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04 January 2011

कथा का श्रवण इस भाव से करो कि परमात्मा है

  ओढ़ां न्यूज.
प्रवचन फरमाते डॉ. कमलेश

उपस्थित श्रद्धालुगण

    खंड के गांव पन्नीवाला मोटा के बस स्टेंड पर निर्माणाधीन श्रीशिव-हनुमान मंदिर में समस्त गांववासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत् सप्ताह ज्ञान गंगा की त्रिवेणी में प्रवचन फरमाते हुए चित्रकूट धाम से पधारे कथा वाचक डॉ. कमलेश दास ने कहा कि राजा परिक्षित को श्राप मिला कि सत्संग रुपी गंगा तट के किनारे बैठकर शुकदेव जी महाराज के मुखारबिंद से अपनी मुक्ति का मार्ग खोजे। उन्होंने कहा कि राजा परिक्षिक के जीवन का तो ठिकाना था कि सातवें दिन उसकी मृत्यु हो जाएगी लेकिन हमारा तो एक मिनट का भी पता नहीं कि मृत्यु कब, किसे, कहां दबोच ले। इसलिए अहरनिश प्रभु चिंतन आवश्यक है जैसे धु्रव जी ने और 5 वर्ष के प्रह्लाद जी ने भगवान नरसिंह को प्रकट किया उसी प्रकार आज भी परमात्मा है आवश्यकता है उसे प्रकट करने की। उन्होंने कहा कि कथा का श्रवण इस भाव से करो कि परमात्मा है। उन्होंने प्रभु चरित्र गज ग्राह की कथा, समुंद्र मंथन की लीला का र्वान और वामन भगवान के सुंदर चरित्र पर भी प्रकाश डाला जिसे उपस्थित महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने बड़े भक्तिभाव से ग्रहण किया। तदुपरांत दूरदर्शन कलाकार श्रीमती पूनम शास्त्री ने सुंदर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर पूर्व सरपंच श्रवण डुडी और बाबू लाल एएसआई सहित काफी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।

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