शेेक्सपियर की प्रतियों का नवजीवन अनुवाद उपयोग एवं नवनिर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी
दूसरे दिन देश भर के अनेक शोधार्थियों एवं शिक्षाविदों ने प्रस्तुत किये अपने शोधपत्र
सिरसा 14 फरवरी।
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के अंग्रेजी विभाग द्वारा शेेक्सपियर की प्रतियों का नवजीवन अनुवाद उपयोग एवं नवनिर्माण विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन देश भर के अनेक शोधार्थियों एवं शिक्षाविदों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये।
दूसरे दिन चलने वाले पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के प्रो0 भीमसिंह दहिया ने की। इस सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो0 मार्गिट कोवश ने शेक्सपियर के सोनेट्स का हंगरीयन भाषा के अन्दर अनुवाद एवं उसके समाज के ऊपर व्यापक प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि शेक्सपियर का प्रभाव हंगरी के साहित्यकारों पर अत्याधिक है और इसलिए इन द्वारा अनेक कृतियों का अनुवाद हंगरी भाषा के अन्दर किया गया है। इसी सत्र में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के प्रो0 रामनिवास ने शेक्सपियर के कार्यो का उल्लेख भारतीय परिदृश्य में करते हुए बताया कि बॉलीवुड फिल्मों में शेक्सपियर द्वारा लिखे गये अनेक नाटकों के पात्रों व किरदारों को दर्शाया तो जाता है लेकिन सीधे रूप से भारतीय निदेशकों द्वारा इसका उल्लेख नहीं किया जाता है।
इसके उपरान्त जे0एन0यू0 नई दिल्ली के प्रो0 अनिल भट्टी ने विश्व के संदर्भ में शेक्सपियर के साहित्य की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। द्धितीय तकनीकी स्तर की की अध्यक्षता कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के प्रो0 रामनिवास द्वारा की गई। इसके अन्दर जम्मु विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका डा0 गरिमा गुप्ता ने क्षेत्रीय भाषाओं विशेषकर जम्मु की डागरी भाषा में शेक्सपियर की कृतियों के अनुवाद का उल्लेख किया। इसके उपरान्त केन्द्रीय विश्वविद्यालय जम्मू की डा0 विना गुप्ता ने शेक्सपियर द्वारा लिखित नाटक मेकबेथ की ामरज के अन्दर महता पर प्रकाश डाला। इसके उपरान्त डा0 एच0एस0 अरोड़ा अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। इसके उपरान्त प्रो0 के0के0 ऋषि ने शेक्सपियर के सोनेट्स के उर्दू अनुवाद पर शोध पत्र प्रस्तुत किया और बताया कि किस प्रकार उर्दू भाषा के नाटकों के अन्दर शेक्सपियर आज भी जिन्दा है।
इस अवसर पर मंच का संचालन प्रो0 पंकज शर्मा द्वारा किया गया आये हुए मेहमानों का स्वागत सेमीनार की कंवीनर व विभाग की अध्यक्षा प्रो0 अन्नु शुक्ला ने किया। मेहमानों का धन्यवाद शैक्षणिक मामलों की अधिष्ठाता प्रो0 दीप्ति धर्माणी ने किया। इस अवसर पर विभाग के प्रो0 उमेद सिंह व शोधार्थियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
जनसम्पर्क अधिकारी
दे0वि0वि0
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