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15 March 2017

134-ए के तहत बच्चों को प्रवेश दिलवाने से हुए वंचित

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रमाण पत्र के बिना अनुसूचित व पिछड़ी जाति के लोग कचहरी के काट रहे है चक्कर
ऐलनाबाद, 15 मार्च। कमजोर वर्ग के बच्चों को 134-ए के तहत विभिन्न प्राईवेट स्कूलों में दाखिले को लेकर निदेशक स्कूल शिक्षा, पंचकूला की ओर से जारी अधिसूचना के चलते अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के बच्चे ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट के अभाव में दर-दर की ठोकरे खा रहे है। शिक्षा विभाग ने 134-ए के तहत जारी किए गए आवेदन पत्र में दाखिले के लिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के बच्चों को ही दूसरी से आठवीं कक्षा में दाखिला देने का प्रावधान रखा गया है। जबकि अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग से सम्बंधित जातियों के बिना बीपीएल धारक अभिभावक अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में 134-ए के तहत दाखिला दिलवाने से वंचित रहते नजर आ रहे है, क्योंकि जब अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के अभिभावक जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का ई.डब्ल्यू.एस प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील में जाते है, तो सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी उन्हें स्पष्ट इंकार कर रहे है। शहर की ईदिशा केंद्र में सर्टिफिकेट बनाने वाले कर्मचारी पवन कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार वह केवल सामान्य जाति के उम्मीदवारों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग अर्थात ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट जारी करने में सक्षम है। जबकि पिछड़ा वर्ग अथवा अनुसूचित जाति उम्मीदवारों के ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उनके पास कोई ऐसा सॉफ्टवेयर ही नहीं है। इधर स्थानीय खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क किया गया तो कार्यालय में कार्यरत्त लिपिक मोहन लाल ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में बी.पी.एल. अथवा ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट दोनों में से एक आवेदन पत्र के साथ सलंग्र किया जाना अनिवार्य दर्शाया गया है। इसलिए 134-ए के तहत आवेदन पत्र में बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र, अभिभावक का रिहायशी प्रमाण पत्र, बी.पी.एल क्रमांक अथवा ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्र तथा बच्चे व अभिभावक का आधार कार्ड आवश्यक दस्तावेजों की सूची में शामिल किया गया है। इधर ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई बार तहसील के चक्कर काट चुके गांव ठोबरियां के पिछड़ी जाति से सम्बंधित दलजीत सिंह, ऐलनाबाद के नरेश कुमार, अजय कुमार, शिशपाल, गांव पोहड़का के श्याम लाल ने बताया कि उनकी जाति पिछड़े वर्ग की श्रेणी में शामिल है, मगर उनका नाम बी.पी.एल. सूची में शामिल नहीं है। मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है, फिर भी ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट के अभाव में वह अपने बच्चों को 134-ए के तहत प्राईवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाने से वंचित हो रहे है। पीडि़त अभिभावकों का कहना है कि जब बिना बी.पी.एल सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार अपने बच्चों को 134-ए के तहत दाखिला दिलवाने के पात्र है, तो अनुसूचित व पिछड़ी जाति के लोगों के साथ ऐसा दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों किया जा रहा है।  

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