ओढां न्यूज.
ओढ़ां क्षेत्र में वहीं दूसरी ओर सरसों की फसल में चेपा नामक कीट बढऩे से किसानों में परेशानी देखी जा रही है। ओढ़ां के किसान बलदेव सिंह, रुपेंद्र कुंडर, मलिकपुरा के नरेश शर्मा, बनवाला के भूप सिंह, जीताराम, नुहियांवाली के कृष्ण सहारण आदि ने बताया कि सरसों की फसल में टहनियों के ऊपर फूलों पर हरे रंग के गुच्छे फैल रहे हैं जिस कारण सरसों की पैदावार पर बुरा प्रभाव पडऩे की आशंका है। इसकी रोकथाम हेतु हेतु किसान ओढ़ां स्थित खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में कार्यरत कृषि विकास अधिकारी सुभाष गोदारा से मिले।
एडीओ सुभाष गोदारा ने बताया कि यह हरे रंग का कीट होता है जो कि फूलों पर गुच्छों के रुप में पाया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए 350 से 400 मिली लीटर रोगोर या मेटासिस्टोक्स नामक दवा डेढ़ सौ से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि खुलकर बरसात हो जाए तो हरे रंग के कीटों के गुच्छे स्वयं ही नीचे गिर जाएंगे और फसल की पैदावार में कोई कमी नहीं आएगी। आज बरसात मात्र 3 एमएम ही हुई है यदि बरसात ज्यादा हुई होती तो फसलों को चेपा से छुटकारा मिल जाता।
एडीओ सुभाष गोदारा ने बताया कि यह हरे रंग का कीट होता है जो कि फूलों पर गुच्छों के रुप में पाया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए 350 से 400 मिली लीटर रोगोर या मेटासिस्टोक्स नामक दवा डेढ़ सौ से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि खुलकर बरसात हो जाए तो हरे रंग के कीटों के गुच्छे स्वयं ही नीचे गिर जाएंगे और फसल की पैदावार में कोई कमी नहीं आएगी। आज बरसात मात्र 3 एमएम ही हुई है यदि बरसात ज्यादा हुई होती तो फसलों को चेपा से छुटकारा मिल जाता।
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