सुनीलपाल जिलाध्यक्ष |
पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष श्री घारू ने कहा कि वाल्मीकि समाज के पढ़े-लिखे युवाओं को वर्ग 'ए' के आरक्षण के मात्र दस सालों में जो लाभ मिला, उससे वह अपने हकों के प्रति जागरूक हुआ है और अब वह सत्ता में अपनी हिस्सेदारी चाहता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति को एक जाति विशेष ने सत्ता में अपने प्रभाव के चलते वर्ग 'ए' की जातियों के अधिकारों का हनन एवं शोषण किया है। वर्ग 'बी' की इस जाति ने इसी शोषण के चलते अपना वर्चस्व इतना बढ़ा लिया है कि आज वह सरकारी नौकरियों में जाट, बनिया, पंजाबी, ब्राह्मण व अन्य स्वर्ण जातियों की तुलना में हर क्षेत्र में कहीं आगे है। संविधान की धारा 16(4) का हवाला देते हुए घारू ने कहा कि अब संविधान के अनुसरण में अनुसूचित जाति की वर्ग 'बी' में आने वाली जातियों को आरक्षण की परिधि से बाहर किया जाना चाहिए ताकि अन्य दलित व पिछड़ी जातियों को भी लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर अन्य जातियों को ब्लैकमेल करने वाली इस जाति ने वर्ग 'ए' को कुचल कर रख दिया है और जो मुख्यमंत्री इस जाति को यूं अन्य जातियों के शोषण करने में मदद करेगा, उसे वर्ग 'ए' वोट की चोट के माध्यम से बदल कर दम लेगा। उन्होंने कहा कि क्योंकि कांग्रेस ने वर्ग 'ए' का आरक्षण समाप्त किया है, अब युवाओं ने यह प्रण लिया है कि कांग्रेस का प्रदेश में बिहार जैसा हाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हाल ही में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में युवा वाल्मीकि महासभा मुख्यमंत्री को अपना उदाहरण पेश कर चुकी है और आने वाले चुनावों में भी राजनीति में अनूठा उदाहरण पेश करने की क्षमता रखता है।
बैठक व पत्रकार वार्ता के दौरान उनके साथ मौजूद लोगों में मुख्य रूप से वाल्मीकि युवा महासभा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सुनीलपाल वाल्मीकि, युवा वाल्मीकि महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सकेतड़ी, प्रदेश महासचिव जनक अटवाल, एडवोकेट राकेश, कैथल जिलाध्यक्ष जितेंद्र फटल, चंद्रप्रकाश बौसती, जयकुमार हंसी, डॉ. दलबीर, जोगेंद्र, राजबीर, सुधीर, पवन चड्ढा, संजय, दीपक लोट, अजय वैद्य, राजेश भूम्बक, विजय कुमार सिवानी व रविंद्र आदि मौजूद थे।
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