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28 January 2014

बेटियों के लिए खुला योजनाओं का पिटारा

republic day main event based in amarujala campign 'beti hi bachaygi'
यूटी प्रशासन ने अमर उजाला के ‘बेटी ही बचाएगी’ अभियान से प्रोत्साहित होकर शहर में बेटियों के लिए योजनाओं का पिटारा खोल दिया है।

रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में चंडीगढ़ प्रशासन ने इन योजनाओं का खुलासा किया। प्रशासन ने वर्ष 2014 को महिला सशक्तीकरण के लिए समर्पित किया है।

प्रशासन की ओर से जहां बेटी को सशक्त करने के लिए ‘हमारी बेटी’ नाम से नई योजना शुरू की जा रही है, वहीं उन्हें उच्च शिक्षा देने के लिए ‘सरस्वती योजना’ और ‘ई स्नातक’ योजनाएं शुरू की जा रही हैं।

रविवार को सेक्टर-17 स्थित परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद प्रशासक के सलाहकार केके शर्मा ने शहर के लोगों को संबोधित करते हुए जहां प्रशासन की साल भर की उपलब्धियां गिनाईं, वहीं बेटियों के लिए शुरू की जाने वाली प्रशासन की योजनाओं के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि ‘हमारी बेटी’ योजना के तहत सरकारी अस्पताल में पैदा होने वाली हर बेटी के घरेलू उपयोग के लिए 40 हजार रुपये उसके नाम से खाता खोलकर जमा कराए जाएंगे।

यह सुविधा आर्थिक तौर पर गरीब परिवार में पैदा हुई बेटी को मिलेगी। प्रशासन 40 हजार रुपये की एफडी कराएगा और यह जमा राशि उस लड़की को तब मिलेगी जब वह 18 साल की हो जाएगी। यानी 18 साल पूरा होने पर उसे लगभग 3 लाख रुपये मिल जाएंगे।

इसी तरह प्रशासन बेटियों के लिए ‘सरस्वती योजना’ शुरू करेगा। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाली आर्थिक तौर पर गरीब परिवारों की छात्राओं को साइकिल दी जाएगी। शर्मा ने कहा कि इसके साथ ही बेटियों के लिए ई स्नातक योजना शुरू होगी, जिसके तहत ग्रेजुएशन कर रही आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार की छात्राओं को लैपटॉप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रशासन व्यापक स्तर पर एक स्वास्थ्य योजना भी शुरू करने का प्रस्ताव बना रहा है, जिसमें डेढ़ लाख रुपये से कम कमाने वाले आर्थिक तौर पर गरीब को एक लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाएगा। इसके लिए कमजोर तबके की पहचान कर ली गई है।

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