Loading

05 February 2014

 25 से 27 फरवरी तक तीन दिवसीय जिला साईंस फेयर का आयोजन किया जाएगा

 सिरसा, 5 फरवरी : जिला के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को साईंस विषय के प्रति रूझान बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय जिला साईंस सैंटर में आगामी 25 से 27 फरवरी तक तीन दिवसीय जिला साईंस फेयर का आयोजन किया जाएगा। इस फेयर के दौरान हजारों बच्चों को सैंटर में स्थापित 200 से भी अधिक साईंस उपकरण दिखाए जाएंगे और उनके बारे में बताया जाएगा।
    यह बात उपायुक्त डा जे गणेसन ने आज जिला प्रशासन द्वारा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत 15 लाख रुपए की लागत से तैयार की गई साईंस बस को हरी झण्डी दिखाने से पूर्व कही। इस बस में प्रतिदिन सरकारी स्कूलों के सैकड़ो बच्चों को साईंस सैंटर में लाया जाएगा। टाटा कम्पनी की स्टार प्लस नामक 40 सीटर इस बस में पैनासोनिक कम्पनी का एलईडी लगाया गया है। बस में एलईडी के साथ-साथ चार स्पीकर भी लगाए गए हैं। एलइडी के माध्यम से बच्चों को साईंस उपकरण जो साईंस सैंटर में रखे गए हैं उनके बारे में बताया जाता है। इन उपकरणों के साथ-साथ अन्य प्रकार के साईंस उपकरणों के बारे में भी एलइडी के माध्यम से बच्चों को बहुत ही रोचक ढंग से उपकरणों का ज्ञान कराया जाता है। बस में बच्चे सफर के साथ-साथ साईंस से सम्बन्धित ज्ञानवर्धक जानकारी पा रहे हैं। सीडी व पैन ड्राइव से एलइडी देखकर बच्चे सार्इंस सैंटर में जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस उत्सुकता को कई बच्चों ने जाहिर भी किया जिनमें ज्योति, पूनम, रीना, कांता, मोनिका, हर्षा, प्रियंका, संतोष, रजनी, सरोज व बच्चों में मंगल, प्रदीप, बिट्टु, अमनदीप, विकास, सुनील, सोमनाथ, बलदेव, विक्रम, बलजीत ने भी बताया कि उन्हें साईंस  सैंटर में साईंस उपकरणों का ज्ञान तो हुआ ही इससे पहले बस में यात्रा करते समय पहले ही उपकरणों की जानकारी मिली जो बहुत ही रोचक लगी।     उपायुक्त ने बताया कि बीआरजीएफ योजना के तहत तैयार करवाई गई इस बस से प्रतिदिन सैकड़ों छात्रों को जिला साईंस सैंटर में लाया जाएगा जहां छात्रों को उपकरण दिखाने व समझाने के साथ-साथ उनका प्रयोग भी करवाया जाएगा। आज साईंस सैंटर में राजकीय उच्च विद्यालय दड़बी के 85 छात्र-छात्राओं ने साईंस सैंटर के उपकरण देखे और उन का एक्सपेरीमैंट भी किया। इस सैंटर में 80 से 100 बच्चों को प्रतिदिन लाया जा रहा है। बच्चों के साथ उनके विज्ञान अध्यापक भी आ रहे हैं। साईंस सैंटर संचालन की जिम्मेवारी जिला प्रशासन द्वारा बैंगलोर की अगस्तया फाउंडेशन नामक संस्था को दिया गया है जिसके द्वारा चार प्रशिक्षक भी साईंस उपकरणों को समझाने के लिए नियुक्त किए गए हैं। इन प्रशिक्षकों को अगस्तया फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है। रसायन शास्त्र से सम्बन्धित उपकरणों के बारे में अमनदीप चौधरी, भौतिक  शास्त्र विषय मनीन्द्र, गणित विषय से सम्बन्धित उपकरणों के बारे में अंकिता तथा शिखा द्वारा छात्रों को समझाया जा रहा है।        डा गणेसन ने बताया कि इस साईंस सैंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, मैथमेटिक्स व एस्टोनॉमी से जुड़े 180 प्रकार के उपकरण रखे गए हैं जिनके माध्यम से बच्चों को सरल से सरल तरीके से साईंस के नियमों की जानकारी दी जा रही है। बच्चों को यह उपकरण दिखाने के लिए साईंस सैंटर तक लाने की जिम्मेवारी अगस्तय फाउंडेशन को दी गई है। डे एण्ड नाईट, सनफेस ऑफ मून, न्यूटन फ स्र्ट ला तथा सैकिंड ला, प्रैशन सम हाइट्स, डिफ्रेंट हाइट, इलैक्ट्रिसिटी के दस माडल, एंटीग्रेविटी, सिम्पल मशीन, डीजल व पैट्रोल इंजन, कंजरवेशन ऑफ मूवेंटम, उर्जा सरंक्षण एवं उत्पादन सम्बन्धित मॉडल, कैमिकल्ज, अर्थशेप, कंजरवेशन आफ एनर्जी, प्रकाश के 10 माडल आदि रखे गए हैं।     उन्होंने आज बच्चों, अध्यापकों व प्रशिक्षकों से बातचीत की और कहा कि बच्चों की मांग पर एक ही स्कूल के बच्चों को दोबारा भी इस सैंटर में लाया जा सकता है। सैंटर में आए छात्रों ने बताया कि उन्हें इन उपकरणों के बारे में जानकारी बहुत सरल व व्यवहारिक तरीके से दी जा रही है। बच्चों और प्रशिक्षकों के अनुभव से लगता है कि जिला साईंस सैंटर विज्ञान से सम्बन्धित विषयों में रूझान पैदा करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

No comments:

Post a Comment