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07 March 2017

अध्यापक बच्चों से इस प्रकार का व्यवहार रखें कि वे अपने साथ दुरव्यवहार की जानकारी बेझिझक दे सकें

सिरसा, 7 मार्च। जिला बाल संरक्षण ईकाई सिरसा द्वारा आज स्थानीय पंचायत भवन में खंड सिरसा व नाथूसरी चौपटा के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं को किशोर न्याय कानून 2015 व पोक्सो एक्ट 2012 का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। 
जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. गुरप्रीत कौर ने बच्चों की सुरक्षा व देखभाल को मद्देनजर रखते हुए सभी अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को किशोर न्याय कानून के बारे में जानकारी दें तथा उन्हें सुरक्षित स्कूल वातावरण प्रदान करें क्योंकि बच्चे अपने घर से अधिक समय स्कूल व ट्यूशन में बिताते हैं। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों व अन्य प्रचार माध्यमों से पता चलता है कि बच्चे घर, परिवार व स्कूल आदि में असुरक्षित हो रहे हैं। इसलिए अध्यापक को बच्चों से इस प्रकार का व्यवहार रखना चाहिए कि बच्चे बिना किसी झिझक से अपने साथ हो रहे दुरव्यवहार की जानकारी दे सकें। उन्होंने अध्यापक व अध्यापिकाओं से कहा कि वे स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान भी बच्चों को इस बारे जानकारी दें ताकि बच्चे अधिक से अधिक जागरुक व सुरक्षित हो सके।
संरक्षण अधिकारी श्रीमती अंजना डूडी ने पोक्सो एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह कानून केवल लड़कियों के साथ होने वाले यौन दुरव्यवहार के बारे में ही नहीं बल्कि लड़कों पर भी लागु होता है। इस कानून के तहत यौन शोषण से संबंधित कार्यवाही व सजा के प्रावधान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर द्वारा ऑनलाईन ई-बॉक्स लांच किया गया है जिसमें यौन अपराध की शिकायत ऑनलाईन दर्ज की जा सकती है। इसके लिए ncpcr.gov.in पर लॉग-ईन किया जा सकता है। इसके अलावा हैल्पलाईन नम्बर 98682-35077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। 
कानूनी परिवीक्षा अधिकारी डा. मौनिका चौधरी ने किशोर न्याय कानून 2015 में बच्चों से संबंधित अपराधों की कानूनी जानकारी जैसे शारीरिक दंड, क्रुरता, भिक्षावृति, बालश्रम आदि से संबंधित कानून व सजा के प्रावधानों के बारे में दी। सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामगोपाल शर्मा द्वारा बच्चों के अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी गई। 
इस अवसर पर संतोष रानी, ज्योति बाला, श्री विजय कुमार, कविता, श्री चरनजीत, राजेंद्र कुमार व आनंद  सहित विभिन्न स्कूलों के अध्यापक व अध्यापिकाएं भारी संख्या में उपस्थित थे।

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