बाबा भानी गिर जी महाराज आश्रम नौरंग में चल रही है श्रीमद्भागवत कथा
ओढ़ां
खंड के गांव नौरंग स्थित बाबा भानी गिर जी महाराज आश्रम के प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक अश्विनी शास्त्री ने उपस्थित महिला पुरूष श्रद्धालुओं को भक्त प्रह्लाद का वृतांत सुनाया।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जिस समय असुर संस्कृति शक्तिशाली हो रही थी ठीक उसी समय असुर कुल में एक अद्भुत बालक प्रह्लाद का जन्म हुआ। प्रह्लाद का पिता असुरराज हिरण्यकशिपू देवताओं से वरदान प्राप्त कर के निरंकुश हो गया था। उसने आदेश दिया कि उसके राज्य में कोई भी विष्णु की पूजा नही करेगा। परंतु प्रह्लाद विष्णु भक्त था और ईश्वर में उसकी अटूट आस्था थी। इस पर क्रोधित होकर हिरण्यकशिपू ने उसे मृत्यु दंड दिया। हिरण्यकशिपू की बहन होलिका जिसको आग से न जलने का वर था वो प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई परंतु ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद को कुछ न हुआ और वह स्वयं भस्म हो गई। भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपू को मारकर सृष्टि को उसके अत्याचारों से मुक्ति प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने कथावाचन के साथ साथ 'मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे प्रभु सारे संसार में, सारी दुनिया नूं तारन वालेया तैनू मेरी लख वंदना और गोबिंद मेरो है गोपाल मेरो हैÓ आदि भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को निहाल किया। इस मौके पर क्षेत्र भर के गणमान्य लोगों सहित अनेक महिला पुरूष श्रद्धालु मौजूद थे।