मोबाइल इंडियन: क्या ऐप बचा सकती है लड़की की आबरू?
आपात स्थितियों में जरूरतमंद को मदद
दिसंबर 2012 की 16 तारीख़ भारत के लिए अहम है।
दिल्ली में एक लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार समाज को झिंझोड़ कर रख
दिया तो टेक्नोलॉजी की दुनिया को भी लोगों की सुरक्षा के लिए क़दम उठाने को
मजबूर हो गई।
सवाल यह है कि अगर वह लड़की अपने मोबाइल के ज़रिए आपात सूचना भेज पाती तो क्या उसकी मदद की जा सकती थी? पुलिस ने पिछले साल मोबाइल कंपनियों और सॉफ़्टवेयर डेवेलपरों से ऐसे ऐप्स तैयार करने की गुज़ारिश की जिससे ऐसी आपात स्थितियों में ज़रूरतमंद को मदद मुहैया कराई जा सके।
इसका कारण यह है कि भारत में लोगों की ज़िंदगी में उनका मोबाइल फ़ोन अहम रोल अदा कर रहा है। रिश्ते-नाते, दोस्त, संबंध, यादें और बेहद ज़रूरी नंबर और कई तरह का डेटा उसकी पनाहगाह है।
सवाल यह है कि अगर वह लड़की अपने मोबाइल के ज़रिए आपात सूचना भेज पाती तो क्या उसकी मदद की जा सकती थी? पुलिस ने पिछले साल मोबाइल कंपनियों और सॉफ़्टवेयर डेवेलपरों से ऐसे ऐप्स तैयार करने की गुज़ारिश की जिससे ऐसी आपात स्थितियों में ज़रूरतमंद को मदद मुहैया कराई जा सके।
इसका कारण यह है कि भारत में लोगों की ज़िंदगी में उनका मोबाइल फ़ोन अहम रोल अदा कर रहा है। रिश्ते-नाते, दोस्त, संबंध, यादें और बेहद ज़रूरी नंबर और कई तरह का डेटा उसकी पनाहगाह है।
No comments:
Post a Comment