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05 February 2017

शहरवासियो को गुमराह कर रही है शीला सहगल - गोबिंद कांडा


सिरसा, 5 फरवरी। हरियाणा लोकहित पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोबिंद कांडा ने आज जारी बयान में कहा कि नगर परिषद की चेयरपर्सन शीला सहगल लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि नगर परिषद में कंठ तक भ्रष्टाचार भरा है। अधिकारियों व ठेकेदारों की सांठगांठ की वजह से सिरसा का विकास रुक हुआ है। अधिकारियों  के कमीशन के रेट बंधे हुए है, जिसके कारण घटिया कार्यों को वैधता मिली। वर्तमान में भी नियम विरुद्ध अलॉट किए गए वर्क आर्डर के मामले में सौदेबाजी होती रही। जब सौदा तय नहीं हुआ तो विजिलेंस जांच की अनुशंसा की चाल चली गई। श्री कांडा ने कहा कि ठेकेदार जो आरोप लगा रहे है, उनकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। चेयरपर्सन का सहायक बनकर कोई 5 लाख कमीशन मांगता है, यह कोई छोटी बात नहीं है। यह भी जांच होनी चाहिए कि चेयरपर्सन शीला सहगल के पति प्रेम सहगल और उनके देवर द्वारा नगर परिषद में जो कार्य करवाए गए है, उनकी भी जांच हो। ठेकेदारों के आरोपों के अनुसार सहगल बंधुओं ने निर्माण कार्य में जमकर धांधली की। ऐसे में शहर के विकास की उम्मीद करनी बेमानी है।
            श्री कांडा ने कहा कि भाई गोपाल कांडा ने अपने कार्यकाल के दौरान नगर परिषद की धांधलियों की जांच के लिए वर्ष 2012 में विजिलेंस जांच की अनुशंसा की थी। जिस पर 128 गलियों को जांच में शामिल किया गया। अभी मात्र 15 गलियों की ही जांच हुई, जिसमें सात लाख रुपये से अधिक का घोटाला उजागर हुआ। नगर परिषद के दर्जनभर अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके है, जो साबित करते है कि यहां पर भ्रष्टाचार किस कदर व्याप्त है। यहाँ तक शहर के कई पत्रकार भाईयों ने हरियाणा का रिकॉर्ड तो? धरना देकर भ्रष्टाचार का भांडा फो?ा था। जाँच की मांग की थीं , जो की गोपाल कांडा द्वारा 80 करो? रूपये भेजे गए थे । परंतु नगर परिषद मे भ्रष्टाचार के कारण सारा पैसा विकास कार्यो की बजाए घोटालेबाजो द्वारा हडप लिया गया । नगर परिषद मे हुए करोडो रूपय के भ्रष्टाचार के खिलाफ गोपाल काण्डा ने 2013 मे विधान सभा के सत्र में मामला उठाया और विजीलेंस जाँच करवाने कि मांग की। लेकिन न तो सरकार ने आज तक विधान सभा की मांग पर विजिलेंस की जाँच करवाई और न ही इस मामले पर अब तक कोई करवाई की गई। आज नगर परिषद की प्रधान शिला सहगल कहती है कि हम विजिलेंस जाँच करवाएंगे। लेकिन ये मात्र कागजी दावें है। अगर इस मामले की जाँच होती है तो प्रधान शीला सहगल के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी। इन सब बातों से लग रहा है कि भ्रष्टाचार पर पर्दा  डालने का प्रयास किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के कारण एक टेंडर देने के बाद भी रद्द किया गया है। सिरसा के विकास के लिए नगर परिषद में 2 ?रवरी 2017 को मीटिंग आहूत की गई थी लेकिन ठेकेदारों से कमीशन तय न होने के कारण मीटिंग रद्द कर दी गई। बावजूद इसके आज भ्रष्टाचार में डूबे लोग न जाने किस मुँह से विजिलेंस जाँच की बात करते हैं और खुद अधिकारियों में रोब ब?ाने के लिए नाजायज ढंग से गा?ी पर लाल बत्ती भी लगा कर घूमते हैं। इन सब मुद्दों को लेकर हरियाणा लोकहित पार्टी मुख्य मंत्री से बात करेगी और यदि मुख्य मंत्री ईमानदार हैं तो वह सिरसा नगर परिषद् की चैयरमेन के मामलों को गंभीरता से लेते हुए जाँच करवाएंगे। जिससे नगर परिषद् में हुआ भ्रष्टाचार की हकीकत सामने आये और दोषियों को सजा मिले। जाँच में दोषी पाए जाने पर नगर परिषद् प्रधान को बर्खास्त करे व परिषद् का चार्ज जिला प्रशाशन को देकर सिरसा का विकास करवायें।
 इस अवसर पर पार्षद मनोज मकानी, पार्षद विकास जैन एडवोकेट, पार्षद प्रतिनिधि नितिन सेठी, पार्षद प्रतिनिधि भूषण बरोड़, पार्षद प्रतिनिधि अमित सोनी, महेंद्र सेठी, सुनील सर्रां, पार्षद रोहताश कुमार, पार्षद राजेश गुर्जर, धवल कांडा, पार्षद प्रतिनिधि सुनील कुमार सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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