सिरसा
दुग्ध व्यवसाय में लगी 50 महिला डेयरी सहकारी समितियों को मिल्क प्लांट द्वारा राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत 62 लाख 50 हजार रुपए की आटोमैटिक मिल्क कलैक्शन यूनिट उपलब्ध करवाई जा चुकी है जिनको सोसायटियों के केंद्रों में स्थापित करके दुग्ध व्यवसाय के लिए कार्य लिया जा रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि इन आटोमैटिक मिल्क कलैक्शन यूनिटों में इलैक्ट्रोनिक दुग्ध मापक यंत्र, कंप्यूटर तथा दुग्ध जांच मशीन शामिल है जिनसे समितियों की महिलाएं दूध का वजन और दूध की जांच स्वयं करके मिल्क प्लांट में भेज रही है। इन उपकरणों के माध्यम से महिला समितियों की सदस्या दूध में फैट प्लाइंट निकालकर स्वयं मूल्य निर्धारित करने का भी काम कर रही है। हरियाणा डेयरी संघ द्वारा दूध के दाम बढ़ाए गए है। बढ़े हुए दामों के अनुसार 10 प्रतिशत फैट वाला दूध मिल्क प्लांटों द्वारा 36.50 रुपए की लिटर की दर से खरीदा जा रहा है जिससे दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में इजाफा हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सिरसा जिला में स्थानीय मिल्क प्लांट द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 70 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध मूल्य के रुप में चुकाई जा चुकी है। गत वित्तीय वर्ष के दौरान मिल्क प्लांट सिरसा द्वारा 87 करोड़ रुपए की राशि दूध मूल्य के रुप में दी गई थी। उन्होंने बताया कि दुग्ध मूल्य की राशि इस बार पिछले साल के आंकड़े को निश्चित रुप से पार ही नहीं करेगी बल्कि और ज्यादा बढ़ेगी क्योंकि पिछले साल दूध का मूल्य 350/- प्रति किलोग्राम फैट दिया गया था जो इस साल बढ़ाकर 365/-प्रति किलोग्राम फैट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सिरसा के मिल्क प्लांट में प्रतिदिन एक लाख 80 हजार लिटर दूध की आवक हो रही है। जिला में इस समय 534 दुग्ध उत्पादक समितियां कार्य कर रही है जिनके माध्यम से 26 हजार 700 परिवार जुड़े है।
उक्त जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि इन आटोमैटिक मिल्क कलैक्शन यूनिटों में इलैक्ट्रोनिक दुग्ध मापक यंत्र, कंप्यूटर तथा दुग्ध जांच मशीन शामिल है जिनसे समितियों की महिलाएं दूध का वजन और दूध की जांच स्वयं करके मिल्क प्लांट में भेज रही है। इन उपकरणों के माध्यम से महिला समितियों की सदस्या दूध में फैट प्लाइंट निकालकर स्वयं मूल्य निर्धारित करने का भी काम कर रही है। हरियाणा डेयरी संघ द्वारा दूध के दाम बढ़ाए गए है। बढ़े हुए दामों के अनुसार 10 प्रतिशत फैट वाला दूध मिल्क प्लांटों द्वारा 36.50 रुपए की लिटर की दर से खरीदा जा रहा है जिससे दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में इजाफा हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सिरसा जिला में स्थानीय मिल्क प्लांट द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 70 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध मूल्य के रुप में चुकाई जा चुकी है। गत वित्तीय वर्ष के दौरान मिल्क प्लांट सिरसा द्वारा 87 करोड़ रुपए की राशि दूध मूल्य के रुप में दी गई थी। उन्होंने बताया कि दुग्ध मूल्य की राशि इस बार पिछले साल के आंकड़े को निश्चित रुप से पार ही नहीं करेगी बल्कि और ज्यादा बढ़ेगी क्योंकि पिछले साल दूध का मूल्य 350/- प्रति किलोग्राम फैट दिया गया था जो इस साल बढ़ाकर 365/-प्रति किलोग्राम फैट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सिरसा के मिल्क प्लांट में प्रतिदिन एक लाख 80 हजार लिटर दूध की आवक हो रही है। जिला में इस समय 534 दुग्ध उत्पादक समितियां कार्य कर रही है जिनके माध्यम से 26 हजार 700 परिवार जुड़े है।
प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय सेतिया ने बताया कि स्थानीय मिल्क प्लांट की क्षमता को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। भविष्य में वर्तमान क्षमता को बढ़ाकर दो लाख प्रतिदिन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुग्ध व्यवसाय से जुड़ी दुग्ध उत्पादक समितियों को मिल्क प्लांट के द्वारा कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में दूध को स्वच्छ रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर 23 ब्लक कूलर भी लगाए जा चुके है जिससे दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने दूध उत्पादकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं को पौष्टिक वीटा मिनरल, मिक्सचर्स दे ताकि पशु रोग मुक्त व स्वस्थ रह सके। इसके साथ-साथ पशुपालक अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का भी लाभ उठाए। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा हाईटेक डेयरी स्कीम, मिनी डेयरी स्कीम, पशुधन संपदा स्कीम, मुर्राह संरक्षण एवं विकास स्कीम, विशेष पशुधन बीमा स्कीम और आर.के.बी.वाई नामक स्कीमें चलाई जा रही है। इन स्कीमों के तहत पशुपालकों को विभिन्न प्रकार से लाभांवित किया जाता है ताकि पशुपालक अपना व्यवसाय को बढ़ाकर आर्थिक रुप से संपन्न हो सके।
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