युवा पीढ़ी को इनके द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलकर देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए
सिरसा। महापुरूषों व समाज सुधारकों का राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। युवापीढ़ी को इनके द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलकर देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
ये विचार चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो0 विजय कायत ने बहुउद्देशीय हॉल में विश्वविद्यालय के एस0सी0/बी0सी0 एम्पलाइज वैल्फेयर एसोसिएशन व हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति सिरसा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हां मैं सावित्री बाई फुले नाटक के मंचन से पूर्व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किय। प्रो0 कायत ने कहा कि सावित्री बाई फुले एक महान समाज सुधारक होने के साथ-साथ भारत की पहली महिला शिक्षिका भी थी। उन्होंने महिला शिक्षा के क्षेत्र में स्वाधीनता से पूर्व अतुलनीय योगदान देकर महिला सशक्तिकरण का उदाहरण कायम किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव असीम मिगलानी, हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के राज्य सचिव प्रमोद गौरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर उमेद सिंह ने की। कुलपति ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय की एस0सी0/बी0सी0 एम्पलाइज वैल्फेयर एसोसिएशन को इस प्रकार की महान विभूति पर आधारित नाटक प्रस्तुत करने पर हार्दिक बधाई दी और उम्मीद जाहिर की कि विश्वविद्यालय की एसोसिएशन भविष्य में भी इस प्रकार के सांस्कृतिक व सामाजिक कार्य करती रहेगी। इस अवसर पर हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष हरदयाल बेरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया जबकि एसोसिएशन के प्रधान डा. रोहताश ने आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। मेहमानों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये गये। इस अवसर पर मंच का संचालन डा. संजीत व विनोद द्धारा किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के उपप्रधान अशोक सैनी, महासचिव सुभाष, सचिव बजरंग लाल, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र हाण्डा, डा. रविंद्र, डा. राजकुमार, रमेश हंस, सुनील सैनी सहित प्रो0 सुरेश गहलावत, प्रो0 विष्णु भगवान, प्रोफेसर दीप्ति धर्माणी, डा. डी0पी0 वार्ने, डा. सलार, डा0 राममेहर दीक्षित, डा0 अमित सांगवान आदि उपस्थित थे।
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