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29 July 2017

*पोता लगाएगा क्लास, स्टूडेंट होंगे दादा दादी

साक्षर भारत मिशन के तहत अंगूठा टेक को साक्षर बनाएंगे नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थी
*अध्यापक होंगे नोडल अधिकारी, एक विद्यार्थी के जिम्मे होंगे 15 अंगूठा टेक
ओढ़ां
साक्षर भारत मिशन के तहत सभी गांवों में 15 वर्ष या इससे अधिक आयु के निरक्षरों को सरकारी स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक पढऩे वाले विद्यार्थी साक्षर करेंगे। एक विद्यार्थी के जिम्मे 15 निरक्षरों को पढ़ाने का जिम्मा होगा। प्रेरकों को हटाये जाने के बाद संबंधित सरकारी स्कूल का अध्यापक नोडल अधिकारी के तौर पर कार्य करेगा।
गांव को पूर्ण साक्षर करने के लिए संबंधित नोडल अधिकारी ग्राम पंचायत व सामाजिक संस्था की सहायता ले सकता है। साक्षर भारत मिशन के तहत 2012 में हुए सर्वे के अनुसार ब्लॉक ओढ़ां में 28695 लोग निरक्षर पाए गए थे। जिनमें से पांच वर्ष में 11800 लोगों को प्रेरकों के माध्यम से साक्षर किया गया। बीती 6 जून 2017 को सरकार ने प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। अब सरकार ने शिक्षा का उजियारा फैलाने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को सौंप दी है।
इसके लिए शुक्रवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय ओढ़ां में खंड के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों के मुख्याध्यापकों व नोडल अधिकारियों की बैठक हुई।  इस बैठक में साक्षर भारत मिशन स्कीम के जिला समन्वयक हरमेल सिंह व भूपेंद्र देव और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओढ़ां के प्राध्यापक जितेंद्र गर्ग ने भी संबोधित किया। खंड समन्वयक दीपक सिंगला द्वारा निरक्षरों के आंकड़े सभी स्कूलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा नोडल अधिकारी ग्राम स्तर पर विद्यार्थियों के जरिए निरक्षरों की पहचान कर उन्हें पढ़ाएंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी अगस्त 2017 में होने वाली निरक्षरों की परीक्षा की रूपरेखा तैयार करना था।

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