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17 February 2011

मातृभाषा पंजाबी ही लिखवाएं :भूपिन्द्र पन्नीवालिया

 पंजाबी सत्कार सभा के जिला प्रधान प्रदीप सचदेवा और महासचिव भूपिन्द्र पन्नीवालिया ने समस्त पंजाबियों से अपील की है कि वे 28 फरवरी तक होने वाली जनगणना में अपनी मातृभाषा पंजाबी ही लिखवाएं। आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दोनों पंजाबी नेताओं ने कहा कि गुरूओं-पीरों और फकीरों की देन पंजाबी मातृभाषा पर हरेक पंजाबी को गर्व करना चाहिए तथा जनगणना के लिए घर-घर आ रहे कर्मचारियों द्वारा मातृभाषा के बारे में पूछने पर पंजाबी को ही अपनी मातृभाषा के रूप में लिखवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के पंजाबी बोलने वाले लोग पंजाबी समाज का गौरवपूर्ण अंग हैं इसलिये पंजाबी मां-बोली को किसी एक धर्म-मज़हब में बांधने का प्रयास करना मातृभाषा को हानि पहुंचाना है। उक्त नेताओं ने कहा कि अगर पंजाबी समाज के सभी अंगों ने इस बार की जनगणना में जागरूकता के साथ अपनी मां बोली को सत्कार देते हुए जनगणना फार्म में दर्ज करवाया तो देश और प्रदेश में पंजाबियों की वास्तविक जनसंख्या ज्ञात हो सकेगी और प्रदेशों और देश की सरकारें इसी संख्या के आधार पर पंजाबी समाज के हित में योजनाओं का निर्माण करेंगी। उन्होंने जनगणना में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों को मातृभाषा के बारे में सचेत रहते हुए अपना कार्य करने के लिए आगाह किया तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपनी धारणा के आधार पर किसी व्यक्ति की मातृभाषा अपने आप न लिखें बल्कि उस व्यक्ति से पूछ कर ही मातृभाषा का कॉलम ठीक से भरें। दोनों पंजाबी नेताओं ने पंजाबी समाज के लोगों से आह्वान किया कि किसी भी कर्मचारी द्वारा उनकी मातृभाषा गलत दर्ज किए जाने के मामलों को पंजाबी सत्कार सभा के सदस्यों के नोटिस में लाएं ताकि सभा द्वारा इस पर उचित कारवाही की जा सके।

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