सिरसा, 16 जनवरी। सरकार ने पोस्टमैट्रिक योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के परिवारों की वार्षिक आय सीमा एक लाख रुपये बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है। यानि अब दो लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चे भी पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठा सकेंगे।
यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए सभी चार ग्रुप्स के लिए मासिक रख-रखाव भत्ते की दरें भी बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि गु्रप प्रथम व द्वितीय के डे-स्कॉलर्ज को अब 330 रुपये के स्थान पर क्रमश: 550 रुपये और 530 रुपये मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डे-हॉस्टलर्ज को 740 रुपये और 510 रुपये के स्थान पर क्रमश: 1200 रुपये प्रतिमास और 820 रुपये प्रतिमास भत्ता दिया जाएगा। इसी प्रकार ग्रुप 3 और 4 के डे-स्कालर्ज को अब 185 रुपये तथा 140 रुपये के स्थान पर क्रमश: 300 रुपये और 230 रुपये मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा तथा इनके डे-हॉस्टलर्ज को भी 355 रुपये और 235 रुपये के स्थान पर क्रमश: 570 रुपये प्रति मास और 380 रुपये प्रतिमास मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये या 2 लाख रुपये से कम है, वे पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए अपने विश्वविद्यालय या कॉलेज, संस्थान या जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए सभी चार ग्रुप्स के लिए मासिक रख-रखाव भत्ते की दरें भी बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि गु्रप प्रथम व द्वितीय के डे-स्कॉलर्ज को अब 330 रुपये के स्थान पर क्रमश: 550 रुपये और 530 रुपये मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डे-हॉस्टलर्ज को 740 रुपये और 510 रुपये के स्थान पर क्रमश: 1200 रुपये प्रतिमास और 820 रुपये प्रतिमास भत्ता दिया जाएगा। इसी प्रकार ग्रुप 3 और 4 के डे-स्कालर्ज को अब 185 रुपये तथा 140 रुपये के स्थान पर क्रमश: 300 रुपये और 230 रुपये मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा तथा इनके डे-हॉस्टलर्ज को भी 355 रुपये और 235 रुपये के स्थान पर क्रमश: 570 रुपये प्रति मास और 380 रुपये प्रतिमास मासिक रखरखाव भत्ता दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये या 2 लाख रुपये से कम है, वे पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए अपने विश्वविद्यालय या कॉलेज, संस्थान या जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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