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25 February 2011

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत रखे गए 35 करोड़ के विकास कार्य करने के लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी

सिरसा, 24 फरवरी। सिरसा जिला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत रखे गए 35 करोड़ के विकास कार्य करने के लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी। इस योजना के तहत इस माह के दौरान जिला प्रशासन को 15 करोड़ रुपए की राशि और प्राप्त हो चुकी है, जो विभिन्न खंडों में विकासकारी कार्यों हेतु वितरित की जा रही है।
    यह जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि जिला में अब तक 11 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि विभिन्न कच्चे व पक्के कार्या पर खर्च की गई है जिससे 1206 विकास कार्य पूरे किए गए है, जबकि 399 विकास कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त योजना के तहत जिला के लगभग सभी गांवों में मांग के आधार पर 23 हजार 53 परिवारों को रोजगार मुहैया करवाया जा चुका है।
    श्री ख्यालिया ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 14 लाख कार्य दिवस पूरे किए जाएंगे। अब तक 8 लाख से भी अधिक कार्य दिवस पूरे किए गए है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार इस योजना के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों की कृषि योग्य भूमि पर खाले पक्के करने व वाटर टैंक का निर्माण तथा पौधारोपण जैसे करवाए जा सकेंगे।
    उन्होंने बताया कि लघु एवं सीमांत किसानों की कृषि योग्य भूमि में इस योजना के तहत 1 लाख 50 हजार तक के विकास कार्य करवाए जा सकते है। इस योजना के तहत उसी किसान की भूमि पर विकास कार्य करवाए जाएंगे, जिन किसानों के मनरेगा में काम करने के लिए जॉब कार्ड बने है। जॉबधारक किसान को स्वयं ही अपनी जमीन में कार्य करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा किसानों की पहचान कर कार्य शुरु करवाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस वर्ष के दौरान मनरेगा के तहत 35 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य होने चाहिए। अधिकारी कार्यों में यह भी तय करें कि मनरेगा के मानदंडों के अनुसार गांव में 60 प्रतिशत धनराशि कच्चे कार्यों पर और 40 प्रतिशत राशि पक्के कार्यों पर खर्च होनी चाहिए।
    श्री ख्यालिया ने अधिकारियों को आदेश दिए कि जिले के प्रत्येक गांव में मनरेगा के तहत कार्य शुरु हुआ दिखाई देना चाहिए। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी यह भी सुनिश्चित करे कि प्रत्येक जॉबकार्ड धारक को उसकी मांग अनुसार काम मिलना चाहिए। अधिकारी उन्हीं कार्यों की परियोजना तैयार करे जो ग्राम सभा द्वारा पास किए जा चुके है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत विकास कार्य करने में धन की कमी को किसी भी सूरत में आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इसके साथ-साथ गांव में किए गए विकास कार्यों का सोशल ऑडिट करने की वीडियोग्राफी करवाने के भी निर्देश दिए। सोशल ऑडिट की निगरानी के लिए उपमंडल स्तर पर उपमंडलाधीशों के नेतृत्व में टीम बनाने के निर्देश भी दिए।

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