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27 January 2014

अनैतिक कार्यों का समाधान सुसंस्कृत संतान से ही संभव है : शास्त्री शिवचंद त्रिपाठी

ओढ़ां

    गांव रिसालियाखेड़ा स्थित श्री गौशाला में समस्त गांववासियों के सहयोग से करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा का वाचन करते हुए शास्त्री शिवचंद त्रिपाठी ने कहा कि समाज का उत्थान सुपात्र संतान एवं सद्विचार युक्त मानव द्वारा होता है। इस प्रकार की संतान किस प्रकार प्राप्त होती है इसके उपाय सद्गंथ्रों व महापुरुषों द्वारा बताए गए हैं। आज उन्होंने हिरण्ययकश्यप् व हिरण्ययाक्श के जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि कश्यप पत्नी अदिती ने सांयकाल की बेला में पति से संतान की याचना की जो शास्त्र के विरुध था जबकि अदिती ने हठ करके याचना की तो कश्यप ने संतान का दान तो दे दिया लेकिन वह राक्षस बन गया अर्थात समाज का उत्थान एवं भ्रष्टाचार तथा अनैतिक कार्यों का समाधान सुसंस्कृत संतान से ही संभव है। इस मौके पर गौशाला प्रधान मनसा राम साहू, पूर्व सरपंच साहब राम कुलडिय़ा व आसाराम मांडन, रामधन सिलग, प्रबंधक सुरजीत सिंह, बैंक मैनेजर ओमप्रकाश, लेखराम पारीक, रामधन मास्टर, मदन गोपाल, आईदान, कलावती, शांति, गीता, जमूना, नारायणी, रोशनी, सावित्री, गुड्डी और सुशीला सहित काफी संख्या में श्रद्धालु स्त्री पुरुष मौजूद थे।

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