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08 May 2017

विहंगम योग सामाजिक कुरितियों के खिलाफ असरदार स्वरुप में सामने आया है : राजाराम

ब्रह्विद्या विहंगम योग आश्रम रोहिडांवाली में रविवारीय सत्संग
ओढ़ां
ब्रह्विद्या विहंगम योग आश्रम रोहिडांवाली में आयोजित रविवारीय सत्संग के दौरान प्रवचन पढ़ते हुए साधक राजाराम गोदारा ने कहा कि विहंगम योग की विधि 10 से 15 मिनट की है। योग की यह विधा मानव मूल्यों को पुर्नस्थापित करती है तथा व्यक्ति को आत्म चिंतन के लिए प्रेरित करती है। देश विदेश में आज विहंगम योग सामाजिक कुरितियों के खिलाफ एक असरदार स्वरुप में लोगों के सामने आया है। यह एक आध्यात्मिक शंखनाद है और इस आंदोलन के प्रणेता विज्ञान देव है जिन्होंने अनेक देशों में विहंगम योग के प्रचार प्रसार के लिए अपना आंदोलन चलाया है और भारत जो प्रारंभ से ही युग व तप की भूमि रही है उस भूमि से विहंगम योग का प्रचार प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि सामाजिक कुरितियों दहेजप्रथा, कन्या भ्रूणहत्या, पर्यावरण, प्रदूषण और नैतिक मूल्यों के पतन के खिलाफ विहंगम योग ने सांस्कृतिक और अध्यात्मिक आंदोलन का विराट रुप धारण कर लिया है। इस मौके पर अनेक महिला पुरूष श्रद्धालु मौजूद थे।

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