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15 February 2011

स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना के तहत फैबरिक (नॉन वावस) कपड़े के बैग तैयार करने की कार्ययोजना तैयार


सिरसा, 15 फरवरी। जिला शहरी विकास अभिकरण के  तहत चलाई जा रही स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों को रोजगार मुहैया करवाने के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्रों में पॉलीथीन के कैरी बैग बंद करवाने में भी सहायक सिद्ध होगी क्योंकि अभिकरण द्वारा उक्त योजना के तहत फैबरिक (नॉन वावस) कपड़े के बैग तैयार करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है जिसे आगामी सप्ताह में ही लागू कर दी जाएगा और योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने घरों में ही फैबरिक के कैरी बैग बनाने शुरु कर देंगी। ये बैग बाजार में कम मूल्य पर सप्लाई किए जाएंगे जिससे दुकानदार लोग पॉलीथीन बैग के विकल्प के रुप में प्रयोग कर सकेंगे।
    उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना के जुड़े अधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लिया कि यह कार्ययोजना शीघ्र शुरु की जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्ययोजना को मुर्त रुप देने के लिए स्थानीय पटेल बस्ती में ट्रेनिंग कम प्रोडक्शन सैंटर शुरु किया जा रहा है जिसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले भी शहर में महाराजा अग्रसैन स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है जिसमें महिलाओं द्वारा कैरी बैग बनाने का कार्य किया जाएगा। इस ग्रुप में पांच महिलाएं शामिल की गई है। गु्रप में पटेल बस्ती की श्रीमती अंजू वर्मा पहले से ही कैरी बैग बनाने के कार्य में माहिर है।    
    उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बीपीएल परिवारों की महिलाओं को बैग मेकिंग का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि इस दिशा में अपना रोजगार स्थापित कर सके। महाराजा अग्रसैन स्वयं सहायता समूह को तो कैरी बैग मेकिंग व अन्य गतिविधियों के लिए साढ़े 8 लाख रुपए का ऋण भी स्वीकृत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पॉलीथीन पर रोक लगाने के बाद कैरी बैग मेकिंग में महिलाओं के लिए व्यवसाय की अपार संभावनाएं है जिससे प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगा ही साथ ही गरीब परिवारों की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
    अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के बारे में विस्तृत रुप से बताते हुए कहा कि इस योजना के तहत इस वर्ष अभी तक जिला के शहरी क्षेत्रों में  435 गरीब परिवारों के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया है। इसके साथ-साथ वर्ष 2010-11 में 115 व्यक्तियों को सब्सिडी युक्त ऋण उपलब्ध करवाकर रोजगार भी स्थापित करवाया गया है। अभिकरण द्वारा इस वर्ष के दौरान 26 लाख रुपए की राशि सब्सिडी दी जा चुकी है। स्थानीय शहर में भी सैकड़ों परिवार ऐसे है जिन्होंने स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना का लाभ उठाया है। योजना के अनुसार पहले बीपीएल से संबंधित परिवारों के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस वर्ष प्रशिक्षण पर अभिकरण द्वारा 20 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस योजना के तहत विभिन्न व्यवसायों के साथ-साथ कैरी बैग मेकिंग की व्यवसाय को विकसित करने के लिए फोकस किया जाएगा।
    स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना के सहायक परियोजना अधिकारी श्री सुरेश कुमार गोयल ने बताया कि लखी तालाब मोहल्ला में श्रीमती अणु नाम की महिला ने उक्त योजना के तहत ऋण प्राप्त कर अपने घर में ही सिलाई और पार्लर का कार्य शुरु किया है जिससे आज वे हजारों रुपए मासिक आमदनी प्राप्त कर रही है। इसी तरह से स्थानीय बाजार में लालचंद वर्मा नामक व्यक्ति  अपने रेडीमेड का कार्य शुरु कर अपने परिवार के लिए रोजी रोटी कमा रहा है। इसी तरह से जिला के शहरी क्षेत्रों में सैकड़ों लोगों ने अपना व्यवसाय इस योजना के तहत स्थापित किया है। अब स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना रोजगार के साथ-साथ जिला को प्रदूषण मुक्त बनाने में भी सार्थक सिद्ध होगी।

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