Loading

08 March 2017

किशोर न्याय कानून 2015 व पोक्सो एक्ट 2012 का प्रशिक्षण शिविर आयोजित

सिरसा, 8 मार्च। जिला बाल संरक्षण ईकाई सिरसा द्वारा आज स्थानीय पंचायत भवन में किशोर न्याय कानून 2015 व पोक्सो एक्ट 2012 का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें खंड बड़ागुढ़ा, ऐलनाबाद व रानियां के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती गीता कथुरिया व श्रीमती सुरेश रानी थे। 
बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती गीता कथुरिया ने कहा कि अपने बच्चों के समान ही अन्य बच्चों के हित में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें परिवार में लड़के व लड़कियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए। लड़कियां भी किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यापक समाज का एक मुख्य स्तंभ है, अध्यापकों को स्कूल में लड़के व लड़कियों को किशोर न्याय कानून 2015 के बारे में अधिक से अधिक जागरुक करना चाहिए। 
जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. गुरप्रीत कौर ने अध्यापकों को बच्चों के अधिकारों के बारे में प्रशिक्षित किया। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा व देखभाल को मद्देनजर रखते हुए सभी अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि ऐसे अनाथ, लावारिस व जरुरतमंद बच्चों को सबसे अधिक पारिवारिक वातावरण देने की आवश्यकता होती है और पालक माता-पिता बन कर ही उनको पारिवारिक वातावरण प्रदान कर सकते हैं। पालक माता-पिता बनने के लिए जिला बाल संरक्षण ईकाई से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेसहारा बच्चों की सुरक्षा के लिए स्वयंसेवक बनकर तथा बाल संरक्षण ईकाई कार्यालय के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को किशोर न्याय कानून के बारे में जानकारी दें तथा उन्हें सुरक्षित स्कूल वातावरण प्रदान करें क्योंकि बच्चे अपने घर से अधिक समय स्कूल व ट्यूशन में बिताते हैं। उन्होंने अध्यापक व अध्यापिकाओं से कहा कि वे स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान भी बच्चों को इस बारे जानकारी दें ताकि बच्चे अधिक से अधिक जागरुक व सुरक्षित हो सके।
संरक्षण अधिकारी श्रीमती अंजना डूडी ने पोक्सो एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में बच्चों के साथ यौन दुव्र्यवहार की घटनाएं अधिक हो रही है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए बच्चों में जागरुकता लानी अनिवार्य है ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिल सके। यदि इस प्रकार की घटना से पीडि़त बच्चा किसी अध्यापक के सम्पर्क में आता है तो उसकी जानकारी बाल संरक्षण विभाग में दे, जानकारी देेने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा। अन्याथा एनसीपीसीआर द्वारा ऑनलाईन ई-बॉक्स लांच किया गया है जिसमें यौन अपराध की शिकायत ऑनलाईन दर्ज की जा सकती है। इसके लिए ठ्ठष्श्चष्ह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ पर लॉग-ईन किया जा सकता है। इसके अलावा हैल्पलाईन नम्बर 98682-35077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। 
कानूनी परिवीक्षा अधिकारी डा. मौनिका चौधरी ने कहा कि भीख देना भी एक अपराध है। यदि हम बच्चों को भीख देते हैं तो यह भिक्षावृति को बढ़ावा देना ही है। उन्होंने किशोर न्याय कानून 2015 में बच्चों से संबंधित अपराधों की कानूनी जानकारी जैसे शारीरिक दंड, क्रुरता, भिक्षावृति, बालश्रम आदि से संबंधित कानून व सजा के प्रावधानों के बारे में दी।
सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामगोपाल शर्मा द्वारा बच्चों से संबंधित बच्चों की सुरक्षा हेतु खंड व गांव स्तर पर बाल संरक्षण कमेटी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। चाईल्ड हैल्पलाईन कॉर्डिनेटर जसप्रित ओलख ने चाईल्ड हैल्पलाईन नम्बर 1098 की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल अपराध बारे कोई भी जानकारी इस नम्बर पर दी जा सकती है, यह निशुल्क है। 
इस अवसर पर संतोष रानी, मिनाक्षी सिहाग, ज्योति बाला, श्री विजय कुमार, श्रीमती कविता तिवाड़ी, श्री चरनजीत, राजेंद्र कुमार व आनंद सहित विभिन्न स्कूलों के अध्यापक व अध्यापिकाएं भारी संख्या में उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment