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13 February 2014

FIR के बाद क्या अब मोइली-अंबानी होंगे गिरफ्तार?

हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ एफआईआर

हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ एफआईआर

दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में केजी बेसिन की प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण मामले को लेकर चार धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।


सूत्रों का कहना है कि इसमें पूर्व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली, वीके सिब्बल और रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के मुकेश अंबानी के नाम शामिल है।


हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में फूंक-फूंककर कदम उठाए गए हैं।
 
60 पेज से ज्यादा की एफआईआर

60 पेज से ज्यादा की एफआईआर

सूत्रों के मुताबिक एफआईआर मंगलवार रात से दर्ज होना शुरू हुई थी और बुधवार सुबह तक दर्ज की गई। एसीबी के अधिकारियों के अनुसार शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केजी बेसिन की प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण मामले से संबंधित रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने रखा था।


दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एसके श्रीवास्तव के हस्ताक्षर के बाद रिपोर्ट को एसीबी के पास एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजा गया। 38 पेज की रिपोर्ट पर 60 पेज से ज्यादा की एफआईआर दर्ज की गई। इसकी बॉडी में देवड़ा, मोइली, सिब्बल और मुकेश अंबानी के नाम लिखे गए हैं।
 
  एफआईआर पर तकनीकी विवाद खत्म

एफआईआर पर तकनीकी विवाद खत्म

एफआईआर के प्रथम पेज पर संदिग्ध आरोपी वाले कॉलम में भी नाम लिखे गए हैं। जानकारों का कहना है कि अब यह तकनीकी विवाद खत्म हो गया है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई। मुख्यमंत्री को एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार नहीं होता, बल्कि यह कहा जाएगा कि मुख्य सचिव के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई।


इन धाराओं में की गई दर्ज

आईपीसी की धारा 420-धोखाधड़ी

आईपीसी की धारा 120 बी-आपराधिक षड्यंत्र

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम-1987 की धारा 13(1)(सी)-इसके तहत धारा कहां लगाई जा सकती है

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम-1987 की धारा 13(1)(डी)-सजा का प्रावधान 
 
एफआईआर की सभी धाराएं गैरजमानती

एफआईआर की सभी धाराएं गैरजमानती

दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा(एसीबी) ने केजी बेसिन की प्राकृतिक गैस मामले में दर्ज एफआईआर में जो धाराएं लगाई हैं, वह सभी गैर जमानती हैं।


ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। एसीबी सूत्रों का कहना है कि अभी तक गिरफ्तार करने को लेकर दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।

कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले संबंधित एक पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में इस मामले में किसी भी स्तर पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता।
  
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का करना होगा इंतजार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का करना होगा इंतजार

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी एसीबी अधिकारियों को इंतजार रहेगा। इसके इलावा एसीबी में अभी सिर्फ एफआईआर दर्ज की गई है।


एसीबी के पास न ही कागज हैं और न ही सबूत हैं। एसीबी को सबूत मिलने और जरूरी कागजात मिलने में काफी समय लग सकता है।


कानून के जानकारों का कहना है कि अगर एफआईआर हुई तो गिरफ्तारी बनती है, मगर मामले में बहुत सारी पेचीदीगियां हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है उनमें सात वर्ष व उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है।

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