सिरसा
आज भौतिकवादी अर्थप्रधान युग में खुदगर्जी की तेजरफ्तार जिन्दगी ने अपने आस-पास का दायरा समेटने की सभी हदें पार कर दी हैं,अब तो मैं और मेरे बच्चों तक दुनिया सिमट गई है। घर में अगर बेसहारा बूढ़े मां-बाप अथवा दादा-दादी हैं तो उनकी स्थिति बड़ी दयनीय है। यही कारण है कि आज समाज में जगह-जगह वृद्धाश्रमों की झलक दिखाई दने लगी है। यह शब्द नवगठित मर्यादा सेवा संस्थान के अध्यक्ष वैद्य महावीर प्रसाद ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में जहां बुजुर्ग माता-पिता के लिए मातृदेवो भव-पितृदेवो भव की परंपरा के अन्तर्गत उनके अनुभव से सीखने की चाहत थी अब यह बेकार बात हो गयी है।
वैद्य महावीर प्रसाद ने कहा कि हमारी संस्था मर्यादा बुजुर्गों में सकारात्मक सोच पैदा करके समाज में जागृति पैदा करके पारिवारिक तालमेल बैठाने का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर मर्यादा सेवा संस्थान की नयी कार्यकारिण्री का गठन करने की घोषणा की। जिसमें संरक्षक ओमप्रकाश अग्रवाल,उपप्रधान ओमप्रकाश शास्त्री,सचिव कैप्टन महावीर सिंह सोलंकी,सहसचिव ओमप्रकाश पिपलावा,प्रचार सचिव लक्ष्मीनारायण स्वामी,कोषाध्यक्ष मोहनलाल शर्मा,सलाहकार राधेश्याम कौशिक तथा कार्यकारिणी सदस्यों में श्यामसुन्दर अग्रवाल,राधेश्याम शर्मा,खेमचंद गोठवाल तथा प्रेम चन्द शर्मा शामिल हैं।
जारीकर्ता
वैद्य महावीर प्रसाद
मो. 9416433246
वैद्य महावीर प्रसाद ने कहा कि हमारी संस्था मर्यादा बुजुर्गों में सकारात्मक सोच पैदा करके समाज में जागृति पैदा करके पारिवारिक तालमेल बैठाने का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर मर्यादा सेवा संस्थान की नयी कार्यकारिण्री का गठन करने की घोषणा की। जिसमें संरक्षक ओमप्रकाश अग्रवाल,उपप्रधान ओमप्रकाश शास्त्री,सचिव कैप्टन महावीर सिंह सोलंकी,सहसचिव ओमप्रकाश पिपलावा,प्रचार सचिव लक्ष्मीनारायण स्वामी,कोषाध्यक्ष मोहनलाल शर्मा,सलाहकार राधेश्याम कौशिक तथा कार्यकारिणी सदस्यों में श्यामसुन्दर अग्रवाल,राधेश्याम शर्मा,खेमचंद गोठवाल तथा प्रेम चन्द शर्मा शामिल हैं।
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वैद्य महावीर प्रसाद
मो. 9416433246
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