशक की चुनौतियों से कहीं भिन्न हैं। निस्संदेह सरकार की योजनाएं प्रभावी हैं मगर उनको लागू करने की प्रक्रिया में होने वाली ढि़लाई चिंताजनक है। बहुत बार आमजन भी सक्रियता व जि मेदारी की भावना से इन योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ लेने के लिए आगे नहीं आते। पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान यह बात खासतौर पर देखने को मिली। एक प्रश्र के उत्तर में डा. गोयल ने कहा कि मोटापा अपने आप में कई दूसरी बीमारियों की जननी है। मोटापे से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव से कारगर कोई उपाय नहीं है। डा. गोयल ने दावा किया चिकित्सकों व मरीजों के मध्य संबंध साल दर साल सुधर रहें चूंकि आम नागरिक का स्वास्थ्य के प्रति रवैया और जागरूकता का स्तर काफी बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के पेशे में मरीजों के साथ ठगी करने के चंद लोग तीस साल पहले थे और आज भी हैं मगर अधिकांश चिकित्सक मानवीय व नैतिक मूल्यों के दायरे में रहते हुए कार्य करते हैं।
नेत्र जांच व ऑप्रेशन शिविर का आयोजन अस्पताल परिसर में किया गया
सिरसा, 2 जुलाई । समाज सेवा को समर्पित श्री बाबा तारा चेरिटेबल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में प्रत्येक शनिवार को लगाए जाने वाले नेत्र जांच व ऑप्रेशन शिविर का आयोजन अस्पताल परिसर में किया गया। इस शिविर में अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. महिप बांसल व उनकी सहयोगी टीम ने नेत्र रोगियों की जांच की। यह जानकारी देते हुए अस्पताल के प्रवक्ता गुरराज करन सिंह ने बताया कि इस शिविर में 240 नेत्र रोगियों की जांच की गई, जिनमें से 45 रोगी मोतियाबिंद रोग से पीडि़त पाए गए। उन्होंने बताया कि मोतियाबिंद रोग से पीडि़त सभी मरीजों का ऑप्रेशन अस्पताल में नि:शुल्क किया जाएगा व दवाईयां, चश्मे व ठहरने की व्यवस्था भी श्री तारा बाबा चेरिटेबल अस्पताल द्वारा की गई है।
प्राचीन शनिदेव मंदिर में बैठक का आयोजन किया गया
सिरसा। नौहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में आज एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 30 जुलाई शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर मंदिर प्रांगण में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारियों बारे विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सावन मास की शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर भगवान श्री शनिदेव जी का जन्मोत्सव समारोह धूमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी महेश कुमार ने बताया कि शनैश्चरी अमावस्या भगवान श्री शनिदेव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम अवसर है। इस बार शनैश्चरी अमावस्या सावन मास में होने के कारण इसका प्रभाव और अधिक हो गया है। उन्होंनें बताया कि 30 जुलाई को मंदिर प्रांगण में भगवान शनिदेव जी का अखंड तेल स्नान, भंडारा व रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा, इसके साथ ही शनिदेव जी की पूजा अर्चना, हवण यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
मुकाबले के लिए तैयार हो गया शाह सतनाम जी खेल स्टेडियम
सभी तैयारियां मुकमल, कल होगी जोर आजमाईश, संगत में भारी उत्साह
ओढां। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स विंग के गर्व दिवस को लेकर श्री जलाल आणा साहिब में 4 जूलाई को आयोजित होने वाली दो दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर सभी तैयारियां मुकमल हो चुकी है।खेलों को लेकर जहां जिला की साध-संगत में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं खेलों में भाग लेने वाले शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहन एक-दूसरे से खेल मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे है। शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम(शाह सतनाम जी ऐजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित) श्री जलालआणा साहिब में खेलों की तैयारियों को लेकर ब्लाक दारेवाला, चक्कां, डबवाली, श्री जलालआणा साहिब, चामल, आदि ब्लाकों के सैंकड़ों की सख्यां में सेवादार स्टेडियम में सेवा कार्य में जूटे हुए है। जिला खेल समिति के सदस्य सतदेव इन्सां व विजय इन्सां ने सयुक्त रूप से बताया कि स्टेडियम में सभी तैयारियां मुकमल हो चुकी है। सेवादारों में खेल प्रबन्धों को लेकर अलग-अलग ड्यूटियां लगाई गई है। