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29 July 2017

जल संरक्षण हमारे दूरदर्शी पूर्वजों की युगान्तरकारी सोच का परिचायक : दीपक भृगुवंशी

सवा लाख महामृत्युंजय जाप व महायज्ञ में डाली 4100 आहुतियां
ओढ़ां
इच्छापूर्ण भगवान श्री शनिदेव मंदिर ओढ़ां में विश्व कल्याण एवं रोग शांति हेतु श्रावण मास के पावन अवसर पर आयोजित श्री रूद्राभिषेक सवा लाख महामृत्युंजय जाप व महायज्ञ में तेरहवें दिन शनिवार को पंडित दीपक भृगुवंशी की अगुवाई में विद्वान ब्राह्मणों ने 21 जजमानों के हाथों मंत्रोच्चार व विधिवत पूजा अर्चना के मध्य जल संरक्षण की कामना को लेकर 4100 आहुतियां डलवाई।
इस अवसर पर मोनू बांसल, पायल बांसल, संदीप गोयल, राजन, सीता देवी, रजनीश कुमार, राजू सिंहमार, सिमरन कौर, रेखा, किरण देवी, राधा सोनी, कुलवंत कौर खुरल, मनप्रीत खुरल, रानी देवी खुरल, बिरमा देवी वर्मा, अमित सैन, सुखदेवी, शिमला देवी, हरदेई देवी, रोहित जसूजा, संदीप यादव, रोशन लाल पुन्यानी आदि श्रद्धालुओं ने 11 शिवलिंगों का संयुक्त रूप से रूद्राभिषेक किया। इस अवसर पर पंडित दीपक भृगुवंशी ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने जल को धर्म के साथ जोड़कर उसे मानव जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं में कुछ इस तरीके से सम्मिलित कर दिया कि मानव जल का महत्व कभी भी भूल न सके। यह निश्चय ही हमारे दूरदर्शी पूर्वजों की युगान्तरकारी सोच का परिचायक है।
इस मौके पर जजमानों द्वारा सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को मिष्ठान और फल वितरण करने के साथ साथ ब्रेड पकोड़े का लंगर लगाया गया। इससे पूर्व शुभारंभ पर श्री गणेश गौरी पूजन तथा अंत में सामुहिक आरती एवं यज्ञ भस्म प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर काफी संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालु मौजूद थे।

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