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22 July 2017

भागसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सम्पन्न

ओढ़ां
भागसर स्थित श्री बालाजी चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रागंण चल रही श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर सातवें दिन की कथा का शुभारंभ जगदीश नेहरा पूर्व मंत्री एवं अध्यक्ष श्री बालाजी चैरिटेबल ट्रस्ट ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ किया।
कथावाचन के दौरान आचार्य बजरंग दास महाराज ने कथा के दौरान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सुदामा के आने की खबर पाकर किस प्रकार श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए थे। पानी परात को हाथ छुवो नाही, नैनन के जल से पग धोये। योगेशवर श्रीकृष्ण अपने बाल सखा सुदामा जी की आवभगत में इतने विभोर हो गए कि द्वारका के नाथ हाथ जोड़कर और अंग लिपटाकर जल भरे नेत्रों से हालचाल पुछने लगे। उन्होने बताया कि इस प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मित्रता में धन दौलत आड़े नहीं आती। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भक्त वात्सल है सभी के दिलों में विहार करते है जरूरत है तो शुद्ध हृदय से उन्हें पहचानने की कथा के दौरान बीच-बीच में भजनों की प्रस्तुति की गई।
बजरंग दास महाराज ने बताया कि पापों का नाश करने के लिए भगवान धरती पर अवतार लेते है धरती पर आने के लिए भगवान भी गुरू की भक्ति करते है उन्होने बताया कि कलयुग में माता-पिता और गुरू भक्ति करने से पापों का नाश होता है आप जब भागवत कथा या सत्संग में जाए तो सिर्फ कान ही नहीं आंखें भी खोलकर रखें। मनुष्य को आत्मचिंतन और आत्म साक्षात्कार की आवश्यकता है। कथा केवल सुनने के लिए नहीं बल्कि इसे अपने जीवन में उतारें और इसका अनुसरण करें। सप्ताह भर की कथा का सारांश में प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बाकी दिन की कथा नहीं सुन पाए हैं, इस कथा का श्रवण करने से पूरी कथा सुनने का पुण्य लाभ प्राप्त हो सकता है और कहा कि मनुष्य अपनी संपति का कुछ हिस्सा अच्छे कार्यो के लिए अवश्य लगाये। भागवत कथा के समापन पर गद्दी सेवको ने बुराइयों का त्याग करने का सकल्ंप लिया। इस अवसर पर उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि प्रतिदिन माता-पिता का आदर करें, सूर्य को अघ्र्य अपर्ण करें, गाय को रोटी दें और अपने आत्मविश्वास को हमेशा कायम रखें। भजन मंडली ने कथा के दौरान सुमधुर भजनों और चौपाइयों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भक्ति रस में सरोबार कर दिया। 
इस अवसर पर मुख्य रूप से गुरूदेव सिहं राही चैयरमैन माटी कला बोर्ड, चेयरमैन सुरेंद्र नेहरा, कृष्ण कुमार कुण्डु महाप्रबधंक केन्द्रीय सहकारी बैंक, सुभाषचन्द सहारण चैटाला, जगदीश सहू, पालाराम गोदारा, प्रभु बैनिवाल, दुलीचन्द सरपंच हंजीरा, कुलवन्त सरपंच ढ़ाणी काहनसिहं, प्रगटसिहं भम्भूर, भजनलाल नेहरा और सुल्तान सिहं सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।

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