आज से नहीं चलेगी रोडवेज!
रोडवेज यूनियन पिछले लंबे समय से 14 सूत्री मांगपत्र पर सरकार को घेर रही है। इससे पहले भी तीन बार कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं। हड़ताल की अधिकतम सीमा दो दिन रही है।
इस बार चार दिन की हड़ताल� के कारण यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। यूनियन ने हड़ताल को सफल बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। उधर, पुलिस-प्रशासन भी हड़ताल के मद्देनजर अलर्ट है। �
क्या है यूनियन की तैयारी?
गुड़गांव प्रधान ओमप्रकाश यादव ने बताया कि सभी चालक-परिचालक रात के समय डिपो में जुट जाएंगे। सुबह से सभी रूटों की सेवाएं रोक दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि कुल 14 मांगों पर यूनियन क सरकार से टकराव है। इनमें निजी ऑपरेटर के परमिट रद्द करने और कच्चे चालक-परिचालकों को पक्का करना प्रमुख है। लंबे समय से यूनियन इनके खिलाफ संघर्ष कर रही है। लेकिन सरकार हर बार झूठा आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।
कैसे हैं सुरक्षा के बंदोबस्त?
पुलिस और प्रशासन ने भी सभी तैयारियां पूरी ली है। उपायुक्त ने बस अड्डा, डिपो, हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन के आसपास 500 मीटर परिधि में धारा 144 लगाई है। डिपो से लेकर सभी खंड के बस अड्डों पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं।� सभी प्रमुख सड़कों व चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात रहेगी।
बस अड्डा, डिपो, राष्ट्रीय राजमार्ग आठ और एक्सप्रेस वे के टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल ने कहा कि शहरवासियों को परेशानी से बचाने के सभी प्रबंध किए गए हैं। बिजली घरों में भी पुलिस टीम तैनात रहेगी।
क्यों हो गई दो चरणों की वार्ता विफल?
हड़ताल से पूर्व सरकार ने यूनियन के साथ दो चरण की वार्ता रखी। लेकिन दोनों ही बार वार्ता विफल हो गई। शनिवार को यूनियन नेताओं के साथ रोडवेज के प्रमुखों की बातचीत हुई। उक्त वार्ता विफल होने के बाद पूर्व मंत्री रणदीप सुरजेवाला ने मोर्चा संभाला। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह और परिवहन मंत्री आफताब अहमद भी वार्ता में शामिल रहने को कहा गया। लेकिन यूनियन नेता निजी ऑपरेटर के परमिट रद्द करने पर अड़ रहे।
क्यों बैठक में नहीं पहुंचे परिवहन मंत्री?
कर्मचारी हड़ताल आमादा हैं। वहीं, परिवहन मंत्री अपने गृहक्षेत्र में अभिनंदन समारोह में व्यस्त रहे। रविवार को अहम वार्ता के लिए गठित कमेटी में परिवहन मंत्री आफताब अहमद प्रमुख कड़ी के तौर पर शामिल किए गए थे। लेकिन वह बैठक में नहीं पहुंचे।
कैथल के पीडब्लूडी के रेस्ट हाउस में हुई बैठक में रणदीप सुरजेवाला और राव नरेंद्र सिंह ने यूनियन नेताओं के गुस्से का सामना किया। माना जा रहा था कि रणदीप अपने पुराने नुस्खों से कर्मचारियों को खुश करने में सफल होंगे। पर ऐसा नहीं हो पाया। सुरजेवाला परिवहन मंत्री रह चुके हैं और उन्हें कर्मचारी हितैषी होने के तौर पर देखा जाता है।
उनके कार्यकाल में ऐसी नौबत कभी नहीं आई थी। इसीलिए सरकार ने उन्हें आगे कर हड़ताल असफल कराने का प्रयास किया। आफताब अहमद के मंत्री बनने तीन महीने के भीतर यह दूसरी हड़ताल है। पिछली बार भी उन्होंने कर्मचारियों से दूरी बनाए रखी। जिससे कर्मचारी उनसे खासा नाराज हैं।
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