सिरसा
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स के सदस्य व डेरा अनुयाई प्रीतम इन्सां का समस्त जीवन मानवता की सेवा को समर्पित रहा। परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के वचचानुसार 14-11-84 को प्रीतम इन्सां का जन्म हुआ। प्रीतम इन्सां का शुरू से ही डेरा से जुड़ाव था। मधुरभाषी व मिलनसार रवैये के कारण हर कोई प्रीतम को पंसद करता था। वह हमेशा से ही सेवाकार्यों मे बढ़चढ़ कर भाग लिया करता था। डेरा सच्चा सौदा द्वारा जरूरतमंद लोगों को सहातार्थ बनाए गए ब्लड मैडिकल समिती फूड बैंक के इंचार्ज का कार्य भी प्रीतम ही संभालता था। दिन हो या रात, आंधी हो या तुफान प्रीतम सेवा कार्यों में सबसे पहले पहुंचकर अपनी हाजिरी दर्ज करवाया करता था। मानवता की सेवा करना तो मानों उसे रग-रग में समाई थी। पूज्य हजूर पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा 29 अप्रैल को शुरू किए गए जाम-ए-इन्सां में उसी दिन ही जाम पी कर शाह सतनाम जी ग्रीन एस फोर्स की वर्दी भी ली। पूज्य हजूर पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनों पर चलते हुए प्रीतम इन्सां ने अनेक बार रक्तदान कर दुसरों की जान भी बचाई। उसका मानना था कि रक्तदान करने से जहां इन्सान को अंदर से संतुष्टि मिलती है वहीं मानवता का भी भला होता है। इसलिए वह हमेशा दुसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करता रहता था। बीती 28 मार्च 2010 को प्रीतम वैवाहिक बंधन में बंधे। माता-पिता का लाड़ला व बड़े भाई का आज्ञाकारी अनुज प्रीतम पिछले दिनों एक सड़क दुर्घटना में परमपिता परमात्मा की गोद में जा विराजा। उनके देहांत की खबर सुनते ही सभी की आखें नम हो गई पर कोई भी यह मानने को तैयार नहीं था कि प्रीतम अब उनके बीच नहीं है। सरसा ब्लाक के सैंकड़ों सेवादार प्रीतम इन्सां के के साथ बिताए हुए क्षणों को पल पल याद करते है। विभिन्न मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी रहने वाले सिरसा ब्लाक के सेवा कार्यों में अग्रणी होने में प्रीतम इन्सां की भी अहम भूमिका रही है। प्रीतम इन्सां मरणोपरांत प्रीतम की इच्छानुसार उसके परिजनों ने उसके नेत्रदान किए। आज भले ही प्रीतम इन्सां हमारे बीच नही है परंतु उसके द्वारा किए गए सेवा कार्यों व मधुरभाषी स्वभाव से वो सदा सदा के लिए लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बना गया।
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