सिरसा
जिलाधीश श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 की प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला की सीमा के भीतर गेहूं की फसल व अन्य प्रकार की फसलों की कटाई के बाद बची हुई तुड़ी व उनके अवशेषों के जलाने पर पाबंदी लगा दी है।
उन्होंने जारी आदेशों में कहा है कि फसलों की तुड़ी व अवेशषों को जलाने से प्रदूषण की समस्या पैदा होती है जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य/संपत्ति की हानि, मानव जीवन में तनाव के साथ-साथ अन्य प्रकार के खतरों की संभावना बनी रहती है। इसको मद्देनजर रखते हुए पूरे जिला में तुड़ी, भूसे व फसल के बचे हुए अवशेषों के जलाने पर रोक लगाई गई है। यदि कोई व्यक्ति भूसा, तुड़ी या अवशेष जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत तथा प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने जारी आदेशों में कहा है कि फसलों की तुड़ी व अवेशषों को जलाने से प्रदूषण की समस्या पैदा होती है जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य/संपत्ति की हानि, मानव जीवन में तनाव के साथ-साथ अन्य प्रकार के खतरों की संभावना बनी रहती है। इसको मद्देनजर रखते हुए पूरे जिला में तुड़ी, भूसे व फसल के बचे हुए अवशेषों के जलाने पर रोक लगाई गई है। यदि कोई व्यक्ति भूसा, तुड़ी या अवशेष जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत तथा प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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