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13 May 2017

सच्चे सवयंसेवकों को सदैव निस्वार्थ भाव से देशसेवा करनी चाहिए : बाबूराम गैदर

नुहियांवाली में चल रहा राष्ट्र्रीय सेवा योजना शिविर सम्पन्न
ओढ़ां
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नुहियांवाली में चल रहे सात दिवसीय राष्ट्र्रीय सेवा योजना शिविर शुक्रवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया।

समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित गांव के सरपंच बाबूराम गैदर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविरों से प्राप्त होने वाले समाजसेवा, ईमानदारी एवं सचरित्रता आदि गुण ही मानवता के असली आभूषण हैं तथा समाजसेवा जैसे कार्य करने हेतु किसी का उच्चाधिकारी, नेता, सेनिक अथवा पुलिस जवान होना आवश्यक नहीं बल्कि अपने आसपास स्वच्छता कायम करने वाला भी राष्ट्रसेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की पहली सीढ़ी का नाम अनुशासन है जिसका पालन सभी को करना चाहिए तथा सच्चे सवयंसेवकों को सदैव निस्वार्थ भाव से देशसेवा करनी चाहिए।
इससे पूर्व स्वयंसेविकाओं ने मुख्यातिथि के सम्मान में स्वागत गीत व सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। पूर्व एनएसएस प्रभारी बूटा सिंह जी ने मुख्यातिथि का आभार व्यक्त करते हुए शिविर के दौरान स्वयंसेवको द्वारा किए गए श्रमदान का वर्णन किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये सेवा स्वयंसेवकों को सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के प्रति प्रेरित कर समाज सेवा का अवसर प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त अन्यों के साथ मिलकर कार्य करना, स्वयं तथा समुदाय की ज्ञानवृद्धि करना, साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरण सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सफाई आदि भी इसके अंग हैं। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में मनदीप कौर ने देश भक्तिगीत भगत सिंह शेरा और रेणु पार्टी ने मेरे यार सुदामा भजन सुनाया तथा अन्यों ने चुटकले व विचार सुनाए। पवन बेनीवाल ने राष्ट्रीय सेवा योजना गीत उठे समाज के लिए स्वयं संजे वसुंधरा सवार दे और हम लोग हैं ऐसे दीवाने गीत के माध्यम से प्रेरित किया। शिविर प्रभारी रोहताश कुमार ने अतिथियों का धन्यवाद किया और यूनिट की तरफ से सभी को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर विद्यालय प्रधानाचार्य अमनपाल, बूटा सिंह, रोहताश कुमार, बलविंदर सिंह, विजय भांभू, हरपाल सिंह, नीलकिरण शर्मा, सरोज बाला, कीर्ति बाला, बलजीत कौर, ब्लॉक समिति सदस्य मदन देमीवाल, संतलाल, सुभाष ज्याणी और स्टाफ सदस्य व स्वयंसेवक मौजूद थे।

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