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता में जिलाभर से सैंकड़ों की तादाद में खिलाड़ी भाग लेकर अपने जौहर दिखाऐगें। उन्होंने बताया कि इन खेलों में सिर्फ शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फैयर फोर्स के महिला व पुरूष सेवादार ही भाग ले सकते है। समिति के सदस्य औमप्रकाश पटवारी ने बताया कि शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम खेल मुकाबलों को लेकर पूरी तरह से तैयार है और सभी प्रबन्ध व तैयारियां बेहतर ढंग से मुकमल की जा चुकी है, ताकि किसी भी तरह की खिलाडिय़ों व दर्शकों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि इन दो दिवसीय खेलों में रस्साकस्सी, लम्बी दौड़, शाटपुट, कबड्डी, उच्ची कूद, किके्रट, गोला फैंक, लम्बी कूद आदि अनेक रोंमाचक मुकाबले होगें। इन खेलों का उद्घाटन डीएसपी पूर्ण चन्द पंवार करेगें जबकि समापन अवसर पर एसडीएम रोशनलाल विजेता खिलाडिय़ों को समानित करेगें। वहीं आज खेल समिति के सदस्यों ने स्टेडियम की तैयारियों का जायजा लिया और उन्होंने बेहतर ढंग से की गई तैयारियों की प्रसंशा की। खेल आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि कल तीन जूलाई को 12 बजें तक सभी खिलाड़ी अपने-अपने फार्म जिम्मेवारों को साथ लेकर शाह सतनाम जी स्टेडियम श्री जलालआणा साहिब में खेल आयोजकों के पास जमा करवाए। उन्होंने बताया कि रविवार को 12 बजे के बाद कोई भी फार्म जमा नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को 12 बजे तक फार्म आने वाले खिलाडिय़ों को ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने दिया जाएगा। उन्होंने सभी खिलाडिय़ों से आह्वान किया कि वे 4 जूलाई को सुबह 6 बजे तक स्टेडियम में पहुंचे। यहां यह उल्लेखनीय है कि शाह सतनाम जी किके्रट स्टेडियम( श्री जलालआणा साहिब) मात्र 22 दिनों की अल्प समय में तैयार होकर हर किसी के लिए आश्चर्य जनक है। इस स्टेडियम में करीब 60 हजार दर्शक बैठकर मैच का आनन्द ले सकते है।
पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला 5 अप्रैल को जिला पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करेंगे
सिरसा, 2 जुलाई। इनेलो सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला आगामी 5 अप्रैल को इनेलो कार्यालय चौधरी देवीलाल सदन में प्रात: 11 बजे जिला पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करेंगे। यह जानकारी देते हुए पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रधान प्रदेश महासचिव अशोक वर्मा व जिला प्रधान साहब राम चकजालू ने बताया कि बैठक में श्री चौटाला पार्टी की रणनीति एवं कार्यक्रमों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। इस बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के उपाय बताए जाएंगे और कार्यकर्ताओं के विचार सुनेंगे। उन्होंने जिलाभर के पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस बैठक में अधिक से अधिक संख्या में शिरकत करके अपने जनप्रिय नेता के विचारों को सुने और पार्टी को मजबूत करें।
जिला पुलिस द्वारा पीआरओ नियुक्त करने के लिए 3 जुलाई तक आवेदन मांगे गए
सिरसा। जिला पुलिस द्वारा पीआरओ नियुक्त करने के लिए 3 जुलाई तक आवेदन मांगे गए है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सतेंद्र गुप्ता ने बताया कि मीडिया के माध्यम से पुलिस की उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए तथा पुलिस व आमजन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार जनसंपर्क अधिकारी की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए निर्धारित योग्यता व शर्तें पूरी करने वाले उम्मीदवार कल 3 जुलाई तक अपने आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भेज सकते है। निर्धारित तिथि के पश्चात मिलने वाले आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे।
आरोपी को चोरीशुदा मोटरसाइकिल सहित काबू कर लिया
सिरसा। शहर डबवाली पुलिस ने मोटरसाइकिल चोरी की गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपी को चोरीशुदा मोटरसाइकिल सहित काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान कुलविंद्र पुत्र बलजिंद्र निवासी जोधपुर रमाणा जिला बठिंडा पंजाब के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार मनोज पुत्र नेतराम निवासी वार्ड 6 मंडी डबवाली किसी कार्य के लिए डबवाली अदालत परिसर में गया था, कुछ समय बाद जब वह वापिस लौटा तो उसका मोटरसाइकिल नदारद था। इस संबंध में थाना शहर डबवाली पुलिस ने बीती 21 जून को मामला दर्ज कर जांच शुरू की। कल सायं शहर डबवाली की पुलिस टीम बठिंडा चौक पर नाकेबंदी कर आने जाने वाले वाहनों की चैकिंग कर रही थी। इसी दौरान मोटरसाइकिल सवार एक युवक आया, उक्त युवक से जब मोटरसाइकिल के संबंध में कागजात मांगे तो वह मलकीयती पेश नही कर सका। पुलिस ने जब उससे गहनता से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि वो मोटरसाइकिल उसने डबवाली अदालत परिसर से चुराया था। आरोपी को आज डबवाली अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा, ताकि उससे पूछताछ की जा सके।
सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज पांच मामलों में वांछित एक उदघोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रगट सिंह पुत्र जसपाल सिंह निवासी अमृतसरकलां जिला सिरसा के रूप में हुई है। आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश करके रिमांड मांगा जाएगा। आरोपी के विरूद्ध 24 अगस्त 2010 को थाना ऐलनाबाद में भादंसं की धारा 302 व 34 के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी मौके से ही फरार चल रहा था। इस मामले में ऐलनाबाद अदालत द्वारा 17 जनवरी 2011 को उदघोषित अपराधी करार दिया था। पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपी को मुसाहिबवाला क्षेत्र से काबू किया है। मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए सीआईए प्रभारी निरीक्षक किशोरी लाल ने बताया कि आरोपी प्रगट सिंह को महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए स्टाफ के उपनिरीक्षक अमरनाथ ने काबू किया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के विरूद्ध भादंसं की धारा 174 ए के तहत भी अभियोग दर्ज किया जाएगा। सीआईए प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ इससे पहले भी ऐलनाबाद थाना में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत सन 2003 , 2008 व 2009 में मामले दर्ज हुए थे तथा उनमें आरोपी जमानत मिलने के बाद फरार चल रहा था। इसके अलावा 2008 में आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत पंजाब के फाजिल्का थाना में भी मामला दर्ज है।
सिरसा। एक रोडवेज इंस्पैक्टर के साथ बस चैकिंग के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने, हाथापाई करने तथा जान से मारने की धमकी देने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान नानक पुत्र बलवीर निवासी सुकेराखेडा, पूर्ण चंद पुत्र हनुमान व बलराम पुत्र सतनाम निवासी अबूबशहर सिरसा के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार उपरोक्त आरोपियों ने गांव अबूबशहर में रोडवेज इंस्पैक्टर की चैकिंग के दौरान उससे हाथापाई की। इस संबंध में बीती 14 मई को आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 332, 353, 186, 506 व 34 के तहत थाना सदर डबवाली में अभियोग दर्ज हुआ था।
सिरसा :पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि पुलिस आमजन के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करे तथा थानों में आई शिकायतों का शीघ्र निपटान करे। वे आज अपने कार्यालय में जिला के विभिन्न थानों के प्रभारियों , सैल प्रभारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण मेहता, उपपुलिस अधीक्षक ऐलनाबाद रविन्द्र कुमार, उपपुलिस अधीक्षक डबवाली बाबू लाल सहित अन्य विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि थाना प्रभारी सम्पत्ति विरुद्ध अपराधों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाएं। इसके साथ ही लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाली फर्जी कम्पनियों पर पैनी निगाह रखें। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा 1 जुलाई से 31 जुलाई तक उद्घोषित अपराधियों, बेलजम्परों व पैरोल जम्परों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा तथा उन्हें काबू कर संबंधित अदालतों को सौंपा जाएगा। उन्होंने थाना प्रभारियों से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्रों में आपराधिक व अनैतिक तत्वों के खिलाफ अभियान में तेजी लाएं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि थाना प्रभारी अपने इलाकों में जमीनी विवाद व पुरानी रंजिश के मामलों पर पैनी निगाह रखें, ताकि कोई अप्रिय घटना होने से पहले ही उससे निपटा जा सके। इस अवसर पर उन्होंने थाना प्रभारियों से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिये।
सिरसा:ऑनर किलिंग की घटनाओं को रोकने व प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला पुलिस द्वारा स्थापित किये गये प्रोटेक्शन हाउस में अब तक 24 प्रेमी जोड़े शरण ले चुके हैं। पुराने तहसील कार्यालय रोड पर स्थित कामकाजी महिला आवास कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर स्थापित प्रोटक्शन हाउस सितम्बर 2010 में स्थापित किया गया था। यहां शरण लेने वाले प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए हर समय पुलिस गार्द तैनात रहती है। 2 नंवबर 2010 को पहली बार प्रेमी जोड़े ने प्रोटक्शन हाउस में शरण ली थी। वर्तमान समय में प्रोटक्शन हाउस में पांच प्रेमी जोड़े रह रहे हैं।
