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18 February 2011

पंचायतों की कैश बुक अप्रैल 2011 से ऑनलाइन हो जाएगी

  ओढ़ां न्यूज.
    हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में खंड ओढ़ां के सभी सरपंचों व ग्राम सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान सरपंचों व ग्राम सचिवों को ग्राम पंचायतों के संदर्भ में उनके अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेवारियों की जानकारी दी गई।
    प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला समन्वयक मैनपाल सिहाग ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला सिरसा के सभी खंडों में एक फरवरी से जारी यह कार्यक्रम 24 फरवरी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार मनरेगा की तरह सभी राज्यों की ग्राम पंचायतों के वित्तीय रिकार्डों को ऑनलाइन करने जा रही है। इसी संदर्भ में हरियाणा की सभी ग्राम पंचायतों की कैश बुक भी अप्रैल 2011 से ऑनलाइन हो जाएगी जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता लाना, भ्रष्टाचार को कम करना तथा स्थानीय स्तर पर हो रहे पैसों के दुरुपयोग को रोकना है। सरकार की इस नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए बीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से 5-7 गांवों के बीच एक गांव को कलस्टर के रुप में चयनित किया गया है। प्रत्येक कलस्टर में एक डाटा एंट्री आप्रेटर के माध्यम से कैश बुक भरने का कार्य किया जाएगा। संपूर्ण भारत की सभी ग्राम पंचायतों के लिए एक ही रिसिप्ट हैड 0515 निर्धारित किया गया है ताकि वित्तीय प्रबंधन के बारे में कोई भी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मनरेगा की तरह कहीं से भी प्राप्त की जा सकती है।
    प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक विष्णु शर्मा ने सरपंचों व ग्राम सचिवों को ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली, बैठकों, ग्राम पंचायतों की उपसमितियों, बजट व आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार बताया तथा गतिविधि मानचित्रन पर विस्तार से चर्चा की गई। मैनपाल सिहाग ने समाचारपत्रों तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से हरियाणा सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जो कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से लागू की जाती हैं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने तथा उन्हें जागरुक करने के प्रयासों के लिए पत्रकार संगठनों की सराहना की तथा उनको धन्यवाद दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में बीडीपीओ बलराज सिंह, एसईपीओ भूप सिंह एवं स्टाफ के सभी कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

छायाचित्र:  सरपंचों व ग्राम सचिवों को प्रशिक्षण देते मैनपाल सिहाग।

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