सिरसा, 18 मार्च। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश जस्टिस जसवंत सिंह ने कल सांय स्थानीय जिला जेल का निरीक्षण कर पौधारोपण किया।
उन्होंने इस निरीक्षण के दौरान जेल में कैदियों से भी मुलाकात व बातचीत की तथा उनकी समस्याएं सुनी। इनके साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती बिमलेश तंवर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री सतीश कुमार, जेल अधीक्षक श्री अमित भादु सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
जस्टिस जसवंत सिंह ने कहा कि ऐसे कैदी जो कोर्ट में अपने मामले की अपील करना चाहते हैं उन्हें कोर्ट फीस व वकील की फीस भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जाए। कैदियों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए समय-समय पर जेल में कानूनी जागरूकता शिविर लगाए जाएं जिसमें पैनल बोर्ड के वकील उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी देें। कोई भी कैदी कानूनी सेवाएं उपलब्ध करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों से मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन सुनिश्चित करें कि कोई भी सजायाफता कैदी जेल में मोबाइल इत्यादि का प्रयोग न करे और न ही मोबाइल रखे। कैदी घर में पत्राचार कर सकते हैं। पत्राचार के लिए कागज व टिकट आदि की सुविधा भी जेल प्रशासन को मुहैया करवानी होगी। उन्होंने कहा कि पत्राचार में लिखे मजबून को जेल अधीक्षक पढ़ सकता है जिससे जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि पत्र में राष्ट्र व अन्य सुरक्षा तथा संवेदनशील विषयों के बारे में विवरण न लिखा हुआ हो। इसके साथ-साथ रेडियो सुनने व टेलीविजन देखने की सुविधा भी जेल प्रशासन को कैदियों के लिए मुहैया करवानी होगी। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक शिक्षा का अधिकार भी सभी कैदियों को है। कोई भी कैदी जेल परिसर में यह सुविधा उपलब्ध कर सकता है। जिला जेल के भोजनालय, चिकित्साल्य, सुरक्षा रूम का भी निरीक्षण किया।
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