पशु चिकित्सा कैंप में की गई खानापूर्ति
ओढ़ां- गांव बनवाला के पशुधन केंद्र में पशुओं के लिए चैकअप कैंप का आयोजन किया गया जिसमें वेटनरी सर्जनों के न पहुंचने के कारण मात्र कागजी खानापूर्ति ही की गई और इसमें 60 पशुओं का चैकअप दिखाया गया। कैप में चिकित्सकों के न आने के कारण पशुपालक अपने पशुओं को शिविर में नहीं लाए और कैंप में उपस्थित वीएलडीए आदित्य कुमार और भाल सिंह ने पशुपालकों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दवाई दी। पशुपालकों भूप सिंह, जगदीश, सुरजीत सिंह, पिरथी राम आदि ने बताया कि शिविर में पशु चिकित्सकों के न पहुंचने से उन्हें भारी परेशानी हुई और वे अपने पशुओं का चैकअप नहीं करवा सके। मौके पर मौजूद वीएलडीए भाल सिंह व आदित्य कुमार ने रजिस्टरों में खाना पूर्ति करते हुए बताया कि शिविर में 60 पशुओं का चैकअप किया गया जिसमें 25 बांझपन, 6 रीपीटर और 29 अन्य पशुओं का चैकअप शामिल है जबकि वास्तव में कुछ पशुपालकों के अलावा वहां कोई पशु नहीं था। सरपंच भरत सिंह डुडी ने बताया कि उन्हें भी इस शिविर के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई और पशुपालकों को जो परेशानी हुई उसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। इस विषय में गोरीवाला के राजकीय पशु चिकित्सालय में बात किए जाने पर चिकित्सक ज्ञान प्रकाश कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने वालों की खैर नहीं
ओढ़ां-गांव बनवाला में ग्राम पंचायत की मीटिंग के दौरान पंचायत के समक्ष एक शिकायत रखी गई। शिकायतकर्ता एएनएम विनय कुमारी ने बताया कि शरारती तत्व जन स्वास्थ्य केंद्र व अन्य सरकारी भवनों में नशीली गोलियों के पते और शराब की बोतलें डाल देते हैं तथा देर रात तक वहां बैठे रहते हैं जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत ने मौके पर निर्णय लिया कि सरकारी स्कूल, पटवारघर, जन स्वास्थ्य केंद्र, पशुधन केंद्र, बस स्टेंड और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर रात नौ बजे के बाद यदि कोई भी बैठा पाया गया तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी और इसके जिम्मेदार इन स्थानों पर पाए जाने वाले लोग स्वयं होंगे। इस अवसर पर साहिब राम नंबरदार, जीताराम, नानकराम जाखड़, बनवारी लाल, श्रवण गोदारा, गिरधारी लाल पूर्व सरपंच, लूनाराम जाखड़, प्रभुराम, पंच राम सिंह, ख्याली राम व विनोद कुमार सहित अनेक गांववासी उपस्थित थे। इस विषय में गांव के सरपंच भरत सिंह डुडी ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नहर पर नलकूप लगाकर शामलात भूमि को सिंचित किया जाएगा
ओढ़ां-बीआरजीएफ के अंतर्गत करवाए कार्यों का लेखा जोखा लेने और आगामी बजट बारे विचार विमर्श करने के उद्देश्य से गांव चकेरियां में शनिवार को ग्राम सभा की बैठक का आयोजन सरपंच कुलविंद्र कौर की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में जलघर में वाटर टैंक का निर्माण करने, प्राइमरी स्कूल के भवन को गांव में बनाने और उसे अपग्रेड करने, स्टेडियम, आंगनबाड़ी केंद्र और सामान्य चौपाल की चारदीवारी बनाने, नहर पर नलकूप लगाकर शामलात भूमि को सिंचित करने, गांव में पशुधन केंद्र व उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाने और कर्मचारियों की नियुक्ति करने आदि कार्यों से संबंधित प्रस्ताव डाले गए। इस बैठक में ग्राम सचिव प्रेम कंबोज, एबीपीओ सुनील कुमार, जगदीप सिंह और नछतर सिंह सहित अनेक गांववासी उपस्थित थे।
जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 4 व 5 जुलाई को
ओढ़ां-आगामी 4 व 5 जुलाई को शाह सतनाम स्टेडियम जलालआना में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जिसका उद्घाटन सिरसा के डीएसपी पूर्णचंद पंवार करेंगे और समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में सिरसा के एसडीएम रोशन लाल उपस्थित होंगे। यह जानकारी देते हुए जिला खेलकूद टीम के प्रधान सतदेव चक्कां ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 100 व 200 मीटर दौड़, ऊंची कूद, गोला फैंक, ओपन कबड्डी, कोस्को क्रिकेट, रस्साकशी के अलावा अनेक रोमांचक खेलों का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में शाह सतनाम ग्रीन एस वैल्फेयर संस्था के सदस्य ही भाग ले सकेंगे।
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