संसद में हंगामाः प्रधानमंत्री से ही भिड़े कंद्रीय मंत्री
'सरकार के अन्याय के खिलाफ अंतिम लड़ाई'
लोकसभा में बुधवार को हुई धक्कामुक्की और रेल बजट
की प्रतियां फाड़े जाने के सवाल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मानव
संसाधन विकास मंत्री पल्लमराजू आमने सामने आ गए हैं।
इस घटना से
मर्माहत प्रधानमंत्री ने जहां सदस्यों के आचरण को लोकतंत्र के लिए दुखद दिन
करार दिया, वहीं पल्लमराजू ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को गैरजरूरी करार
देते हुए इसे सरकार के अन्याय के खिलाफ अंतिम लड़ाई करार दिया।
इतना
ही नहीं पल्लमराजू ने तेलंगाना संबंधी विधेयक को हड़बड़ी में ला कर उल्टे
सरकार पर माहौल खराब करने का आरोप भी मढ़ दिया। उधर, संसदीय कार्यमंत्री
कमलनाथ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए भविष्य में लोकसभा में गलत परंपरा
की नींव पड़ने की आशंका व्यक्त की।
सदन में फाड़ी गईं रेल बजट की प्रतियां
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना मामले में लोकसभा में
बुधवार को उस समय हालात बेकाबू हो गए जब कांग्रेस और टीडीपी के सदस्य वेल
में भिड़ने के साथ ही रेल बजट की प्रतियां फाड़कर लहराना शुरू कर दिया।
इस
घटना के कारण रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे अपना बजट भाषण नहीं पढ़ पाए।
चार मंत्रियों ने वेल में तो एक ने गलियारे में तेलंगाना बिल के प्रति
विरोध जताकर सरकार की किरकिरी करा दी।
संसद का हाल देखकर दुखी हुए पीएम
लोकसभा में बुधवार को शर्मशार कर देने वाली घटना से
प्रधानमंत्री मर्माहत हैं। उन्होंने इस घटना को प्रजातंत्र के लिए दुखद
दिन करार देते हुए कहा कि सदन में जो कुछ हुआ उसे देख कर मेरा दिल बहुत
दुखी है। शांति की तमाम अपीलों के बावजूद इस तरह की घटना लोकतंत्र के लिए
दुखद है।
कमलनाथ ने भी सदस्यों के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि
सदन की मर्यादा की रक्षा करना सभी सदस्यों का कर्तव्य है। इस तरह की घटना
लोकसभा में गलत परंपरा की नींव डालेगी। हालांकि तेलंगाना मामले में अपनी ही
सरकार का विरोध कर रहे पल्लम राजू ने तत्काल प्रधानमंत्री और संसदीय
कार्यमंत्री पर पलटवार किया।
हालात के लिए सरकार जिम्मेदार: राजू
प्रधानमंत्री की टिप्पणी को गैरजरूरी करार देते हुए
पल्लम राजू ने उल्टे सरकार पर ही हालात खराब करने का ठीकरा फोड़ दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री को 15वीं लोकसभा में भी हंगामे के कारण बजट भाषण
पूरा नहीं होने की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार के अन्याय के खिलाफ विरोध
करने का हमारे पास अन्य कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार
ने हड़बड़ी और बिना सोचे समझे तेलंगाना बिल लाकर आंध प्रदेश की जनता के साथ
अन्याय किया है। हम पर जनता का दबाव है और हम इस दबाव और सरकार के अन्याय
के कारण ही संसद में अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। केवल आज की
घटना को इंगित करने के लिए टिप्पणी करना उचित नहीं है। यह सदन में हो रहा
है और निश्चित रूप से कहीं कोई विफलता है।
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