अमेरिका की मोदी से मुलाकात पर सरकार को ऐतराज
सलमान खुर्शीद ने किया विरोध
अमेरिका की भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से सुलह सफाई की कोशिशें विरोधियों को रास नहीं आ रही हैं।
भारत
स्थित अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल की मोदी से मुलाकात तय हो जाने से नाराज
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अमेरिका को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का
ख्याल रखने की नसीहत दी है।
जबकि सपा ने इसे अमेरिका की भारत के
आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करार दिया है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह इस मुलाकात और मोदी को ज्यादा अहमियत नहीं
देते।
विरोधियों को डर, भाजपा को होगा लाभ
दरअसल मोदी विरोधियों को लगता है कि लोकसभा चुनाव
से ठीक पहले अमेरिका और मोदी के बीच शुरू हुई सुलह सफाई की कोशिश भाजपा को
राजनीतिक लाभ दे सकती है।
सुलह सफाई पर सबसे कड़ा ऐतराज सलमान
खुर्शीद ने जताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका यहूदियों के नरसंहार को
नहीं भुला सकता, उसी तरह भारत गुजरात दंगों को।
विदेश मंत्री ने
कहा कि अमेरिका को मोदी के अतीत को भी ध्यान में रखना चाहिए। जब उनसे पूछा
गया कि क्या अमेरिका की तरह भारत को भी अब मोदी के मामले में नरमी जतानी
चाहिए तो उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका यहूदियों के नरसंहार को नहीं भूल
सकता, उसी तरह भारत भी गुजरात के नरसंहार को नहीं भुला सकता।
खुर्शीद ने सवाल किया कि क्या गुजरात सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी को दंगों के दौरान फूल देने के लिए अदालत ने सजा सुनाई है।
सपा ने भी किया मोदी से मुलाकात का विरोध
विदेश मंत्री ने अमेरिका पर मोदी से न मिलने का
दबाव डाले जाने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का राजदूत देश
की किसी भी शख्सियत से मिलने के लिए स्वतंत्र है।
उधर, सपा के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि इस मुलाकात से यह साफ हो गया है कि अमेरिका हमारे अंदरूनी मामले में दखल दे रहा है।
उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार को राजनयिकों की मुख्यमंत्रियों से मुलाकात को ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
माना
जा रहा है कि अमेरिका की राजदूत नैंसी पावेल आगामी 13 फरवरी को गांधीनगर
में मोदी से मुलाकात करेंगी। विदेश मंत्रालय ने मुलाकात कराने के लिए
अमेरिकी दूतावास द्वारा आग्रह भेजे जाने और इसी हफ्ते नैंसी की मोदी से
संभावित मुलाकात की पुष्टि की है।
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