सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय को शोध के क्षेत्र में सेंट्र ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। विश्वविद्यालय को नेक द्वारा ए ग्रेड प्रदान करवाने के उद्देश्य से शोध प्रोजक्टस व शोध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा।
ये विचार चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विजय कायत द्वारा शारीरिक एवं विज्ञान संकाय द्वारा इन्टलेक्चुवल प्रोपर्टी राइट विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त व्यक्त किये। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, पंचकुला द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला में अनेक शिक्षाविद्ों व शोधार्थियों ने भाग लिया। कुलपतिे कहा कि विद्यार्थियों को पेटेंट रजिस्ट्रर करवाने के लिए अधिक से अधिक एप्लीकेशन्स फाईल करनी चाहिए। पेटेंट रजिस्टर होने से संस्थान का नाम तो होता ही है साथ ही साथ राष्ट्र का नाम विश्व स्तर पर रोशन होता है। इस कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 असीम मिगलानी ने की और कार्यशाला के बारे में जानकारी प्रो0 सुरेश गहलावत ने दी। इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए पेटेंट इंफोर्मेशन सेन्टर पंचकुला के वैज्ञानिक राहुल तनेजा ने मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए मनुष्य केे मौलिक कार्य को पंजीकृत करने का पेटेंट अच्छा साधन है यदि कोई शोधार्थी अपनी बोद्धिक सम्पदा को पंजीकृत करवाना चाहता है तो वह ऑन लाईन पेटेंट के लिए एप्लाई करता है इस अवसर पर दिल्ली से आये हुए वकील आशीष शर्मा ने विभिन्न कानूनी पहलूओं पर प्रतिभागियों के साथ परिचर्चा की। मुख्यअतिथि का स्वागत प्रो0 दिलबाग सिंह ने किया व धन्यवाद डा0 हरीश मुद्गिल ने किया। इस अवसर पर प्रो0 विक्रम सिंह, प्रो0 प्रवीण आगमकर, डा0 जोगेन्द्र दुहन,डॉ सत्यवान दलाल , डॉ अंजू ,डॉ मंजू नेहरा ,डॉ मुकेश , डॉ हरीश , डा0 कासिफ किदवई, डा0 धर्मवीर, डा0 कंवलजीत आदि उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment