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20 January 2014

शनि महाराज को इन बातों से आता है गुस्सा, देते हैं दंड

lal kitab shani dosha
शनि महाराज के विषय में कहा जाता है कि इनकी दृष्टि वक्र है। यानी हर किसी पर शानि की दृष्टि रहती है, यह हर किसी के आगे-पीछे हर काम पर नजर रखते हैं। इसका कारण यह भी है क्योंकि भगवान शिव ने शनि महाराज को न्यायाधीश का पद दिया है जो व्यक्ति के गलत कार्यों का दंड देते हैं और खुश होने पर ईनाम भी देते हैं।

ज्योतिषशास्त्र के एक ग्रंथ लाल किताब में बताया गया है कि शनि कुण्डली में अनुकूल होने पर भी यह नहीं सोचना चाहिए कि शनि आपको शुभ फल ही देंगे आैर अशुभ स्थिति में होने पर जरुरी नहीं कि आपको कष्ट ही देंगे। व्यक्ति जैसा काम करता है उसके अनुसार शनि के फल बदलते भी रहते हैं।

लाल किताब कहता है कि अगर कुण्डली में शनि शुभ फलदायी भी है तो पांच काम ऎसे हैं जिनसे शानि नाराज हो जाते हैं और दंड देते हैं। पहला काम यह है कि अगर आप किसी मजदूर से काम करवाते हैं तो उसे उसकी पूरी मजदूरी दें। लालच में आकर मजदूर का शोषण न करें। अगर आप व्यापार करते हैं तो अपने यहां काम करने वाले को उचित पारिश्रमिक दें।

अगर कोई आपको लोहा अथवा चमड़े का सामना उपहार में दे या दान दे तो उसे लेने से इंकार कर दें। अगर लेना ही हो तो वस्तु का कुछ मूल्य जरुर चुका दें। जब शनि की दशा चल रही हो उस समय भूल कर भी मांस और मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। अगर शराब पीते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी दूसरे के पैसे से शराब बिलकुल न पीएं।

जिनकी कुण्डली में शनि अनुकूल नहीं है उनके लिए तो इन नियमों का पालन अधिक आवश्यक हो जाता है। क्योंकि नाराज होकर शनि विभिन्न प्रकार के दंड देते हैं।

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