आज पकड़ेंगे कलम तो खुलेगी 'किस्मत'
आज से करें पढ़ाई का शुभारंभ
आचार्य भरत राम तिवारी ने बताया कि पुराणों में कहा गया है कि संसार में उदासी थी तो ब्रह्मा जी ने कमंडल से जल छिड़क कर सरस्वती जी को उत्पन्न किया। इससे संसार की उदासी दूर हुई।
बच्चों को इस दिन से पढ़ाई की शुरुआत करानी चाहिए। इससे उनकी बुद्धि कुशाग्र होती है। आचार्य सुशांत राज का कहना है कि� वसंत पंचमी के दिन गुरु की पूजा करनी चाहिए। आंखें बंद कर मां सरस्वती का ध्यान करें।
कन्याओं का पूजन
मंगलवार को मंदिरों और घरों में विशेष पूजन किया जाएगा। जौ की बालियां भगवान विष्णु को चढ़ाई जाएंगी। साथ ही दो से दस वर्ष की कन्याओं को सरस्वती मां के रूप में पूजा जाएगा। पीले वस्त्र पहनकर, पीले मीठे चावलों का भोग भगवान को लगाया जाएगा।
छात्र इस मंत्र का करें जाप
ऊं हीं श्रीं ऐं वाग्वाहिनी अर्हन्मुख निवासिनी सरस्वती मामस्ये प्रकाशं कुरू कुरू स्वाहा:
पूजा समारोह
राजपुर रोड स्थित साईं मंदिर में पूर्वा सांस्कृतिक मंच पूजा समिति की ओर से वसंत पंचमी उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके गायक असलम खान भजनों की प्रस्तुति देंगे। शाम को कवि सम्मेलन और मुशायरा होगा। समिति के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि पांच फरवरी को हवन और विसर्जन के साथ समापन होगा।
कालिका माता मंदिर में सुबह सात बजे से ही पूजन शुरू हो जाएगा जो कि 11 बजे तक चलेगा। श्री श्याम सुंदर मंदिर, गीता भवन, पंचायती मंदिर सभी जगह भगवान को पीले चावलों का भोग लगाया जाएगा।
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