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10 January 2014

जब वह पुरुष एक दिन अचानक लड़की बन गया


सुनकर आप थोड़े हैरान हो सकते हैं। लेकिन बात पक्की है कि वह पुरुष पहुंच गया अनजाने में उस जंगल में और बन गया लड़की।

कथा आज की नहीं बल्कि पुरानी और इसका उल्लेख पुराणों में है। कथा के अनुसार वैवस्वत मनु के पुत्र थे राजा इल। इल एक बार शिकार खेलने वन में गए। अनजाने में ही वह अम्बिका नामक वन में पहुंच गए।

अम्बिका वन भगवान शिव द्वारा शापित था। एक बार शिव और पार्वती इस वन में विहार कर रहे थे उसी समय ऋषियों का एक समूह वन में आ पहुंचा। इससे पार्वती शर्मा गईं। शिव जी को ऋषियों का अचानक वन में प्रवेश करना अच्छा नहीं लगा और उन्होंने शाप दे दिया कि, शिव परिवार के अलावा अम्बिका वन में जो भी प्रवेश करेगा वह स्त्री बन जाएगा।

भगवान शिव के शाप के कारण राज इल स्त्री बन गये। अपने बदले हुए रूप को देखकर इल बहुत दुःखी हुए। वन से बाहर निकलने पर उनकी मुलाकात बुध ग्रह से हुई। बुध राज इल के स्त्री रूप पर मोहित हो गए। इल ने अपना नाम ईला रख लिया और बुध से विवाह कर लिया।

ईला और बुध से पुरुरवा का जन्म हुआ। पुराणों में बताया गया है कि पुरुरवा बड़े होकर राजा बने, इनकी राजधानी गंगा तट स्थित प्रयाग थी।

राजा पुरुररवा को एक दिन माता ईला ने दुःखी होकर अपने स्त्री बनने की कथा बताई। इसके बाद पुरुरवा ने निश्चय किया कि वह अपनी माता को वास्तविक रुप में लाने की कोशिश करेंगे। इसके लिए पुरुरवा ने गौतमी गंगा यानी गोदावरी तट पर शिव की उपासना की।

पुरुरवा की उपासना से प्रसन्न होकर शिव और पार्वती प्रकट हुए और वरदान मांगने के लिए कहा। पुरुरवा ने शिव से कहा कि उनकी माता ईला पुनः राजा इल बन जाए।

इस पर भगवान शिव ने वरदान दिया कि गौतमी गंगा में स्नान करने से ईला पुनः इल बन जाएगी। ईला ने गौतमी गंगा में स्नान किया और पुनः राज इल बन गए।

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