ओढ़ां
नवरात्रों के शुभारंभ पर प्रथम नवरात्र मंगलवार को क्षेत्र भर के मंदिरों विशेषकर दुर्गा मंदिरों में पूरा दिन श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। इस अवसर पर पुरानी मंडी स्थित श्री दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के बाद ज्योति प्रज्जवलित की गई। अनेक श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने अपने अपने घरों में भी ज्योति प्रचंड की है तथा व्रत भी रखे हैं। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वे सभी नवरात्र व्रत रखते हैं और मां शेरावाली की पूजा करते हैं। श्री दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित दिगंबर शर्मा ने बताया कि शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि की नौ रातों में तीन देवियों महालक्ष्मी, महासरस्वती और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। उन्होंने बताया कि नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इसे शैलपुत्री कहा गया है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और वाएं हाथ में कमल पुष्प धारण करने वाली प्रथम दुर्गा पूर्व जन्म में दक्ष प्रजापति की कन्या सती थी जिनका विवाह शंकर भगवान से हुआ था। दुर्गा मंदिर के अतिरिक्त ओढ़ां खंड के सभी गांवों में स्थित श्री दुर्गा मंदिरों में भी यह पर्व धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया गया।
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